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अंबुजा सीमेंट्स ने 'नेट जीरो' के लिए फिनलैंड की कंपनी कूलब्रुक के साथ किया करार

कंपनी ने सोमवार को एक्सचेंजेज को जारी एक प्रेस रिलीज में बताया कि अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड ने अपनी सीमेंट निर्माण प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए फिनलैंड की इंजीनियरिंग कंपनी कूलब्रुक के साथ साझेदारी की है
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:46 PM IST, 02 Dec 2024NDTV Profit हिंदी
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अंबुजा सीमेंट्स 'नेट जीरो' के और करीब पहुंच गया है. कंपनी ने सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग में फॉसेल फ्यूल के इस्तेमाल को घटाने, जीरो कार्बन हीटिंग तकनीक के लिए 'कूलब्रुक' के साथ करार किया है.

इस डील के तहत फिनलैंड स्थित 'कूलब्रुक' के साथ उसकी RotoDynamic Heater™ (RDH™) टेक्नोलॉजी के लिए करार किया गया है. इस तकनीक से सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग में डीकार्बोनाइजेशन की रफ्तार तेज होगी. यही नहीं रिन्युएबल बिजली के इस्तेमाल से हाई-टेम्परेचर प्रॉसेस हीटिंग के इस्तेमाल से फॉसेल फ्यूल की भी जरूरत कम होगी.

रिन्युएबल इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल बढ़ेगा

अंबुजा सीमेंट्स ने कहा कि ये कदम रिन्युएबल बिजली और कच्चे माल के उपयोग को 28% तक बढ़ाने के साथ-साथ 2028 तक ग्रीन एनर्जी के 60% इस्तेमाल के लक्ष्य को पाने में मददगार साबित होगा.

अदाणी ग्रुप के सीमेंट बिजनेस के CEO अजय कपूर ने कहा 'कूलब्रुक के साथ हमारी स्ट्रैटेजी साझेदारी है क्योंकि ये नेट जीरो लक्ष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बताता है. हम लगातार ऐसे उपाय तलाश करते हैं जो हमारी सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग में डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देते हैं. अदाणी ग्रुप की रिन्युएबल बिजली उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठाते हुए हम फॉसेल फ्यूल पर निर्भरता और उत्सर्जन को कम करने में कामयाब होंगे. इससे हम सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए बेस्ट वैल्यू देने में भी सफल होंगे.'

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि कूलब्रुक की हीटिंग तकनीक बेहद कंपटीटीव दरों पर ग्रीन एनर्जी का उपयोग करके उच्च तापमान पैदा करती है, जो सीमेंट बनाने के लिए बेहद जरूरी है. सीमेंट उद्योग उन चंद उद्योगों में हैं जहां बिजली और दूसरे ऊर्जा स्रोतों की बहुत खपत होती है.

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