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Year Ender 2023: Byju's के बंटाधार, फंडिंग के सुखाड़ और IPOs की भरमार के बीच स्‍टार्टअप्‍स के लिए कैसा रहा ये साल?

स्‍टार्टअप्‍स के लिए साल 2023 कुल मिलाकर बुरा रहा. हालांकि बुरे दौर में भी कुछेक अच्‍छी खबरें भी आईं. पढ़ें विस्‍तृत रिपोर्ट.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी02:24 PM IST, 16 Dec 2023NDTV Profit हिंदी
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Startups Year ender Story: कभी दुनियाभर के इन्‍वेस्‍टर्स का ध्‍यान खींचने वाला स्‍टार्टअप Byju's अर्श से फर्श पर आ चुका है. भारत-पे (BharatPe) का अश्‍नीर ग्रोवर के साथ विवाद कोर्ट में है. अनार (Anar), DUX एजुकेशन और Fantok जैसे कई स्‍टार्टअप्‍स बंद हो चुके हैं.

Tata 1mg, डाउटनट, Otipy जैसे स्‍टार्टअप्‍स में निवेश कर चुकी इन्वेस्टमेंट फर्म ओमिडयार नेटवर्क इंडिया (Omidyar Network India) का भारत में कारोबार समेटना पूरे स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं.

फंडिंग की बात करें तो भारतीय स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम ने इस साल 73% की गिरावट देखी. रोजगार के नजरिये से भी साल अच्‍छा नहीं गुजरा. कॉस्‍ट कटिंग और री-स्‍ट्रक्‍चरिंग के नाम पर दर्जन भर से ज्‍यादा स्‍टार्टअप्‍स ने ताबड़तोड़ छंटनियां कीं.

स्‍टार्टअप्‍स के लिए साल 2023 कुल मिलाकर बुरा रहा. हालांकि ऐसा नहीं कि इस साल केवल बुरी खबरें ही आईं.

तमाम कठिनाइयों के बीच कुछेक अच्‍छी खबरें भी आईं. जैसे ग्रॉसरी डिलीवरी प्‍लेटफॉर्म जेप्‍टो (Zepto) और फिनटेक फर्म इनक्रेड (InCred) के रूप में देश को 2 नए यूनिकॉर्न भी मिले.

इस साल 18 स्‍टार्टअप कंपनियों ने अपने IPO पेश किए और आइडियाफोर्ज (Ideaforge), यात्रा (Yatra), IKIO लाइटिंग जैसे स्‍टार्टअप्‍स के IPO को बेहतर रेस्‍पॉन्‍स भी मिला.

आइए, अब थोड़ा विस्‍तार से समझ लेते हैं कि ये पूरा साल (2023) स्‍टार्टअप्‍स के लिए कितना अच्‍छा, कितना बुरा रहा. शुरुआत करते हैं फंडिंग से.

फंडिंग का सुखाड़

2023 का पूरा साल ही स्‍टार्टअप्‍स के लिए फंडिंग विंटर (Funding Winter) साबित हुआ. डेटा इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म Tracxn की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स्‍टार्टअप कंपनियां इस साल 973 राउंड की फंडिंग में महज 6.9 बिलियन डॉलर ($6,863,768,744) हासिल कर पाईं. पिछले साल के 25 बिलियन डॉलर की तुलना में ये 72% कम है.

इस साल सबसे ज्‍यादा फंडिंग हासिल की, फिनटेक कंपनी PhonePe ने. इसने 4 राउंंड में करीब 750 मिलियन डॉलर जुटाए. वहीं 2 राउंंड की फंडिंग में 600 मिलियन डॉलर जुटाकर Lenskart दूसरे नंबर पर रहा.

बैंग्लुरु बेस्‍ड Perfios ने 229 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की. यूनिकॉर्न बनी Zepto ने भी इस साल 200 मिलियन डॉलर जुटाए. टॉप फंडिंग पाने वाले अन्‍य स्‍टार्टअप्‍स में इंश्‍योरेंस देखो (Insurancedekho), क्रेडिट-बी (Kreditbee), ओला इलेक्ट्रिक, महिंंद्रा इलेक्ट्रिक, जेटवर्क (Zetwerk) जैसे नाम शामिल हैं.

फिनटेक, रिटेल में फंडिंग घटी, स्‍पेस-टेक में बढ़ी

स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच और कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में सरकार के प्रयासों से प्रेरित फिनटेक सेक्‍टर को इस साल सबसे ज्‍यादा फंडिंग ($2.1 बिलियन) मिली. हालांकि पिछले साल की तुलना में ये 64% कम है.

रिटेल और इंटरप्राइज ऐप्‍स का भी हाल बुरा रहा. रिटेल सेक्टर को 1.9 बिलियन डॉलर की फंडिंग मिली, जो पिछले साल की तुलना में 67% कम है. स्‍पेस में भारत की बढ़ती धमक के बीच स्‍पेस-टेक स्‍टार्टअप कंपनियों ने भी निवेशकों का ध्‍यान खींचा. इस सेक्‍टर में 6% का उछाल देखा गया.

कई स्‍टार्टअप्‍स बंद हो गए

कई स्‍टार्टअप आर्थिक संकट से जूझते-जूझते बंद हो गए. आंकड़े बताते हैं कि 90% स्टार्टअप फेल होकर बंद हो जाते हैं. बाकी 10 सफल स्‍टार्टअप्‍स में से भी एक ही स्टार्टअप ऐसा होता है, जो कमाल कर पाता है.

40 करोड़ डॉलर
की वैल्‍युएशन तक पहुंच चुका ZestMoney इस साल की आखिरी तारीख यानी 31‍ दिसंबर को बंद हो रहा है.

इस साल बंद होने वाले स्‍टार्टअप्‍स में अनार (Anar), बेलोरा कॉस्‍मेटिक्‍स (Belora Cosmetics), फैनटॉक (Fantok), डील-शेयर (Dealshare), कनेक्‍टेड H (ConnectedH), DUX एजुकेशन और पिलो (Pillow) जैसे बड़े नाम शामिल हैं. आप और सर्च करेंगे तो ये लिस्‍ट काफी लंबी चली जाएगी.

FIR, कोर्ट, जेल... विवादों ने मचाया बवाल

साल 2023 में स्टार्टअप्स में कई ऐसे विवाद सामने आए, जिन्होंने तूफान खड़ा कर दिया. सबसे पहला नाम आता है, एडटेक Byju's का. Byju's के लिए पूरा साल विवादों से भरा रहा. 1.2 बिलियन डॉलर के भुगतान को लेकर इसके क्रेडिटर्स संग विवाद विदेशों में कोर्ट तक पहुंच गया. लगातार छंटनी, अर्निंग रिपोर्ट में देरी, ED की जांच, BCCI संग विवाद और बोर्ड से एक के बाद एक कई एग्जिट ने इसका बबल दुनिया के सामने फोड़ दिया.

साल के शुरुआती महीनों में, ऑटोमोबाइल आफ्टर-सेल्स स्टार्टअप GoMechanic को भी कॉर्पोरेट गवर्नेंस संकट का सामना करना पड़ा. इस पर फर्जी नंबर दिखाकर निवेशकों को सालों तक गुमराह करने के आरोप लगे. स्टार्टअप के फाउंडर्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में FIR भी दर्ज कराई गई.

इसी तरह हेल्थटेक स्टार्टअप मोजोकेयर में भी के संस्थापक अश्विन स्वामीनाथन और रजत गुप्ता ने भी बैलेंस शीट में हेरफेर की बात कबूल की. इसके बाद नेतृत्व में बदलाव आया और आखिरकार ऑपरेशन बंद करने का निर्णय लिया गया. निवेशकों का पैसा वापस मिल गया.

ब्रोकर नेटवर्क स्‍टार्टअप हाउसिंग डॉट कॉम (Housing.Com) के फाउंडर राहुल यादव भी वित्तीय हेरफेर को लेकर विवादों में रहे. एक समय वे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचने वाले थे, लेकिन 50 लाख रुपये के चेक बाउंस मामले में पूर्व दायर याचिका के चलते वे बच गए. इन्‍फो एज ने 288 करोड़ रुपये के भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया. आर्थिक अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है. कई महीने से कर्मियों को सैलरी भी पेंडिंंग है.

भारतपे (BharatPe) और उसके को-फाउंडर रहे अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) के बीच विवाद ने भी खूब छी-छा-लेदर मचाया. कंपनी ने अश्नीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और उनकी फैमिली के खिलाफ फर्जी बिल लगाकर 88 करोड़ के नुकसान के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में FIR दर्ज कराई.

ग्रोवर, लगातार आरोपों से इनकार करते रहे. उनके खिलाफ कंपनी ने सोशल मीडिया पर गोपनीय जानकारी शेयर करने के भी आरोप लगाए. लुकआउट नोटिस भी जारी हुआ. कई मामले में वो कानूनी जांच का सामना कर रहे हैं.

कथित तौर पर 5,000 करोड़ का महादेव बेटिंग ऐप घोटाला (Mahadev Betting App Scam) तो छत्तीसगढ़ चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी चुनावी भाषण में इसे उछाला. इस मामले में मुख्‍य आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्‍पल का राजनीतिक कनेक्‍शन बताया गया.

चंद्राकर की शादी में 200 करोड़ रुपये के खर्च ने ED का ध्यान खींचा था. शादी में पहुंचे और ऐप का प्रोमोशन करने वाले कई बॉलीवुड सिलेब्रिटी को भी ED की पूछताछ का सामना करना पड़ा. इंटरपोल की नोटिस पर रवि उप्पल को हाल ही में दुबई में गिरफ्तार किया गया है.

विवादों और गड़बड़ियों की लिस्‍ट और लंबी है. खैर, अब हम कुछ सकारात्‍मक बिंदुओं पर बात कर लेते हैं.

Zepto और InCred बने यूनिकॉर्न

इस साल यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री लेने वाले स्‍टार्टअप्‍स में पहला नाम है- क्विक-कॉमर्स कंपनी जेप्टो (Zepto) का. ग्रॉसरी डिलीवरी करने वाली क्विक कॉमर्स कंपनी की शुरुआत 2021 में मुंबई से हुई. अगस्त में 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाकर जुटाने के साथ ही कंपनी की वैल्‍युएशन 1 बिलियन डॉलर से ज्‍यादा हो गई और इस तरह कंपनी इस साल की पहली यूनिकॉर्न बनी.

दूसरा नाम है, फिनटेक सेक्‍टर के स्‍टार्टअप इनक्रेड (InCred) का. भूपिंदर सिंह ने साल 2016 में इनक्रेड की शुरुआत की थी. आम लोगों के साथ-साथ छोटे-मझोले उद्योगों के लिए ऑनलाइन लोन मुहैया कराती है. नवंबर में 60 मिलियन डॉलर जुटा कर कंपनी यूनिकॉर्न क्‍लब में शामिल हो गई है.

इन स्‍टार्टअप्‍स ने खींचा ध्‍यान

देश में बढ़ते स्‍टार्टअप कल्‍चर के बीच इस साल सितंबर में LinkedIn ने टॉप-20 स्टार्टअप्‍स (Top-20 Startups of india) की लिस्ट जारी की. 1 जुलाई 2022 से 30 जून 2023 तक की अवधि में 4 पैमानों पर स्‍टार्टअप्‍स को आंका गया. ग्रोथ, एंगेजमेंट, जॉब इंट्रेस्ट और टॉप टैलेंट को अपनी ओर खींचने के आधार पर ये लिस्‍ट तैयार की गई.

टॉप 20 लिस्‍ट में शामिल अन्‍य स्‍टार्टअप्‍स

  • 11. Jar- ऑटोमेटेड गोल्ड सेविंग्स ऐप

  • 12. Shyft (Mindhouse)- वेलनेस और लाइफ मैनेजमेंट स्‍टार्टअप

  • 13. Teachnook- ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म

  • 14. StockGro- ट्रेड और इन्‍वेस्‍टमेंट ट्रेनर

  • 15. Exponent Energy- EV चार्जिंग सॉल्‍यूशन प्रोवाइडर

  • 16. Housr- लग्जरी को-लिविंग सॉल्यूशन प्रोवाइडर

  • 17. AccioJob- वेब डेवलपमेंट और डेटा एनालिटिक्स ट्रेनर

  • 18. TravClan- फ्लाइट होटल बुकिंग प्रोवाइडर

  • 19. DotPe-ओम्नीचैनल सेलिंग के लिए बिजनेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर

  • 20. Fasal- हॉर्टिकल्चर फार्मिंग सर्विस और सॉल्‍यूशन प्रोवाइडर

कई स्‍टार्टअप्‍स ने IPOs से मचाया धमाल

इस साल कई स्‍टार्टअप्‍स ने मार्केट में अपने IPO उतारे और इसके जरिये भी अच्‍छी-खासी पूंजी जुटाई. पिछले साल की तुलना में देखें तो IPOs की संख्‍या में ज्‍यादा गिरावट नहीं देखी गई. 2022 में जहां 19 IPO आए थे, 2023 में अब तक 18 IPO आ चुके हैं.

आइडियाफोर्ज (Ideaforge), यात्रा (Yatra) और IKIO लाइटिंग इस साल के महत्‍वपूर्ण IPO साबित हुए. 638-672 रुपये के प्राइस बैंड वाले Ideaforge की लिस्टिंग 1,305 रुपये/शेयर पर हुई. हालांकि Yatra के IPO की लिस्टिंग 8.5% कम पर हुई. वहीं, 270-285 रुपये के प्राइस बैंड वाले IKIO लाइटिंग के IPO की लिस्टिंग 37% ज्‍यादा 392 रुपये/शेयर पर हुई. कई और भी IPOs को बेहतर रेस्‍पॉन्‍स मिला.

और फिर से जगमगाएगी स्‍टार्टअप की दुनिया

NDTV Profit के लॉन्‍च पर पहुंचे कोटक महिंद्रा AMC के MD नीलेश शाह (Nilesh Shah) ने खास बातचीत के दौरान कहा, 'जैसे पूनम के बाद अमावस और अमावस के बाद फिर से पूर्णिमा आता है, उसी तरह स्‍टार्टअप्‍स के लिए तेजी के बाद मंदी आई है और मंदी के बाद फिर से तेजी आएगी.'

ट्रैक्सन की को-फाउंडर नेहा सिंह का कहना है, 'भले ही 2023 में फंडिंग में आई गिरावट, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्‍टम के लिए चुनौतियां पेश करती हैं, लेकिन भविष्‍य को लेकर वो आशावादी हैं.' स्‍टार्टअप के अनुकूल सरकारी नीतियों और तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के बीच उनका मानना है कि इनोवेशन और वैल्‍यू क्रिएशन पर स्‍टार्टअप्‍स का फोकस बना हुआ है. उन्‍हें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में स्‍टार्टअप्‍स तेजी से उभरेंगे और फलेंगे-फूलेंगे.

नीलेश शाह ने एडोब (Adobe) के CEO शांतनु नारायण को कोट किया, जिन्‍होंने हाल ही में कहा था कि अगर वो आज के भारत में बड़े हो रहे होते तो हैदराबाद छोड़कर अमेरिका नहीं जाते. उन्‍होंने कहा, 'पहले अवसर नहीं थे तो टैलेंट्स को बाहर जाना पड़ता था, लेकिन अब परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं. यहां बेहतर माहौल है, सही नीतियां हैं.' पूरी बातचीत में शाह आशावादी दिखे. कहा- आने वाले समय में हो सकता है, फार्च्‍यून-500 कंपनियां भारत से ही बनें.

(Source: Bloomberg/Tracxn Report/NDTV Money/Exchange Filing/PTI)

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