मोदी सरकार सत्ता में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए दूसरा पूर्ण बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. देश के मध्यम वर्ग को इससे बहुत उम्मीदें हैं. इंश्योरेंस से लेकर पर्सनल टैक्स लॉ सिम्प्लिफिकेशन मध्यम और निम्न आय वर्ग को सशक्त बना सकता है. बजट 2025 में कुछ सुधार के साथ उनका बोझ कम हो सकता है.
टर्टलमिंट के को-फाउंडर और CEO धीरेंद्र मह्यावंशी ने सरकार को 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' प्राप्त करने के लक्ष्य के अनुरूप बीमा क्षेत्र को मजबूत करने की सिफारिश की है.
मह्यावंशी का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर 18% GST, एन्युटी और पेंशन प्रोडक्ट्स के लिए कर राहत उपायों पर पुनर्विचार करने से फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सिक्योरिटी को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है.
उन्होंने कहा, 'ग्रामीण क्षेत्रों में एक्सेसिबिलिटी को प्राथमिकता देने से वंचित आबादी को आवश्यक कवरेज का लाभ मिल सकेगा. ये सुधार मध्यम वर्ग के लिए अफोर्डेबिलिटी बढ़ाएंगे और रिटायरमेंट सेविंग्स को प्रोत्साहित करेंगे.
इसके अलावा, वित्तीय साक्षरता, रिटायरमेंट योजना और वित्तीय प्रोडक्ट्स में पारदर्शिता इस वर्ष प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से हैं.
Planyourworld.com के निदेशक वित्तीय सलाहकार विप्लव मजूमदार कहते हैं कि वित्तीय शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाकर सरकार लोगों को ऐसे उपकरण प्रदान कर सकती है जो उनके पैसे को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, बिचौलियों पर निर्भरता कम करने और लॉन्ग टर्म बचत करने के लिए आवश्यक हैं.
मजूमदार ने कहा, 'सरकार को वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नीति बनानी चाहिए, ताकि ये आम लोगों के लिए उपलब्ध हो. आम लोगों के लिए अपने जीवन के बुनियादी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वित्तीय नियोजन अधिक आवश्यक है.'
उन्होंने सरकार से रिटायरमेंट-फोकस्ड सेविंग्स के लिए टैक्स इन्सेन्टिव्स बढ़ाने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) जैसी मौजूदा योजनाओं के दायरे का विस्तार करने का भी आग्रह किया.
निवेश सलाहकार ने कई निवेश प्रक्रियाओं को सरल, यूनिट-लिंक्ड बीमा योजनाओं जैसे प्रोडक्ट्स में हिडेन चार्जेज को सीमित करना और डायरेक्ट प्लान्स को बढ़ावा देने के लिए कहा है.
बजट 2025 की उम्मीदों के नोट में बजाज ब्रोकिंग ने कहा है कि निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों के लिए टैक्स राहत उपायों की उम्मीद है. मध्यम वर्ग के लिए आयकर राहत के बीच सरकार से नई कर व्यवस्था के तहत छूट लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की उम्मीद है.
इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के असित मेहता ने बताया की बुनियादी छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने के अलावा, मध्यम वर्ग को नई कर व्यवस्था में स्टैण्डर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये करने और नई कर व्यवस्था के सरलीकरण के माध्यम से राहत की उम्मीद है.
PTI के मुताबिक, नांगिया एंड कंपनी के राकेश नांगिया ने बताया कि बजट में आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म को सरल बनाने और कैपिटल गेन टैक्स, TDS लिमिट और टैक्स रेट को और अधिक तर्कसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.