त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन गाड़ियों की बिक्री सितंबर में सुस्त रही है. डीलरशिप में रिकॉर्ड इंवेंट्री मौजूद है. कार कंपनियों के पास अहम त्योहारी सीजन से पहले डिस्पैच के लिए इंवेंट्री तैयार खड़ी है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) की ओर से सोमवार को मीडिया में जारी बयान के मुताबिक 79,000 करोड़ रुपये की 7.9 लाख कारें डीलरशिप में मौजूद हैं.
ये 80-85 दिनों का बिना बिका स्टॉक (Unsold Stock) है. ये तब है, जब सितंबर में रिटेल कारों की बिक्री करीब 1% घटकर 2,75,681 यूनिट्स पर पहुंच गई है.
कारों की बिक्री 18.81% घटकर 2,75,681 यूनिट्स पर पहुंची (YoY)
2-व्हीलर की बिक्री 8.51% घटकर 12,04,259 यूनिट्स पर पहुंची (YoY)
3-व्हीलर की बिक्री 0.66% घटकर 1,06,524 यूनिट्स पर पहुंची (YoY)
CV सेल्स 10.45% घटकर 74,324 यूनिट्स हुई (YoY)
FADA ने बयान में कहा कि जहां त्योहारी सीजन रिकवरी के लिए मौका पेश करता है. वहीं अक्टूबर में ज्यादा उम्मीदें डीलर्स और OEMs के लिए मौजूदा इंवेंट्री को निकालना अहम बना देती हैं. स्ट्रैटजिक इंवेंट्री मैनेजमेंट और त्योहार से जुड़े प्रमोशंस डिमांड में बढ़ोतरी की उम्मीदों और स्थिर होते बाजार की स्थितियों का फायदा लेने के लिए अहम हैं.
1 अक्टूबर को जारी एस्टिमेट्स और होलसेल्स आंकड़ों के मुताबिक भारतीय कार कंपनियों ने सितंबर में डीलरशिप को 3.55-3.60 लाख यूनिट्स भेजीं. सिर्फ एक महीने में होलसेल्स और रिटेल में 80,000 यूनिट्स से ज्यादा का अंतर देखने को मिला है.
FADA के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने बयान में कहा कि 'गणेश चतुर्थी और ओणम जैसे त्योहारों के दौरान डीलर्स ने बताया कि प्रदर्शन में सुधार देखने को नहीं मिला है. ये बताता है कि इन त्योहारों के दौरान मार्केट सेंटिमेंट उम्मीद के मुकाबले निराश करने वाला रहा है. ट्रेंड फ्लैट या नेगेटिव ग्रोथ दिखाता है.'
विग्नेश्वर ने आगे कहा कि श्राद्ध की अवधि से बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ा है. अलग-अलग कैटेगरी में सालाना आधार पर रिटेल सेल्स में गिरावट देखने को मिली है. डिमांड को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग सेगमेंट्स में डिस्काउंट और ऑफर पेश किए गए हैं. लेकिन इससे बिक्री में बड़ा सुधार अभी देखने को नहीं मिल रहा है.
FADA ने कहा कि अक्टूबर 2024 में रिटेल बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. क्योंकि दशहरा और दिवाली दोनों समान महीने में आ रही हैं. लेकिन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची इंवेंट्री दोनों ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्रस और डीलरशिप के लिए जोखिम हो सकता है. भारी डिस्काउंट और ऑफर्स से भी डीलरों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है.
कार कंपनियां डिमांड को पूरा करने के लिए डिस्पैच पर दोबारा से विचार कर रही हैं. सितंबर में भारत की तीन सबसे बड़ी कार कंपनियों ने डीलरशिप्स को 10% कम यूनिट्स की शिपिंग की है. भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने कहा कि इंवेंट्री लेवल 26 दिन से घटकर एक महीने पर पहुंच गया है.
मारुति सुजुकी में सेल्स और मार्केटिंग हेड पार्थो बैनर्जी ने 1 अक्टूबर को सेल्स कॉल में कहा था कि हम सितंबर में बिक्री की पिछले साल से तुलना नहीं कर सकते हैं. इसकी वजह श्राद्ध है. उनके मुताबिक कंपनी जमीन पर डिमांड का आकलन करने के लिए अब VAHAN डेटा पर ज्यादा फोकस कर रही है.