Gautam Adani in Adani AGM: अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की 33वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए चेयरमैन गौतम अदाणी ने ग्रुप की कंपनियों की बड़ी उपलब्धियां बताई. साथ ही उन्होंने अगले 5 साल में 75 से 100 बिलियन डॉलर के निवेश का संकल्प रखा.
उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि कैसे दुनियाभर में तमाम उथल-पुथल के बावजूद भारत, स्थिर डटा रहा, खड़ा रहा. दुनिया की कई इकोनॉमीज हिल गईं, जबकि दूसरे प्रमुख देशों की तुलना में भारतीय इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ी.
पावर से पोर्ट तक फैले समूह के चेयरमैन अदाणी ने केंद्र और राज्यों दोनों की सरकारों की सराहना की, जिन्होंने पूरे देश के ऐतिहासिक बदलाव की नींव रखी है.
AGM में उन्होंने अंग्रेजी में लंबा संबोधन किया, जिसे यहां हिंदी में प्रस्तुत किया गया है. पढ़ें उनकी पूरी स्पीच.
नमस्ते और आप सभी को सुप्रभात.
मैं सैल्यूट और एक नमन के साथ अपनी बात शुरू करना चाहता हूं.
मैं आज यहां एक चेयरमैन के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसा नागरिक बनकर खड़ा हूं जो उन लोगों के मौन बलिदानों के सामने विनम्र है, जो हमारी सीमाओं, हमारे परिवारों और हमारी गरिमा की रक्षा करते हैं.
इस वर्ष, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारी वर्दीधारी बहादुर महिलाओं और पुरुषों ने अदम्य साहस दिखाया. न तो शोहरत के लिए, न ही पदकों के लिए – बल्कि अपने कर्तव्य के लिए. उनका साहस हमें याद दिलाता है कि: शांति मुफ्त नहीं मिलती, इसे अर्जित करना पड़ता है.
और यह कि सपने देखने, निर्माण करने और नेतृत्व करने की स्वतंत्रता – उन लोगों के कंधों पर टिकी होती है जो हमारी रक्षा करते हैं.
हम जहां अपनी सशस्त्र सेनाओं को सलाम करते हैं, वहीं एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुखद दुर्घटना में खोए जीवन के लिए अपना सिर झुकाते हैं. एक पल में कई सपनों को खामोश कर दिया गया. कई परिवार हमेशा के लिए बदल गए. इसलिए हमें अपने आभार और अपने दुख को साथ लेकर चलना चाहिए – इस याद के रूप में कि वास्तव में क्या मायने रखता है.
बीते 12 महीनों में हमारे चारों ओर की दुनिया नाटकीय रूप से बदल गई है. 60 से अधिक देशों में चुनाव हुए. सीमाएं बदलीं, गठबंधन परखे गए और अर्थव्यवस्थाएं डगमगाईं.
मध्य पूर्व में, युद्ध ने ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स पर छाया बनाए रखी. यूरोप में आर्थिक आत्मविश्वास डगमगाया. अमेरिका की अपनी चुनौतियां थीं. और फिर भी, इस सारी हलचल के बीच, भारत अलग नजर आया और किसी भी अन्य बड़े राष्ट्र की तुलना में तेजी से बढ़ा.
यह कोई संयोग नहीं है. यह दृष्टि, मंशा और नीति का परिणाम है. मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि केंद्र और राज्य दोनों में भारतीय सरकार ने वास्तव में एक ऐतिहासिक परिवर्तन की नींव रखी है – एक ऐसा परिवर्तन जो कुछ के लिए नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए है, जिसके सर्वश्रेष्ठ अध्याय अभी लिखे जाने बाकी हैं.
जब मैं छोटा था, मेरी मां मेरे लिए एक मार्गदर्शक सितारे की तरह थीं. मुझे याद है वो अक्सर कहती थीं:
जब मैं छोटा था, मेरी मां मेरे लिए एक मार्गदर्शक सितारे की तरह थीं. मुझे याद है वो अक्सर कहती थीं: 'इतिहास उन नाविकों को याद नहीं रखता जो शांत जल में अपनी नाव चलाते हैं, बल्कि उन्हें याद रखता है जो सबसे भयंकर तूफानों से लड़े और फिर भी घर लौटे.'
और मेरे प्रिय शेयरधारकों, यही हमने किया है. तूफानों और लगातार जांच के बावजूद, अदाणी समूह कभी पीछे नहीं हटा.
बल्कि, हमने यह साबित किया कि सच्चा नेतृत्व धूप में नहीं, बल्कि संकट की आग में गढ़ा जाता है. यह फिर से उस समय परखा गया जब पिछले साल अदाणी ग्रीन एनर्जी से जुड़े अमेरिका के न्याय विभाग और एसईसी द्वारा लगाए गए आरोप सामने आए.
तमाम शोरगुल के बावजूद, तथ्य यह है कि अदाणी समूह के किसी भी सदस्य पर न तो FCPA के उल्लंघन का आरोप है और न ही न्याय में बाधा डालने की साजिश का.
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां नकारात्मकता अक्सर सच्चाई से ज्यादा गूंजती है. और जब हम कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग करते हैं, तो मैं यह भी दोहराना चाहता हूं कि हमारा प्रशासन वैश्विक मानकों का है, और हमारी अनुपालन प्रणालियां अडिग हैं. और हमारे आंकड़े खुद अपनी कहानी कहते हैं.
एक उथल-पुथल भरे वर्ष में भी हमने रिकॉर्ड तोड़ राजस्व, अभूतपूर्व विकास और ऐतिहासिक मुनाफा देखा. हम उस समूह का प्रमाण हैं जो सीमाओं से परे सपने देखने का साहस करता है, और एक ऐसे देश द्वारा प्रेरित है जो हर आने वाले कल में संभावनाओं को सांस देता है.
वित्त वर्ष 2025 में हमारे आंकड़े मजबूत रहे. हमारे सभी क्षेत्रों में, हमने केवल विस्तार ही नहीं किया, बल्कि प्रभाव भी डाला, बदलाव की प्रेरणा दी, और सबसे महत्वपूर्ण– अपनी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को और गहरा किया. आइए, मैं आपको हमारी प्रगति के कुछ उदाहरणों से रूबरू कराता हूं:
अदाणी पावर ने 100 बिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया — यह किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा हासिल किया गया अब तक का सबसे बड़ा स्तर है. अब यह 2030 तक 31 गीगावाट क्षमता हासिल करने के मार्ग पर अग्रसर है.
अदाणी ग्रीन भारत में ही दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क बना रहा है, जो अंतरिक्ष से भी दिखाई देगा. खवड़ा से दुनिया तक – 2030 तक 50 गीगावाट का हमारा लक्ष्य यह प्रमाण है कि पैमाना और स्थिरता साथ-साथ चल सकते हैं.
वास्तव में, जब हम अपनी थर्मल, रिन्यूएबल और पंप्ड हाइड्रो जेनरेशन क्षमताओं को जोड़ते हैं, तो हमें उम्मीद है कि 2030 तक हम 100 गीगावाट की क्षमता तक पहुँच जाएंगे.
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने स्मार्ट मीटरिंग, हाई-वोल्टेज लिंक संभाले और भारत की ग्रिड को भविष्य के लिए तैयार बनाए रखा. इसने ₹44,000 करोड़ के ट्रांसमिशन ऑर्डर हासिल किए और ₹13,600 करोड़ के स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट्स क्रियान्वित कर रहा है.
अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रोलाइजर और सोलर मॉड्यूल बना रहा है, जो भारत के ग्रीन लक्ष्यों के अनुरूप है. यह अपनी सोलर मॉड्यूल निर्माण लाइनों का विस्तार कर रहा है और अगले वित्त वर्ष तक 10 गीगावाट की एकीकृत सोलर मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा स्थापित हो जाएगी.
अदाणी पोर्ट्स ने रिकॉर्ड 450 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो को संभाला और भारत के व्यापार की धड़कन बन गया. समुद्री, ट्रकिंग, वेयरहाउसिंग और फ्रेट फॉरवर्डिंग सहित, हम भविष्य की एक ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बना रहे हैं.
और माननीय प्रधानमंत्री की गति शक्ति मिशन के अनुरूप, हमारी लॉजिस्टिक परिसंपत्तियाँ MSME निर्यात को सशक्त कर रही हैं और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रही हैं.
नैचुरल रिसोर्सेज ने रिकॉर्ड 47 मिलियन टन कोयला और लौह अयस्क का उत्पादन किया और वित्त वर्ष 2026 तक 30% से अधिक की वृद्धि प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है. हमने भारत का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला खनन ट्रक भी विकसित किया.
ढाई साल पहले जब हमने होल्सिम की भारत की सीमेंट कंपनी का अधिग्रहण किया, तब हमने एक साहसी वादा किया था – कि हम अपनी क्षमता को वित्त वर्ष 2027-28 तक 140 मिलियन टन प्रति वर्ष तक दोगुना कर देंगे.
आज, मुझे यह बताते हुए गर्व है कि हम उस लक्ष्य का पहले ही 72% हासिल कर चुके हैं और 100 MTPA का आँकड़ा पार कर चुके हैं. तथ्य यह है – कि हम केवल व्यवसाय नहीं बनाते, हम भारत की क्षमताओं का निर्माण करते हैं.
अदाणी एयरपोर्ट्स ने भी इस साल जबरदस्त वृद्धि दर्ज की. हमने वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड 94 मिलियन यात्रियों को संभाला. हमने ग्रीनफील्ड नवी मुंबई एयरपोर्ट पर पहली टेस्ट फ्लाइट भी पूरी की. ये एयरपोर्ट इस साल के अंत में 20 मिलियन यात्रियों की शुरुआती क्षमता के साथ खुलेगा, और भविष्य में 90 मिलियन की क्षमता वाला बनेगा – जिससे हमें भारत के एयरपोर्ट यातायात का 35% हिस्सा मिलेगा.
अदाणी डिफेंस की बात करें तो – ऑपरेशन सिंदूर ने हमें बुलाया, और हमने निभाया. हमारे ड्रोन्स आकाश में आंखें भी बने और आक्रमण की तलवारें भी, और हमारे एंटी-ड्रोन सिस्टम ने हमारी सेनाओं और नागरिकों की सुरक्षा में मदद की.
जैसा कि मैं हमेशा मानता हूं – हम सुरक्षित क्षेत्रों में काम नहीं करते. हम वहां काम करते हैं जहां भारत को सबसे अधिक आवश्यकता है. यही बात उन डाटा सेंटर्स के निर्माण पर भी लागू होती है जो भारत को प्रतिस्पर्धी और सुरक्षित बनाए रखने के लिए जरूरी हैं.
हमारे पास ऐसे कई प्रोजेक्ट्स हैं जो वैश्विक हाईपरस्केलर्स के साथ सैकड़ों मेगावॉट की विभिन्न अवस्थाओं में निर्माणाधीन हैं – और हम देश के कई राज्यों में गीगावॉट-स्केल के रिन्यूएबल एनर्जी-चालित डाटा सेंटर कैंपस शुरू कर चुके हैं.
अदाणी टोटल गैस अब 10 लाख PNG ग्राहकों को सेवा दे रहा है और 22 राज्यों में 3,400 EV चार्जिंग स्टेशन चला रहा है. यह असली जलवायु कार्रवाई है, सिर्फ जलवायु की बातें नहीं.
पर शायद हमारा सबसे परिवर्तनकारी प्रोजेक्ट धारावी में सामने आ रहा है– एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी, जिसे अब भारत के सबसे महत्वाकांक्षी अर्बन रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट के रूप में पुनः कल्पित किया जा रहा है. हमारा धारावी सोशल मिशन युवाओं को स्किलिंग, स्वास्थ्य और रोजगार कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त बना रहा है. और 10 लाख से अधिक लोग संकरी गलियों से एक ऐसे टाउनशिप में स्थानांतरित होंगे जहां विस्तृत लेआउट, दोहरे टॉयलेट्स, खुली जगहें, स्कूल, अस्पताल, ट्रांजिट हब और पार्क होंगे.
समेकित आंकड़ों के हिसाब से, ग्रुप स्तर पर हमारी आय 7% बढ़कर ₹2,71,664 करोड़ हो गई, EBITDA में 8.2% की वृद्धि हुई और हमारा नेट डेब्ट-टू-EBITDA अनुपात 2.6x के स्वस्थ स्तर पर बना रहा.
और, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, हमारा उद्देश्य सिर्फ व्यवसाय बनाना नहीं है – बल्कि नई संभावनाओं का निर्माण करना है. सिर्फ बाजारों की सेवा करना नहीं – बल्कि राष्ट्र की नियति की सेवा करना है.
मूल्यांकन के पीछे भागना नहीं – बल्कि उसे ईंट दर ईंट बनाना है. और इस संदर्भ में हमारे व्यवसायों में पूंजी निवेश सभी रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार हैं. हम अगले 5 वर्षों में प्रति वर्ष 15–20 बिलियन डॉलर (₹1.25 से 1.65 लाख करोड़) के निवेश की अपेक्षा रखते हैं. ये सिर्फ हमारे ग्रुप में नहीं, बल्कि भारत का भविष्य का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए संभावनाओं में निवेश हैं.
और समाप्ति से पहले, मैं आपको कुछ ऐसे कार्यक्रमों के बारे में बताना चाहता हूंं, जो मुझे सबसे ज्यादा उत्साहित करते हैं. ठीक तीन साल पहले, अपने 60वें जन्मदिन पर, मेरे परिवार ने ₹60,000 करोड़ भारत में स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास को पुनर्परिभाषित करने के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया था.
अदाणी हेल्थकेयर टेम्पल्स हमारे पहले प्रमुख कदम हैं – विश्व स्तरीय, किफायती 1,000-बेड वाले परिसर अहमदाबाद और मुंबई में, जिनमें मेडिकल कॉलेज, अनुसंधान केंद्र और वेलनेस स्पेस एक साथ एकीकृत होंगे.
Mayo Clinic हमारे सहयोगी हैं, जो हमें एक फ्यूचर-रेडी, AI-संचालित, मरीज-पहले हेल्थकेयर ईकोसिस्टम बनाने में मार्गदर्शन कर रहे हैं. समानांतर रूप से, हमने मुंद्रा में ₹2,000 करोड़ की लागत से एक विश्वस्तरीय स्किल यूनिवर्सिटी और फिनिशिंग स्कूल बनाने का संकल्प लिया है, जो पूरे भारत के युवाओं को सशक्त बनाएगा.
स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस, वैश्विक प्रमाणपत्रों और ITEES Singapore और IGCC जैसे अग्रणी संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से, हमारा लक्ष्य एक उद्योग-तैयार वर्कफोर्स बनाना है.
और अंत में, मैं महाकुंभ मेले में हमारी भागीदारी की बात करना चाहता हूं. 65 करोड़ से अधिक लोग एक साथ आए, अजनबी नहीं – बल्कि एक आत्मा, एक उद्देश्य, एक धड़कन के रूप में.
ISKCON के साथ मिलकर, अदाणी ग्रुप ने महाप्रसाद सेवा शुरू की, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन दिया गया. हमारे 5,000 से अधिक कर्मचारियों ने स्वेच्छा से सेवा की, जो हमारे मूल्यों को दर्शाता है. त्रिवेणी संगम पर, मुझे अपने परिवार के साथ पवित्र गंगा आरती करने का सौभाग्य मिला – और इस आयोजन का हिस्सा बनना मेरे जीवन के सबसे भावनात्मक दिनों में से एक था.
मैं अंत में बस इतना कहूंगा कि किसी देश का भविष्य नीतिगत दस्तावेजों में नहीं लिखा होता – यह उन जोखिमों में लिखा होता है जो उसके उद्यमी उठाते हैं. हम सिर्फ कंक्रीट नहीं बिछा रहे हैं. हम विश्वास बिछा रहे हैं – ऐसी सड़कें जो महत्वाकांक्षा को ले जाती हैं, ऐसे बंदरगाह जो उम्मीद को भेजते हैं, और ऐसे ग्रिड जो भविष्य को रोशन करते हैं.
और इतिहास को हमें याद रखना चाहिए– हमारी बैलेंस शीट के आकार के लिए नहीं, बल्कि हमारी रीढ़ की मजबूती के लिए. उन बाजारों के लिए नहीं जहां हम गए, बल्कि उन तूफानों के लिए जिन्हें हमने झेला और मजबूत होकर निकले.
क्योंकि धूप में नेतृत्व करना आसान होता है, लेकिन सच्चा नेतृत्व संकट के समय में गढ़ा जाता है. मैं आपसे वादा करता हूँ कि अदाणी ग्रुप की विरासत उन टावरों की ऊंंचाई में नहीं झलकेगी जो हम बनाते हैं – बल्कि उन विश्वासों की ऊंचाई में दिखेगी, जिन्हें हम क्रियान्वित करते हैं. यही हमारा सत्य है. यही हमारा वादा है. इस यात्रा में हमारे साथ होने के लिए धन्यवाद.
हमारी कहानी के सबसे शानदार अध्याय अब भी आने बाकी हैं.
जय हिंद!