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RBI के दरों में कटौती करने पर बड़े बैंकों के इंट्रेस्ट मार्जिन पर होगा ज्यादा असर: नोमुरा

RBI ने अपनी अगस्त में हुई बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा था. भारत की रिटेल महंगाई जुलाई में 3.54% के साथ पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:34 PM IST, 09 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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नोमुरा (Nomura) का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से दरों में कटौती किए जाने पर मिड साइज या छोटे बैंकों के मुकाबले बड़े निजी बैंकों के इंट्रेस्ट मार्जिन (Interest Margin) पर अधिक असर होने की उम्मीद है. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़े निजी बैंकों की 50–60% लोन बुक्स सीधे तौर पर रेपो रेट और अन्य एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड है.

कितना होगा असर?

नोमुरा ने कहा कि रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती से बड़े बैंकों के नेट इंट्रेस्ट मार्जिन पर असर होगा. नेट इंट्रेस्ट मार्जिन बैंकों के मुनाफे में 15-20 बेसिस पॉइंट्स का असर डालता है.

RBI ने अपनी अगस्त में हुई बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा था. भारत की रिटेल महंगाई जुलाई में 3.54% के साथ पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी. ये केंद्रीय बैंक के 4% के लक्ष्य से कम थी.

US फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते होने वाली बैठक में दरों में कटौती कर सकता है. ये ज्यादातर देशों में मॉनिटरी पॉलिसी से जुड़े फैसलों पर असर डालेगा.

नोमुरा ने समझाया कैसे होगा असर?

छोटे निजी बैंक जैसे इंडसइंड बैंक, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक और बंधन बैंक की फिक्स्ड रेट लोन्स में अधिक हिस्सेदारी है. इससे NIMs और रिटर्न ऑन एसेट पर कम असर पड़ेगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का MCLR- लिंक्ड लोन्स का ज्यादा हिस्सा है. इसका 12 बेसिस पॉइंट्स का ही असर होगा.

नोमुरा ने अनुमान जताया कि दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती से बड़े निजी बैंकों पर 5-10 बेसिस पॉइंट्स का असर होना चाहिए. उसके मुताबिक सरकारी बैंकों में रिटर्न ऑन एसेट पर 6–8 बेसिस पॉइंट्स का असर देखा जा सकता है.

इसके अलावा RBI के कैश रिजर्व रेश्यो में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती होने पर NIMs में 3-5 बेसिस पॉइंट्स बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि अगले साल अप्रैल से लागू होने वाले ड्राफ्ट नए लिक्विडिटी नियमों के बाद ज्यादा लिक्विड एसेट की जरूरतों से ये ऑफसेट हो जाएगा.

डिपॉजिट ग्रोथ में सुधार की उम्मीद

नोमुरा ने कहा कि उसकी टॉप पिक्स में कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक, SBI और फेडरल बैंक शामिल हैं. उसके मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में पैसा बनने में कमी आने से डिपॉजिट ग्रोथ सुस्त रही है. इसके केंद्रीय बैंक के दरों में कटौती करने पर मजबूत होने की उम्मीद है.

पिछले दो सालों के दौरान मौद्रिक नीति के सख्त बनाने के बाद करंट एंड सेविंग्स अकाउंट रेश्यो में FY22 से FY24 के दौरान करीब 450 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट आई है. CASA रेश्यो में बढ़ोतरी से नेट इंट्रस्ट मार्जिन पर किसी नकारात्मक असर को कम करने में मदद मिल सकती है. कंपनी ने कहा कि बैंकों के लिए CASA रेश्यो में एक परसेंटेज पॉइंट्स के सुधार से NIM में करीब 4-5 बेसिस पॉइंट्स बढ़ेगा.

टारगेट प्राइस को लेकर बदलाव

नोमुरा ने एक्सिस बैंक, SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए टारगेट प्राइस घटा दिया है. इन बैंकों के लिए उसने BUY रेटिंग को बरकरार रखा है.

  • एक्सिस बैंक: टारगेट प्राइस 1,435 रुपये से घटाकर 1,370 रुपये किया

  • SBI: टारगेट प्राइस 1,030 रुपये से घटाकर 980 रुपये किया

  • बैंक ऑफ बड़ौदा: टारगेट प्राइस घटाकर 280 रुपये किया

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