Layoff in Koo India: माइक्रोब्लॉगिंग ऐप कू (Koo) ने अपने 30% कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. देश में ट्विटर की प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी माइक्रोब्लॉगिंग साइट Koo घाटे से जूझ रही है और फंड जुटाने में भी असमर्थ है. ऐसे में कंपनी ने 30% कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
Koo भारत में ट्विटर (Twitter) की तरह माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे 3 साल पहले लॉन्च किया गया था. लॉन्चिंग के बाद देश में इसे यूजर्स से अच्छा रिस्पॉन्स मिला और देखते ही देखते इसके यूजर्स की संख्या काफी तेजी से बढ़ी थी. लेकिन इन दिनों कंपनी घाटे से जूझ रही है और फंड जुटाने में काफी दिक्कतों का सामना कर रही है.
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कू ने अपने लगभग 260 कर्मियों में से 30% कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. यानी इस हिसाब से 78 कर्मियों की नौकरी चली गई है. कंपनी के प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग से कहा कि वैश्विक सेंटीमेंट अभी विकास की तुलना में क्षमता पर ज्यादा केंद्रित है.
बेंगलुरु स्थित कंपनी कू को शुरुआत में अपने मंच पर कंटेंट को लेकर काफी फायदा हुआ, क्योंकि उस वक्त नियमों को लेकर भारतीय रेगुलेटर्स और ट्विटर के बीच विवाद सामने आया था. ऐसे में कू ने खुद को ट्विटर के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया और लोगों ने भी इसे हाथों-हाथ लिया. वर्तमान में Koo के 60 मिलियन से अधिक डाउनलोड्स हैं.
हालांकि, रेवेन्यू हासिल करने के लिए मौजूदा हालात ने कंपनी को मुश्किल में डाल दिया है. वहीं, निवेश को लेकर भी कोई पॉजिटिव स्थिति नहीं है. इन परिस्थितियों के बीच कंपनी आर्थिक रूप से घाटे में है.
'Koo' के सह-संस्थापक मयंक बिदावत्का ने कहा कि अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के मुकाबले यह वर्तमान में प्रति यूजर्स सबसे अधिक रेवेन्यू में से एक है. रिसर्च फर्म ट्रैक्सन के मुताबिक कू के निवेशकों में एक्सेल और कलारी कैपिटल शामिल हैं. इन कंपनियों से कू ने पिछले साल 273 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर फंड जुटाया था.
बता दें कि अभी हाल ही में फेसबुक (Facebook) की मदर कंपनी (Meta) और US की मल्टीनेशनल, मास मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी वॉल्ट डिज्नी (Walt Disney Co.) ने कर्मचारियों की छंटनी की है. इनसे पहले अमेजॉन, इनडीड और कई अन्य कंपनियों ने भी मंदी के भय, लागत में कटौती और फंड की कमी के चलते नौकरियों में कटौती की है.