एसेसिबल डिपॉजिट्स की तुलना में इंश्योर्ड डिपॉजिट्स का अनुपात FY2024 में 1.2% की गिरावट के साथ 42% पर आ गया. जबकि इसकी तुलना में FY23 में ये अनुपात 43.2% था. इसका खुलासा RBI की 'ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया 2023-24' में हुआ है.
पब्लिक, प्राइवेट और विदेशी बैंकों ने एसेसिबल डिपॉजिट्स की तुलना में इंश्योर्ड डिपॉजिट्स में सालाना आधार पर गिरावट हुई है, जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और स्थानीय बैंकों में इस अनुपात में वृद्धि हुई है.
डिपॉजिट इंश्योरेंस, बैंक डिपॉजिटर्स के बैंक में डिपॉजिट को पूरी तरह या इसके एक हिस्से को सुरक्षित करता है. डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन डिपॉजिट इंश्योरेंस पर नजर रखते हैं. ये दोनों RBI की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी हैं. DICGC सेविंग्स, फिक्स्ड, करंट और रीकरिंग समेत अन्य तरह के तरह के डिपॉजिट्स का इंश्योरेंस करता है.
FY24 में DICGC ने 1,997 बैंकों का इंश्योरेंस किया. फिलहाल डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज 5 लाख रुपये प्रति डिपॉजिटर प्रति अकाउंट है. इसके जरिए 97.7 डिपॉजिट अकाउंट्स को कवर किया जाता है, जबकि वैल्यू के हिसाब से देखें तो 42% एसेसेबल डिपॉजिट्स का इंश्योरेंस हुआ है.
FY24 के दौरान डिपॉजिट इंश्योरेंस फंड के जरिए 1,432 करोड़ रुपये के क्लेम सेटल किए गए हैं. जबकि बैलेंस 1.98 लाख करोड़ रुपये है. RBI रिपोर्ट कहती है, 'इंश्योर्ड डिपॉजिट्स (9.1%) की तुलना में DIF की ग्रोथ (17.2%) ज्यादा होने के चलते रिजर्व रेश्यो (RR) मार्च, 2024 के अंत में बेहतर होकर 2.11% पर पहुंच गया है. जबकि एक साल पहले ये 1.96% पर था.' DICGC ने FY24 में 901 करोड़ रुपये की रिकवरी भी की, जबकि इससे पिछले साल 883 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई थी.