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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ट्रांजिशनल इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स में शामिल हुआ अदाणी मुंद्रा क्लस्टर

अदाणी मुंद्रा क्लस्टर में अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट शामिल हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:49 PM IST, 30 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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अदाणी पोर्टफोलियो की तीन कंपनियों ने अदाणी मुंद्रा क्लस्टर का निर्माण कर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के 'ट्रांजिशनिंग इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स' इनीशिएटिव को ज्वाइन कर लिया है. इन कंपनियों में अदाणी एंटरप्राइजेज (अपनी सब्सिडियरी अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज (ANIL) के जरिए), अदाणी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स शामिल हैं.

इस इनीशिएटिव का उद्देश्य ग्लोबल क्लस्टर्स में आपसी सहयोग को बढ़ाना और इनको साझा विजन के साथ आगे बढ़ना है, ताकि वे 2050 तक डीकॉर्बोनाइजेशन के लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ सकें, बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर सकें, साथ ही इकोनॉमिक ग्रोथ को तेज कर सकें.

इस मौके पर सेंटर फॉर एनर्जी के हेड और WEF में एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्य रॉबर्टो बोक्का ने कहा, 'हम भारत के पहले दो में से एक, अदाणी मुंद्रा क्लस्टर का अपनी 23 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स की अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी में स्वागत करते हैं. गुजरात की अहम रिन्युएबल एनर्जी कैपेसिटी का इस्तेमाल कर ये क्लस्टर दक्षिण एशिया में सबसे बड़े ग्रीन हाइड्रोजन हब में से एक बनने के लिए तैयार है.'

बता दें अदाणी पोर्ट्स ने 2025 तक अपने सभी पोर्ट्स ऑपरेशंस को रिन्युएबल इलेक्ट्रिसिटी से जोड़ने का लक्ष्य बनाया है. कंपनी का 2040 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का भी लक्ष्य है.

मुंद्रा में लगने वाली अंबुजा सीमेंट की नई यूनिट दुनिया में सबसे कम उत्सर्जन करने वाली सीमेंट प्रोडक्शन फैसिलिटी होगी. कंपनी का 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन को हासिल करने का टारगेट है.

इस मौके पर अदाणी पोर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और अंबुजा सीमेंट्स के डायरेक्टर करण अदाणी ने कहा, 'वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ट्रांजिशनल इंडस्ट्रियल क्लस्टर इनीशिएटिव को ज्वाइन करने से काफी फायदा होगा. इससे इनीशिएटिव से जुड़ने वालों के पास ग्लोबल इंडस्ट्री की समकक्ष कंपनियों, थिंक टैंक्स, पॉलिसीमेकर्स और एक्सपर्ट्स के साथ जुड़कर डीकार्बोनाइजेशन के लिए इनोवेटिव अप्रोच को गढ़ने का मौका होगा.'

उन्होंने आगे कहा, 'अदाणी मुंद्रा क्लस्टर की मंशा इंटीग्रेटेड ग्रीन हाइड्रोजन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की है, ताकि भारतीय इकोनॉमी के मुश्किल सेक्टर्स को भी डीकार्बोनाइज करने में मदद की जा सके और देश की एनर्जी इंपोर्ट्स पर निर्भरता को कम किया जा सके.'

अदाणी मुंद्रा क्लस्टर दुनिया के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड ग्रीन हाइड्रोजन हब में से एक होगा, इसकी ग्रीन हाइड्रोडन प्रोडक्शन कैपेसिटी 2030 तक 1 मिलियन मीट्रिक टन/वर्ष (MMTPA) पहुंचाने की योजना है. इसे 2040 तक 3 MMTPA पहुंचाने का टारगेट है.

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