केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में यूनियन बजट पेश किया. मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट गरीब, युवा, महिला और किसान वर्ग पर केंद्रित रहा. इसके अलावा इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी, टैक्स स्लैब और कैपिटल गेंस टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव कुछ बड़े ऐलान रहे.
बजट का असर शेयर मार्केट पर भी पड़ा और बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स में गिरावट देखी गई. वित्त मंत्री ने बेहतर राजकोषीय अनुशासन पर जोर दिया. वित्तीय घाटे के लक्ष्य को वित्त वर्ष 2025 के लिए 5.1% से घटाकर 4.9% किया गया है.
इस बीच NDTV Profit के विशेष बजट शो में दिग्गज एक्सपर्ट्स ने बजट में घोषित आर्थिक और वित्तीय रोडमैप के बारे में काफी कुछ कहा है.
आइए यहां डालते हैं, एक नजर, उनके नजरिये पर.
मैक्रो मोजेक इन्वेस्टिंग एंड रिसर्च के फाउंडर मनीष डांगी के अनुसार, कैपिटल गेंस टैक्स में बढ़ोतरी से लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, 'यदि आप बहुत बाद में प्रॉफिट बुक कर रहे हैं तो ज्यादा टैक्स चुकाने के लिए तैयार रहें. बजट में सबसे बड़ी घोषणा कैपिटल गेंस टैक्स पर है और इसे केवल ऊपर की ओर ही बढ़ाया जाएगा. सरकार ने प्रस्ताव दिया है
प्रणव सैता, नेशनल लीडर इंटरनेशनल टैक्स एंड ट्रांजेक्शन सर्विसेज, EY इंडिया के अनुसार, LTCG पर टैक्स बढ़ाने के फैसले को बाजार ठीक से नहीं लेगा. उन्होंने कहा, कुछ एसेट्स पर शॉर्ट टर्म गेंस में 20% तक की बढ़ोतरी अप्रत्याशित नहीं थी. सरकार शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को थोड़ा कम करना चाहती थी और शायद यही उकसावे की वजह रही होगी.
हालांकि उन्होंने एंजल टैक्स को खत्म करने के फैसले की सराहना की. सैता ने कहा कि एंजल टैक्स को खत्म करना एक बड़ा सकारात्मक कदम है. खासकर उद्यमियों, स्टार्टअप और विदेशी निवेशकों सहित पूरे इकोसिस्टम के लिए ये वास्तव में एक शानदार कदम है.
HDFC लाइफ इंश्योरेंस के चेयरमैन केकी मिस्त्री ने बजट को लॉन्ग टर्म नजरिये से प्रोग्रेसिव बताया है. उन्होंने युवाओं के लिए की गई घोषणाओं की भी सराहना की.
बजट ने लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा दिया
बजट लंबी अवधि के नजरिये से प्रोग्रेसिव
11 लाख करोड़ रुपये का इंफ्रा पर खर्च अहम कदम
देश की युवा आबादी को देखते हुए स्किलिंग पर भी फोकस
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के CEO आशीष कुमार चौहान के अनुसार, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में बढ़ोतरी डेरिवेटिव वॉल्यूम पर मिली आलोचना का नतीजा है. उन्होंने कहा कि STT में केवल मामूली बदलाव किया गया है और टैक्स व्यवस्था स्थिर बनी हुई है.
चौहान के अनुसार, बजट में रोजगार सृजन पर अधिक ध्यान दिया गया है. टॉप कंपनियों पर CSR के तहत अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी डाली गई है.
वैल्यूक्वेस्ट के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर रवि धर्मशी के अनुसार, सरकार ने कंजप्शन या वेलफेयर पक्ष को बढ़ावा देने के बजाय राजकोषीय पक्ष पर बने रहने का रास्ता चुना है. सरकार ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के मामले में बाजार को सकारात्मक रूप से चौंकाया.
धर्मशी ने कहा कि चुनाव के बाद के नतीजों और राजनीतिक मजबूरी के कारण सरकार को पिरामिड के निचले हिस्से पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए था. लेकिन, मुझे लगता है कि सरकार ने सख्ती से इस रास्ते पर बने रहने का फैसला किया है.
धर्मशी के अनुसार, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स में बढ़ोतरी से वॉल्यूम पर थोड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि ये ट्रेडर के इकोनॉमिक्स और उनकी रणनीतियों को बदलेगा. हालांकि मुझे नहीं लगता कि ये बदलाव बड़े पैमाने पर दिखेगा.
आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के ए बालासुब्रमण्यम के अनुसार, कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी से निवेशकों की भावना को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसे रीडम्पशन पर चुकाया जाना है.
बालासुब्रमण्यम ने कहा कि इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों को अधिक पैसा मिल रहा है और खपत बढ़ रही है. पूंजी बाजार में बनी सेहत को देखते हुए, 2% की बढ़ोतरी (कैपिटल गेन टैक्स में) निवेशकों की भावना को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करेगी.
बालासुब्रमण्यम ने इस बजट को साफ तौर पर विकासोन्मुख और एक्शन-ऑरिएंटेड बजट बताया है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और बिहार में भारी आवंटन के बावजूद पैकेज, औद्योगिक गतिविधि में तेजी से जुड़े हैं.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर और चेयरमैन रामदेव अग्रवाल के अनुसार, बजट से कैपिटल मार्केट के पक्ष में भारी उम्मीद थी और वित्त मंत्री ने उस वादे को पूरा किया. हालांकि उन्होंने LTCG टैक्स में बढ़ोतरी को थोड़ा निराशाजनक बताया.
उन्होंने कहा, 'ये एसेट वर्ग, प्रोत्साहन का हकदार है.' अग्रवाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान फ्लो बढ़ रहा है, जो पूरे देश में समावेशी नजरिया दर्शाता है.
रामदेव ने कहा, 'चूंकि ये मूल रूप से एक लॉन्ग टर्म नैरेटिव है, इसलिए LTCG को 10% से बढ़ाकर 12.5% नहीं किया जाना चाहिए था.
कार्नेलियन एसेट मैनेजमेंट एंड एडवाइजर्स के फाउंडर विकास खेमानी के अनुसार, बजट में 'विकसित भारत' के लिए प्राथमिकताएं तय की गई हैं. साथ ही लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म गेंस टैक्स में बढ़ोतरी से बाजार की धारणा पर कोई खास असर पड़ने की उम्मीद नहीं है.
खेमानी ने कहा कि ओवरऑल बजट संतुलित प्रतीत होता है, जिसमें नई गठबंधन सरकार स्पष्ट रूप से कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, रोजगार सृजन, युवा कौशल, MSME सहायता और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर फोकस किया गया है.
उन्होंने कहा कि बजट में अच्छा राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा गया है और फिर भी जरूरतमंदों को संसाधन उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने कहा, 'हमें भारत में निवेश करने का भरोसा है और हम विकसित भारत 2047 के विजन में विश्वास करते हैं.'
एमके वेंचर्स के फाउंडर मधुसूदन केला के अनुसार, केंद्रीय बजट 2024-25 में रोजगार सृजन और कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों जैसे लॉन्ग टर्म मुद्दों पर ध्यान दिया गया है. उन्होंने लंबे समय से पेंडिंग इनकम टैक्स कानूनों को एड्रेस करने के लिए बजट के प्रयासों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर, ये एक अच्छा बजट है. ये बहुत से लंबित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है.'