सबसे बुरे दौर में भारत-कनाडा संबंध; इन्वेस्टमेंट-ट्रेड से नागरिकों के आपसी रिश्तों तक, किन मोर्चों पर होगा असर?

कनाडा के पब्लिक फंड्स ने भारत में टेलीकॉम, रियल एस्टेट, रोड-हाईवे जैसे क्षेत्रों में बड़ा निवेश किया है.

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भारत और कनाडा के संबंध (India-Canada Relations) इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट का सामना कर रहे हैं. दोनों देशों की खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर दोबारा टसल हो गई है.

हाल में दोनों देशों ने एक-दूसरे के 6-6 डिप्लोमैट्स को निष्काषित कर दिया. इससे ट्रेड से लेकर इन्वेस्टमेंट्स और लोगों के आपसी संबंधों पर कुछ हद तक खराब असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है.

हालांकि सरकार से जुड़े सूत्रों ने NDTV प्रॉफिट से कहा कि भारत, कनाडा से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को लेकर चिंतित नहीं है. कनाडा से जो निवेश भारत आ रहा है, वो इनडायरेक्ट चैनल्स से आता रहेगा.

फिलहाल समझते हैं कि यहां दोनों देशों के लिए क्या-क्या दांव पर लगा है.

निवेश

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के डेटा के मुताबिक कनाडा के निवेशकों के भारत में करीब 1.98 लाख करोड़ रुपये इक्विटी और 36,000 करोड़ रुपये डेट में लगे हैं. तनाव के बावजूद कनाडा का भारत में निवेश सितंबर 2024 में सालाना आधार पर 32% बढ़कर 2.34 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. कनाडा के पब्लिक फंड्स ने भारत में टेलीकॉम, रियल एस्टेट, रोड-हाईवे जैसे क्षेत्रों में बड़ा निवेश किया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल भारत में कनाडा की करीब 600 कंपनियां मौजूद हैं.

द्विपक्षीय व्यापार

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत और कनाडा का द्विपक्षीय व्यापार 2023 में करीब 19.4 बिलियन डॉलर रहा. व्यापार कनाडा की तरफ झुका हुआ है. भारत के लिए 3.25 बिलियन डॉलर के इस व्यापार घाटे की वजह कनाडा का सर्विस एक्सपोर्ट है.

अगर गुड्स ट्रेड की बात करें तो भारत ने 5.56 बिलियन डॉलर के सामान का एक्सपोर्ट किया, जबकि 3.8 बिलियन डॉलर के सामान का इंपोर्ट किया. कनाडा भेजे जाने वाले भारत के कुछ प्रमुख एक्सपोर्ट्स में फार्मा प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, ज्वेलरी, रत्न, इंजीनियरिंग गुड्स और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं.

वहीं अहम इंपोर्ट की बात की जाए तो भारत, कनाडा से खनिज, दाल, न्यूजप्रिंट, लोहा और एल्यूमीनियम स्क्रैप, इंडस्ट्रियल केमिकल्स और कुछ तरह के रत्न मंगवाता है.

लोगों के आपसी संबंध

18 लाख भारतीय मूल के लोग और 1 लाख NRIs कनाडा में मौजूद हैं. ये दुनिया में सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समूह में से एक है. कनाडा की पूरी आबादी में ये हिस्सेदारी करीब 3% है.

ICEF मॉनिटर के मुताबिक एजुकेशन कनाडा का टॉप एक्सपोर्ट सेक्टर है, इसकी हिस्सेदारी कनाडा के सर्विस एक्सपोर्ट में करीब 25% है. जबकि 2022 में GDP में एजुकेशन एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी 1.2% थी.

2023 में कनाडा में विदेश छात्रों की आबादी रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई. इसमें सबसे ज्यादा 4.27 लाख भारत से थे. ये दूसरे नंबर पर मौजूद चीनी छात्रों की संख्या से चार गुना ज्यादा थी, चीनी छात्रों की कनाडा में आबादी करीब 1.01 लाख थी.

ICEF मॉनिटर के मुताबिक इंटरनेशनल छात्रों के खर्च से कनाडा में 3.61 लाख नौकरियों का सपोर्ट मिलता है. देखा जाए तो यहां काफी कुछ दांव पर लगा है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनके परिवार कनाडा में रह रहे हैं.

भारत पर कनाडा के व्यापार या निवेश का दबाव नहीं

कनाडा से बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को लेकर चिंतित नहीं है. NDTV Profit को कॉमर्स मिनिस्ट्री से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत का कनाडा के साथ इतना ज्यादा व्यापार नहीं है कि जिससे कोई बड़ी चिंता पैदा हो. बाकी आगे भी इनडायरेक्ट चैनल्स से निवेश आता रहेगा.

बता दें कनाडा के कई फंड्स, खासतौर पर पब्लिक पेंशन फंड ने भारत में बड़ा निवेश किया है. सूत्रों के मुताबिक कनाडा से सिंगापुर, मॉरीशस और मिडिल ईस्ट के रास्ते ये निवेश भारत आएगा.

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