हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में महामारी के बाद की उछाल के बीच, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (Indian Hotels Company Ltd.) के वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजों पर विश्लेषकों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. जेफरीज (Jefferies) ने कंपनी की मजबूत विस्तार योजनाओं और रणनीतिक प्रबंधन पर भरोसा जताते हुए 'Buy' रेटिंग और 960 रुपये का टारगेट प्राइस बरकरार रखा है, जबकि मैक्वायरी (Macquarie) ने बढ़ते पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) की चिंता के चलते 'Neutral' रेटिंग और 800 रुपये का टारगेट रखा.
इंडियन होटल्स ने पहली तिमाही में 32% की साल-दर-साल रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की, जिसमें ताजसैट्स कैटरिंग बिजनेस की अहम भूमिका रही. हालांकि EBITDA मार्जिन 29.8% से घटकर 25.9% रह गया, जिसका कारण वेतन में बढ़ोतरी, डिजिटल खर्च और ताजसैट्स का प्रदर्शन रहा. होटल सेगमेंट में 17.5% की रेवेन्यू ग्रोथ और RevPAR (प्रति उपलब्ध कमरे की आय) में 12% की बढ़ोतरी रही, जो उम्मीदों के अनुरूप थी. अंतरराष्ट्रीय होटलों में 19% की RevPAR वृद्धि दर्ज की गई.
मैक्वायरी ने कंपनी के मजबूत प्रदर्शन की तारीफ की, लेकिन पूंजीगत खर्च को लेकर चिंता जताई है. मैनेजमेंट ने वित्त वर्ष 2026 के लिए 1.2 बिलियन रुपये और अगले पांच सालों के लिए 0.5 बिलियन रुपये के खर्च का अनुमान दिया है, जो विश्लेषकों को निराशाजनक लगा. टाटा संस के साथ जिंजर कोलकाता का उद्घाटन पॉजिटिव है, लेकिन मैक्वायरी ने 2026-2028 के लिए आय का अनुमान घटा दिया है, जिससे बढ़ते खर्च के कारण फ्री कैश फ्लो कम होने की आशंका है.
जेफरीज ने तिमाही नतीजे को "अशांत दौर में ठीक (Decent performance in a turbulent quarter)" बताया और मैनेजमेंट के डबल डिजिट रेवेन्यू ग्रोथ के अनुमान पर भरोसा जताया है. कंपनी अगले पांच सालों में 12% CAGR से कमरे बढ़ाएगी, जिसमें मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स में 18-20% की वृद्धि होगी.
टाटा संस के द्वारा बनाए जा रहा होटल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म, जो चुनिंदा नए होटल प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगा और उन्हें कंपनी को सब-लीज देगा, एक फायदेमंद कदम है.
अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूयॉर्क में अंतरराष्ट्रीय होटलों का मजबूत प्रदर्शन भी सकारात्मक है.
इंडियन होटल्स की मजबूत विस्तार योजनाएं और ताज जैसे ब्रांड की ताकत निवेशकों के लिए आकर्षक हैं, लेकिन बढ़ता पूंजीगत खर्च और मार्जिन पर दबाव नजदीकी समय में चुनौती बन सकते हैं. निवेशकों को अगली तिमाही और कंपनी की रणनीति पर नजर रखनी चाहिए.