रेटिंग एजेंसी ICRA ने Ola Electric Mobility की ऑटोमोटिव इकाई के लोन चुकाने की छमता को कम कर दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी की सेल लगातार कम हो रही है, जिसकी वजह से मुनाफा कम हो रहा है. मुंबई स्थित रेटिंग एजेंसी ने ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की रेटिंग 'A' से 'BBB+' कर दी है.
अपनी वेबसाइट के नोट पर एजेंसी ने लिखा है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की सेल में कमी की वजह से रेटिंग में गिरावट और नेगेटिव आउटलुक है. जिसका रिजल्ट ये हुआ है कि कंपनी को मुनाफा कमाने में अभी उम्मीद से ज्यादा समय लग सकता है.
'नतीजतन, कंपनी को अगले 12 से 24 महीनों में और फंड उठाने की जरूरत पड़ सकती है. अप्रैल में, ओला इलेक्ट्रिक की महीने की सेल पिछले साल अगस्त में लिस्टिंग के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है. जो साल-दर-साल 42% घटकर 19,709 यूनिट रह गई. वहीं मार्केट शेयर भी 31% से घटकर 21% रह गया है. इसके मुकाबले बजाज ऑटो लिमिटेड, टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड और एथर एनर्जी लिमिटेड की इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 151%, 152% और 31% का इजाफा देखने को मिला है. ये तब है जब बाजार लगातार चढ़ रहा है. हिस्सेदारी की बात करें तो बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर कंपनी ने बाजार के लगभग 40% हिस्से पर कब्जा कर लिया है. जो फाइनेंशियल ईयर 2022 में सिर्फ 7% था.'
ICRA ने नोट में कहा, 'तीसरी पीढ़ी के स्कूटर, नई मोटरसाइकिल जैसे कई नए लॉन्च से हो सकता है कि रिवेन्यू में बढ़ोतरी दिखाई दे. ओला इलेक्ट्रिक ने भी मार्च 2025 में अपने बिक्री टचपॉइंट को 900 से बढ़ाकर 4,000 कर दिया है. इसके अलावा, हाल ही में कॉस्ट को कम करने के लिए कई उपाय किए गए जैसे कर्मचारियों की संख्या में कमी की गई, सेल्स के लिए सर्विस को बढ़ाया गया. इन सभी से घाटे को कम करने और ब्रेक-ईवन को टच किया जा सकता है.
हालांकि, अभी जो स्थिति है, उससे लगता है कि मुनाफे की राह अभी फिलहाल के लिए मुश्किल है. कंपनी के सोशल मीडिया की बात करें तो ये अभी भी शिकायतों से भरा हुआ है. साथ ही ओला रोडस्टर एक्स मोटरसाइकिल की डिलीवरी शेड्यूल से दूसरी बार देरी से शुरू हुई है. और वहीं छंटनी होने से लीडरशिप में भी बदलाव देखने को मिल रहा है.
इसके अलावा ओला कई तरह जांच का भी सामना कर रही है. हालांकि कंपनी के पास खर्च करने के लिए पर्याप्त कैश है, जो कि 31 मार्च तक 3,100 करोड़ रुपए थे. फिर भी बिक्री में तेजी के बिना ये कम भी पड़ सकते हैं. फाउंडर भाविश अग्रवाल कह चुके हैं कि ओला इलेक्ट्रिक को ब्रेक-ईवन हासिल करने के लिए लंबे समय तक हर महीने 50,000 यूनिट बेचने की जरूरत है. ICRA ने कहा, 'यूनिट सेल स्केल-अप में कोई असर नहीं दिखता तो कंपनी को ज्यादा से ज्यादा कैपिटल जुटानी होगी.