प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान संविधान निर्माताओं को प्रणाम किया. अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर खूब हमला बोला. कहा कि कांग्रेस के माथे पर इमरजेंसी का पाप कभी नहीं धुलने वाला.
PM मोदी ने कहा, 'जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था, उसी समय देश में संविधान को नोंच लिया गया. इमरजेंसी लगाई गई. संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त किया गया. देश को जेलखाना बना दिया गया. नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए. प्रेस की स्वतंत्रता छीन ली गई. कांग्रेस के माथे पर इमरजेंसी का पाप कभी धुलने वाला नहीं है.'
'अपना संविधान चलाते थे नेहरू'
PM मोदी ने आरोप लगाया कि पंडित नेहरू अपना संविधान चलाते थे. उन्होंने अतीत की घटना की याद दिलाते हुए कहा, 'तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने लिखा- अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए.'
उन्होंने कहा, '1951 में जब ये पाप हुआ, देश चुप नहीं था. तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने चेताया, ये गलत हो रहा है. स्पीकर ने, आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण और महान कांग्रेसी नेताओं ने कहा, रोको. लेकिन पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था, लेकिन नेहरू जी ने किसी की सलाह नहीं मानी.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है.'
'कांग्रेस के मुंह में खून लग गया है'
PM मोदी ने कहा, 'करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था इंदिरा गांधी. 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया और 1971 में ये संविधान संशोधन किया गया था. उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की. संविधान के महत्व को कम किया. कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है.
GST समेत कई बड़े फैसलों की चर्चा
उन्होंने कहा, '1951 में चुनी हुई सरकार नहीं थी, तब भी ऑर्डिनेंस लाकर संविधान बदला गया. अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह में खून लग गया है, वो संविधान का शिकार करती रही है. इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश में इमरजेंसी लगाई गई. आपातकाल में न्यायपालिका का गला घोंट दिया गया और हजारों लोगों को जेल भेजा गया.'
PM मोदी ने शाहबानो केस का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को उसका हक दिया था. शाहबानो केस में संविधान की भावना की बलि चढ़ा दी गई. राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया. वहीं राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी भी इसी में लगी है. सरकार का मुखिया 'कैबिनेट नोट' बनाता है तो उसे परिवार की अगली पीढ़ी ने फाड़ दिया.
PM मोदी ने कहा, 'इकोनॉमिक यूनिटी के लिए GST ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है. पहले की सरकार का भी कुछ योगदान है, हमने इसे बहुत आगे बढ़ाया. वन नेशन, वन टैक्स , हमारी भूमिका को आगे बढ़ा रहा है.'
उन्होंने कहा, 'गरीबी कम करने में राशन कार्ड का बड़ा योगदान रहा है, लेकिन गरीब आजीविका के लिए कहीं जाता था, तो इस योजना से वंचित हो जाता था. ऐसे में हमने वन नेशन, वन राशन कार्ड की सुविधा को सुनिश्चित किया.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए मजबूत कदम उठा रहा है. इस देश के 140 करोड़ नागरिकों का संकल्प है कि जब हम अपने देश की आजादी का जश्न मनाएंगे तो हम भारत को एक विकसित भारत राष्ट्र बनाकर रहेंगे. ये हर भारतीय का संकल्प है, ये हर भारतीय का सपना है. इस संकल्प की पूर्ति के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भारत की एकता है. हमारा संविधान भारत की एकता की नींव भी है.
'देश में लागू होगी समान नागरिक संहिता'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार समान नागरिक संहिता लाने के लिए पूरी ताकत से लगी हुई है. उन्होंने कहा, 'समान नागरिक संहिता पर भी संविधान सभा ने चर्चा की थी. निर्णय किया कि जो भी सरकार चुन कर आए, इसे लागू करे. बाबा साहेब आंबेडकर ने धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म किए जाने की जोरदार वकालत की थी. उस समय के सदस्य KM मुंशी ने राष्ट्र की एकता और आधुनिकता के लिए जरूरी बताया था.'
आगे उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा था कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए. इसलिए संविधान और संविधान निर्माताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हम पूरी ताकत से लगे हुए हैं, यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने के लिए. कांग्रेस इन भावनाओं का अनादर कर रही है.'
'भारत, लोकतंत्र की जननी'
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए संविधान के 75 वर्ष की यात्रा को यादगार यात्रा बताया. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. संविधान के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि है. ये उत्सव मनाने का क्षण है.
PM मोदी ने कहा, '75 वर्ष की ये उपलब्धि असाधारण है. जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है. इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं.'
'नारी शक्ति का वंदन'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारी नारी शक्ति ने, संविधान निर्माण में, इसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मौलिक चिंतन के आधार पर उन्होंने संविधान सभा के चिंतन को समृद्ध किया था. संविधान में उन्होंने जो सुझाव दिए, उनका संविधान निर्माण में बड़ा प्रभाव रहा था. हमारे लिए गर्व की बात है कि दुनिया के कई देशों को महिलाओं को अधिकार देने में दशकों बीत गए, लेकिन हमारे यहां शुरुआत से ही महिलाओं को वोट का अधिकार दिया गया था.'
आगे उन्होंने कहा कि हमारी महिला शक्ति को भारतीय लोकतंत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हमलोगों ने कदम उठाए हैं. हम देख रहे हैं कि हर योजना के केंद्र में महिलाएं होती हैं. और ये संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है.
उन्होंने कहा, 'इस सदन में हमारे महिला सदस्यों की संख्या बढ़ रही है, उनका योगदान बढ़ रहा है. हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान, महिलाओं का प्रतिनिधित्व देश के लिए गौरव दिलाने वाला है. स्पेस सेक्टर में उनके योगदान की सराहना हर हिंदुस्तान कर रहा है. इन सबकी प्रेरणा हमारा संविधान है.'