मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग में केंद्रीय बैंक RBI ने बैंकिंग रेगुलेशन और फिनटेक से जुड़े कुछ अहम फैसले भी लिए हैं. एक फैसला UPI से भी जुड़ा है, जो यूजर्स की सुविधा के लिहाज से महत्वपूर्ण है. दरअसल, बिना पिन डाले पेमेंट करने की सुविधा 'UPI-Lite' को बढ़ावा देने के लिए RBI ने नियमों में बदलाव का ऐलान किया है.
RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया कि UPI लाइट को बढ़ावा देने के लिए इसे ई-मैंडेट (E-Mandate) फ्रेमवर्क के तहत लाने का प्रस्ताव दिया है. इससे ग्राहकों के लिए एक नई सुविधा शुरू की जाएगी.
UPI लाइट वॉलेट में ऑटो-रिप्लेनिशमेंट यानी ऑटोमैटिक पुन:पूर्ति सुविधा की शुरुआत की जाएगी. यानी अगर किसी के पास तय लिमिट से कम बैलेंस हो जाए तो ऐसे में UPI लाइट वॉलेट में ऑटोमैटिक पैसे आ जाएंगे.
RBI का प्रस्ताव ऑटो-रिप्लेनिशमेंट सुविधा के जरिए एडिशनल ऑथेंटिकेशन या प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की जरूरत को समाप्त करने का है. इससे छोटे मूल्य के डिजिटल पेमेंट करने में ग्राहकों को आसानी होगी.
RBI ने कहा, 'चूंकि ग्राहक के UPI अकाउंट में फंड रहता ही है और उसी से लाइड वॉलेट में पैसे जाते हैं, इसलिए निर्धारित सीमा से राशि कम हो जाने की स्थिति में वॉलेट में अपने आप पैसे चले जाएंगे. इसके लिए एडिशनल ऑथेंटिकेशन यानी अलग से अनुमति देने की जरूरत नहीं होगी.'
RBI ने कहा है कि इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस जल्द ही जारी की जाएगी.
UPI लाइट सुविधा की शुरुआत सितंबर 2022 में की गई थी. UPI पेमेंट प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए इसे लॉन्च किया गया था. पेटीएम समेत कई UPI प्लेटफॉर्म पर ये सुविधा दी जा रही है. इसकी मदद से आप आसानी से UPI ट्रांजैक्शन कर सकते हैं, जिसके लिए PIN डालने की जरूरत नहीं होती है.
UPI लाइट सुविधा के तहत वर्तमान में ग्राहक अपने UPI Lite Wallet में 2,000 रुपये तक डाल सकते हैं और बिना पिन डाले 500 रुपये तक का पेमेंट कर सकते हैं. इसका दुरुपयोग न हो और ग्राहक किसी फ्रॉड का शिकार न हों, इसलिए इसकी लिमिट तय की गई है.