बर्कशायर हैथवे की ऑपरेटिंग इनकम में एक साल पहले की तुलना में लगभग 14% की गिरावट आई है. साथ ही इसकी नकदी राशि रिकॉर्ड 347.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि टैरिफ वॉर के बीच ग्रुप पैसा नहीं लगा पा रहा है. CEO वॉरेन बफे के समय में बर्कशायर की ओपरेटिंग इनकम घटकर 9.6 बिलियन डॉलर रह गई है. इसकी जानकारी ग्रुप ने शनिवार को ओमाहा में अपनी एनुअल मीटिंग से पहले दी.
बर्कशायर ने टैरिफ का जिक्र करते हुए कहा, 'इन सभी बातों से अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. इस पर ओमाहा में कंपनी की एनुअल मीटिंग में बफेट ने टैरिफ पर सीधे तौर पर अपनी राय रखी.
बफेट ने बैठक में कहा, 'मुझे लगता है कि आप इस बात के लिए अच्छे तर्क दे सकते हैं कि बैलेंस ट्रेड दुनिया के लिए अच्छा है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि ट्रेड से युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं. अमेरिका को बाकी दुनिया के साथ बिजनेस करने पर विचार करना चाहिए.'
बर्कशायर की तरफ से जानकारी दी गई कि ग्रुप के ज्यादातर बिजनेस ने पहली तिमाही में कम आय और मुनाफा बनाया है. CFRA रिसर्च के कैथी सीफर्ट ने एक इंटरव्यू में कहा, 'कंपनी ने लगातार तीसरी तिमाही के लिए अपने खुद के किसी भी शेयर को फिर बायबैक करने से मना कर दिया. इसका मतलब ये हो सकता है कि स्टॉक की कीमत बर्कशायर के लिए बहुत हो सकती है. मार्च के आखिर में, कंपनी की पांच सबसे बड़ी होल्डिंग्स अभी भी अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, एप्पल इंक, बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प, कोका-कोला कंपनी और शेवरॉन कॉर्प थीं.
बर्कशायर हैथवे, तिमाही में इक्विटी सिक्योरिटी में 1.5 बिलियन डॉलर का नेट सेलर था. बीमा यूनिट की इन्वेस्टमेंट इनकम 11% बढ़कर 2.9 बिलियन डॉलर हो गई, वजह साफ है क्योंकि ग्रुप ने अधिक ट्रेजरी बिल रखे. बर्कशायर की ऑटो बीमा कंपनी गीको ने इनकम में इजाफा किया है क्योंकि यूनिट ने अपने साथ कई ग्राहक जोड़े. हालांकि दूसरी तरफ खर्च भी बढ़े हैं, क्योंकि कंपनी बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश में लगी हुई है. जनवरी के अंत से बर्कशायर की मार्केट वेल्यू 1 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर रही है, शुक्रवार को कारोबार बंद होने पर प्राइस टू बुक अनुपात 1.79 के आंकड़े तक पहुंच गया.