Luggage Losers Airlines Ranking: भारतीय एयलाइन 'एयर इंडिया' में हर 31वें पैसेंजर का सामान गुम हो सकता है. ये दावा है, हाल ही में बनाई गई वेबसाइट 'लगेज लूजर्स डॉट कॉम' का. वेबसाइट ने दुनियाभर की कई एयरलाइन्स में लगेज गुम हो जाने की संख्या के आधार पर रैंकिंग दी है, जिसमें एयर इंडिया टॉप पर है. इसके बाद कनाडा की वेस्टजेट एयरलाइन और आयरलैंड की एयर लिंगस का नंबर आता है.
दरअसल, ट्रेन या बस में सफर के दौरान सामान गुम होने की खबरें तो आम बात है, लेकिन फ्लाइट से ट्रैवल करने के दौरान आपका कोई लगेज गुम हो जाए तो ये आश्चर्य और निराश करने वाली बात है.
कारण कि चेक-इन से लेकर यात्रा पूरी होने तक एयरलाइन्स सामान की सिक्योरिटी के कड़े इंतजाम होने का दावा करती हैं. इसके बावजूद कई यात्रियों के सामान गुम होने की घटनाएं सामने आती रही हैं.
पिछले दिनों नीदरलैंड निवासी करोड़पति डेवलपर पीटर लेवल्स की गर्लफ्रेंड का सूटकेस एयर ट्रैवल के दौरान गुम हो गया और काफी कोशिश के बाद नहीं मिला. हफ्ते भर पहले स्पेन की वुएलिंग एयरलाइन से लिस्बन से बार्सिलोना की उड़ान के दौरान ऐसा हुआ. उन्हें आश्वासन मिला है कि सूटकेस ऑस्टिन एयरपोर्ट पर है और उन तक पहुंचा दिया जाएगा. हालांकि बुधवार रात तक ऐसा हुआ नहीं.
एयर ट्रैवल के दौरान सामान गुम होने को लेकर बनाए गए 'लगेज लूजर्स डॉट कॉम' का सफर इसी घटना से शुरू हुआ है. सबसे पहले एयरलाइंस की रैंकिंग देख लेते हैं.
सफर के दौरान सामान गुम होने के मामले में जो एयरलाइंस टॉप-10 में हैं, उनमें 3 भारतीय हैं. इस मामले में टॉप पर काबिज एयर इंडिया के अलावा 6ठे नंबर पर स्पाइसजेट और 10वें नंबर पर इंडिगो का नाम है. स्पाइसजेट में हर 72वें यात्री, जबकि इंडिगो में हर 114वें यात्री का सामान गुम हो जाने की संभावना रहती है.
टॉप 10 में ब्रिटेन और स्पेन की भी 2-2 एयरलाइंस के नाम शामिल हैं. स्पेन की जिस वुएलिंग एयरलाइन ने पीटर की गर्लफ्रेंड का सामान गुम किया, वो इस लिस्ट में 9वें नंबर पर है.
पीटर लेवल्स, कुछ साल पहले 12 महीने के भीतर 12 स्टार्टअप की शुरुआत कर चर्चा में आए थे. वे मूल रूप से नीदरलैंड के रहने वाले करोड़पति डेवलपर हैं और अब तक 40 से ज्यादा स्टार्टअप्स शुरू कर चुके हैं. अपनी गर्लफ्रेंड का सूटकेस गुम होने के बाद पीटर ने 'लगेज लूजर्स डॉट कॉम' वेबसाइट बनाई.
ये वेबसाइट उड़ानों की संख्या और लगेज गुम होने की घटना और इस तरह के दूसरे फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए एयरलाइन्स की अलग-अलग कैटगरी के हिसाब से रियल टाइम रैंकिग करती है.
अक्सर लोग ऐसी घटनाओं के बारे में इंटरनेट पर शेयर करते हैं. वेबसाइट का सिस्टम, 100 से ज्यादा भाषाओं में इस बारे में 24*7 सर्च करता है और फिर डेटा के साथ क्रॉस रेफरेंस करके अनुमान लगाता है कि हर रोज कितने सामान गुम हो रहे हैं. दावा है कि ये अलग-अलग देशों की प्रमुख एयरलाइन्स को कवर करता है.
एयर ट्रैवल के दौरान सामान गुम होने के मामले सबसे ज्यादा भारत में ही हैं. आंकड़ों के मुताबिक, देश में हर 72वें एयर पैसेंजर का सामान गुम होने की संभावना है. सामान गुम होने की दर के मामले में भारत के बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, स्पेन, ब्रिटेन, ग्रीस, फिलीपींस, कनाडा, केन्या, हंगरी और आॅस्ट्रिया का नाम आता है. नीचे देखें चार्ट.
लगेजलूजर्स डॉट कॉम फिलहाल कई देशों की 73 एयरलाइन्स को ट्रैक कर रही है. इस लिस्ट में जापान की ऑल निप्पॉन एयरवेज का नाम सबसे नीचे है, यानी इसमें सामान गुम होने की दर सबसे कम है. लैटम ब्राजील और अलास्का एयरलाइंस सबसे कम बैग खोने के मामले में नीचे से दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
पीटर की वेबसाइट मुख्य रूप से सोशल मीडिया से डेटा कलेक्ट करती है, यानी इसकी कुछ सीमाएं हैं. अक्सर लोग सामान गुम होने के बारे में तो जानकारी शेयर करते हैं, लेकिन सामान मिलने पर शायद ही पोस्ट करते हैं. और ऐसे में ये जरूरी नहीं कि वेबसाइट पर मौजूद डेटा और रैंकिंग पूरी तरह सटीक ही हों.