केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात पर लगी मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज (MEP) को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंतर्गत कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री की इकाई विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इस बात की जानकारी दी. इसके साथ ही बासमती चावल के एक्सपोर्ट से भी बैन हटा लिया गया है.
माना जा रहा है कि सरकार का ये फैसला किसानों और निर्यातकों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
पिछले करीब 20 दिनों से प्याज की कीमतों में आग लगी हुई थी. खास कर दिल्ली-NCR में प्याज की औसत कीमत करीब 60 रुपये/किलो पर बनी हुई है. वहीं अखिल भारतीय स्तर पर प्याज का अधिकतम खुदरा भाव 80 रुपये/किलो के करीब है.
ऐसे में सरकार के इस फैसले से प्याज की कीमतों पर भी असर पड़ेगा. इससे पहले देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने 4 मई 2024 को प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाया था.
DGFT ने नोटिफिकेशन में कहा, प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है.
इससे पहले 4 मई 2024 को देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने शनिवार को प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) 550 डॉलर प्रति टन तय किया था. इस कारण प्याज के किसान विदेशों में इससे कम कीमत पर अपनी उपज नहीं बेच सकते थे.
महाराष्ट्र प्याज का बड़ा उत्पादक राज्य है और केंद्र सरकार का ये फैसला एक ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में केंद्र का ये कदम राज्य के प्याज किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
केंद्र के इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा, 'केंद्र ने कई खाद्य पदार्थों के आयात-निर्यात शुल्क में बदलाव कर किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम मिल सके ऐसा निर्णय लिया है. इस निर्णय से महाराष्ट्र के सोयाबीन, कपास, प्याज, बासमती चावल जैसे फसलों की खेती करने वाले किसानों को विशेष लाभ होगा.'