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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) क्यों हैं सोना खरीदने का सबसे बेहतर विकल्प?

अगर आपको सोना खरीदने का सबसे मुफीद विकल्प चुनना है, तो वो रहेगा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) खरीदना.
NDTV Profit हिंदीमंगलम मिश्र
NDTV Profit हिंदी01:46 PM IST, 10 May 2024NDTV Profit हिंदी
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अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) का शुभ पर्व है. भारतीय परिवारों में अक्षय तृतीया पर सोने में निवेश को त्योहार की तरह मनाया जाता है. डिजिटल दुनिया में सोना खरीदने के तमाम विकल्प मौजूद हैं. आप फिजिकल गोल्ड के अलावा डिजिटल गोल्ड ले सकते हैं. वहीं, आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं.

अगर आपको सोना खरीदने का सबसे मुफीद विकल्प चुनना है, तो वो रहेगा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) खरीदना. लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स बाकी विकल्पों के मुकाबले सबसे बेहतर क्यों हैं? आइए जानते हैं.

1. सुरक्षा भरपूर

जब बात सोना खरीदने की आती है, तो सोना खरीदने के साथ उसकी सुरक्षा का भी ख्याल रखना होता है. इसके लिए आमतौर पर परिवार में लॉकर खरीदे जाते हैं, या फिर घर में कहीं पर सोने को रखने की व्यवस्था की जाती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) इन सबसे मुक्त हैं. आप वर्चुअल रूप में सोना खरीदते हैं.

SGBs की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद RBI लेती है. इसमें सोना बॉन्ड के रूप में होता है और इसकी वैल्यू सोने के बराबर होती है. सरकार की ओर से इन्वेस्टमेंट की गारंटी दी जाती है.

2. ब्याज भी मिलेगा

जहां आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो सोने पर कोई ब्याज नहीं मिलता. SGBs में आपको ब्याज मिलता है, वो भी सालाना 2.5%. आप जब SGBs खरीद लेते हैं, तो बेचने पर आपको सोने का वही भाव मिलता है, जो उस वक्त सोने का चल रहा होता है. लॉन्ग टर्म लेवल पर देखें तो सोने की कीमत में सालाना 10% का उछाल आता है.

8 साल की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद SGBs को बेचने पर आपको सोने की एक्चुअल कीमत मिलेगी. सोने पर मिलने वाला 2.5% ब्याज अलग से मिलता रहेगा.

3. निवेश की लिमिट कहीं ज्यादा

अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदना चाहते हैं, तो आपको सरकार की ओर से सोना रखने की एक लिमिट दी गई है. CBDT के हालिया निर्देशों के मुताबिक,

एक विवाहित महिला अपने पास अधिकतम 500 ग्राम सोना रख सकती है. एक अविवाहित महिला अपने पास अधिकतम 250 ग्राम सोना रख सकती है. एक पुरुष अपने पास 100 ग्राम तक सोना रख सकता है. वहीं, SGBs में सोना खरीदने की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम तक की है.

HUF के लिए अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम की है, वहीं ट्र्स्ट के नाम पर ये सीमा 20 किलोग्राम तक पहुंच जाती है.

4. शुद्धता की पूरी गारंटी

जब आप फिजिकल गोल्ड लेते हैं, तो सोने की शुद्धता कितनी है, इसका कोई सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. आप किसी ब्रांडेंड दुकान से सोना लेंगे, तो सोना की शुद्धता और उसकी गारंटी मिलती है, लेकिन आमतौर पर उस गोल्ड पर आपको सामान्य से ज्यादा मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. वहीं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में सोना 24 कैरेट शुद्ध है, क्योंकि ये कागज पर है.

आपके पास कागज है, जिसके मुताबिक आपने कुछ ग्राम सोने के हिसाब से SGBs ले रखे हैं. 5 साल के लॉक इन पीरियड के बाद आप जब भी इनको बेचेंगे, तो 24 कैरेट के भाव पर ही आपको पैसा मिल जाएगा.

5. थोड़ा सस्ता सोना

SGBs को खरीदने के लिए RBI की ओर से जारी सर्कुलर में सोना में हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट मिलती है. मतलब अगर आप 10 ग्राम सोने की SGBs लेते हैं, तो आपको 500 रुपये की छूट मिलती है.

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