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फिच ने भारत का GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ाया; FY24 में 6.3% की रफ्तार से दौड़ेगी इकोनॉमी

फिच (Fitch) ने पहले के अनुमानों में भारत की GDP ग्रोथ रेट 6% रहने का अनुमान जताया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:25 PM IST, 22 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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भारत की GDP को लेकर फिच (Fitch) ने अच्छी खबर दी है. रेटिंग एजेंसी फिच (Rating Agency Fitch) ने मौजूदा वित्त वर्ष यानी FY23-24 के लिए भारत के GDP ग्रोथ के अनुमान में बढ़ोतरी की है. फिच ने कहा है कि 2023-24 के दौरान भारत की GDP ग्रोथ 6.3% रह सकती है. हालांकि, फिच (Fitch) ने इसके पहले भारत की GDP ग्रोथ 6% रहने का अनुमान जताया था.

अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहा

फिच ने ये भी कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2023 के दौरान अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहा है, जिसकी वजह से भारत के GDP अनुमानों में सुधार हुआ है. फिच ने बताया कि भारत का शॉर्ट टर्म में इकोनॉमी का मोमेंटम भी काफी मजबूत है. पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.2% थी. वहीं, 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था 9.1% की दर से बढ़ी थी.

भारत की इकोनॉमी में मजबूती

रेटिंग एजेंसी ने बताया कि भारत की इकोनॉमी में बड़े स्तर पर मजबूती दिखाई दे रही है. जनवरी-मार्च 2023 यानी की पहले क्वार्टर में देश की GDP में 6.1% की ग्रोथ देखने को मिली है. वहीं, पिछले कुछ महीनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर, PMI सर्वे और क्रेडिट ग्रोथ जैसे आंकड़े भी अच्छे रहे हैं. इन्हीं, वजहों से मार्च 2024 तक के लिए GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 0.3% बढ़ाकर 6.3 % किया गया है.

फिच ने FY 2024-25 और 2025-26 के दौरान भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान भी जाहिर किया है. इससे पहले फिच ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान में कटौती की थी. मार्च 2023 में फिच ने भारत के GDP अनुमानों में कटौती की थी, इसे 6.2% से घटाकर 6% कर दिया था.

घरेलू अर्थव्यवस्था में रिकवरी

तब फिच ने ऊंची महंगाई दर, बढ़ती ब्याज दरों और ग्लोबल डिमांड में आ रही कमी को GDP ग्रोथ रेट में गिरावट के लिए जिम्मेदार बताया था. हालांकि, उसके बाद से महंगाई दर में कमी आई और घरेलू अर्थव्यवस्था में रिकवरी हो रही है.

फिच ने बताया कि जनवरी-मार्च में GDP ग्रोथ रेट में बढ़ोतरी उम्मीद से अधिक थी. फिच ने कहा कि लगातार दो तिमाही में खराब प्रदर्शन के बाद भी, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री और कृषि उत्पादन में सुधार से इकोनॉमी को बूस्ट मिला है.

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