ADVERTISEMENT

रिलायंस कम्युनिकेशन को केनरा बैंक से मिला धोखाधड़ी का नोटिस! लोन के गलत इस्‍तेमाल का आरोप

आराेप है कि RCom ने लोन की मंजूरी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है और री-पेमेंट में भी चूक गई.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:59 PM IST, 15 Nov 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

केनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications Ltd.) के लोन अकाउंट को 'फ्रॉड' डिक्लेयर करने के लिए नोटिस जारी किया है. बैंक ने इसमें व्‍यापक स्‍तर पर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है. रिलायंस पावर पर SECI की कार्रवाई के बाद अनिल अंबानी के लिए ये एक और तनाव हो सकता है.

ये नोटिस 28 अक्टूबर को जारी किया गया है और आर कॉम (RCom) ने इस बारे में शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया. इस नोटिस में टेलीकॉम कंपनी के लिए क्रेडिट फैसिलिटी के रूप में स्वीकृत 1,050 करोड़ रुपये के लोन का इस्‍तेमाल करने में गड़बड़झाले का जिक्र किया गया है.  

आराेप है कि RCom ने मंजूरी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है और री-पेमेंट में भी चूक गई. इसके बाद 9 मार्च, 2017 को लोन (जिसमें टर्म लोन, गारंटी और लेटर ऑफ क्रेडिट शामिल थे) को NPA यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट के रूप में दिखाया. इन गलतियों के बाद, एरिक्सन इंडिया प्राइवेट ने आरकॉम के खिलाफ इनसॉल्‍वेंसी की कार्यवाही शुरू की.  

फॉरेंसिक ऑडिट में मिली थीं कई गड़बड़ियां

BDO इंडिया ने 15 अक्टूबर, 2020 को जो फोरेंसिक ऑडिट पूरा किया, उसमें फंड के दुरुपयोग का खुलासा किया.   

  • ऑडिट के अनुसार, RCom और इसकी सहायक कंपनियों- रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल ने अलग-अलग बैंकों से सामूहिक रूप से 31,580 करोड़ रुपये का लोन लिया था.

  • इसमें से 13,667.73 करोड़ रुपये का इस्‍तेमाल अन्य बैंकों के लोन और फाइनेंशियल देनदारी चुकाने के लिए किया गया, जबकि 12,692.31 करोड़ रुपये दूसरे पक्षों को ट्रांसफर किए गए.  

  • ऑडिट में पाया गया कि लोन के 6,265.85 करोड़ रुपये का उपयोग विशेष रूप से अन्य बैंक के लोन्‍स को चुकाने के लिए किया गया था, जो शर्तों का उल्‍लंघन है.  

  • इसके अतिरिक्त, 5,501.56 करोड़ रुपये संबंधित पक्षों को दिए गए और 1,883.08 करोड़ रुपये ऐसे उपकरणों में निवेश किए गए, जिन्हें बाद में अनधिकृत उद्देश्यों के लिए इस्‍तेमाल किया गया.  

  • इन ट्रांजैक्‍शंस से फंड के डायवर्जन का स्‍पष्‍ट संकेत मिलता है. ये भी पता चला कि RITL को रिलायंस कम्युनिकेशंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के माध्यम से लोन फंड भेजा गया और फिर इसे RCom को ट्रांसफर कर दिया गया.

  • इन फंड्स का इस्‍तेमाल RCom की देनदारियों का भुगतान करने के लिए किया गया या या संबंधित पक्षों को ट्रांसफर कर दिया गया. 

  • RITL ने जो 1,976 करोड़ रुपये रिसीव किए, उनमें से 1,783.65 करोड़ रुपये एक बार फिर अनधिकृत उपयोग के लिए RCom को ट्रांसफर कर दिए गए. 

  • ऑडिट में कैपेक्‍स यानी पूंजीगत खर्च के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से स्वीकृत लोन के के दुरुपयोग का भी उल्लेख किया गया है. 

  • एक अन्य मामले में, RCOM ने जनवरी 2015 में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस (Telecom Infrastructure Finance Pvt.) को शेयर आवंटित करके 1,300 करोड़ रुपये जुटाए.

  • हालांकि, इस राशि का सही तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय इसका बड़ा हिस्सा म्यूचुअल फंड निवेश और लोन री-पेमेंट में इस्तेमाल किया गया.

रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है. कंपनी पहले से ही इंसॉल्‍वेंसी की कार्यवाही से गुजर रही है. 

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT