Manufacturing PMI of India: देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है. परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि मई में कई सेक्टर्स में डिमांड मजबूत हुई है.
आज जारी S&P ग्लोबल परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के आंकड़ों के मुताबिक मई की मैन्युफैक्चरिंग PMI अप्रैल के 57.2 से बढ़कर 58.7 रही है, जो कि 31 महीने में सबसे ज्यादा है. ये लगातार 22वां मौका है, जब भारत की मैन्युफैक्चरिंग 50 के ऊपर बनी हुई है.
बता दें कि PMI का आंकड़ा 50 के ऊपर हो तो ये मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में कमी को दर्शाता है.
S&P ग्लोबल ने कहा, 'भारत के मैन्युफैक्चरिंग PMI में मई में उत्साहजनक ग्रोथ देखने को मिली है, जो इस सेक्टर की पॉजिटिव तस्वीर को दिखाता है. जनवरी 2021 के बाद से ही फैक्ट्रियों के ऑर्डर तेज गति से बढ़ रहे हैं.'
एजेंसी ने कहा, 'बिक्री में हुई बढ़त ने उत्पादन, रोजगार और खरीद की मात्रा में भी मजबूत बढ़त का रास्ता साफ किया किया. मई में सप्लाई चेन की स्थिति में और सुधार देखने को मिला है. इसके साथ ही कंपनियों ने इनपुट इन्वेंट्री में रिकॉर्ड स्टोरेज किया है.
S&P ग्लोबल ने कहा है कि मई में कंपनियों के निर्यात में पिछले 6 महीनों में सबसे तेज विस्तार दर्ज किया गया है. मैन्युफैक्चरर्स ने ने बढ़ते नए ऑर्डर और बाजार की परिस्थितियों के बीच प्रोडक्शन बढ़ाया है. S&P ग्लोबल ने आगे कहा, 'मई में उत्पादन में बढ़त की दर 28 महीनों में सबसे तेज रही है.
पैनलिस्ट्स के अनुसार, पहली वित्तीय तिमाही के मध्य में रोजगार के मौके तेजी से बढ़े हैं. इस दौरान रोजगार बढ़ने की दर 6 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. औसत लागत बोझ मध्यम दर से बढ़ा जो उनके लॉन्ग टर्म एवरेज से काफी नीचे था.
S&P ग्लोबल ने कहा, इनपुट लागत की प्रवृत्ति के उलट, बिक्री मूल्य मई में ठोस और तेज दर से बढ़ी है. साथ ही महंगाई दर एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.