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AI सर्विस से सस्ता है इंसानों को काम पर रखना; MIT रिसर्च में खुलासा- फिलहाल नौकरियों पर ज्यादा खतरा नहीं

शोधार्थियों ने पाया कि अगर लागत को ध्यान में रखें, तो AI सिर्फ 23% कामगारों की ही जगह ले सकता है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:39 PM IST, 23 Jan 2024NDTV Profit हिंदी
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) फिलहाल बड़ी संख्या में कर्मचारियों की जगह नहीं ले सकता. ये खुलासा मैसाचुसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के शोध में हुआ है.

शोधार्थियों ने इस शोध के लिए अलग-अलग तरह के काम में मानव श्रम की जगह AI के उपयोग की संभावना जांची. इसमें लागत को केंद्र में रखा गया था. उदाहरण के लिए शिक्षण और संपत्ति मूल्यांकन जैसे काम के लिए इंसानों की जगह AI को काम पर लिया गया.

शोधार्थियों ने पाया कि अगर लागत को ध्यान में रखें, तो AI सिर्फ 23% कामगारों की ही जगह ले सकता है. 'AI Assisted Visual Recognition' को इंस्टॉल और ऑपरेट करना महंगा है, ऐसी स्थिति में इंसानों से काम करना ज्यादा किफायती पड़ता है.

बड़ी टेक कंपनियों का फोकस

दरअसल पिछले साल OpenAI के ChatGPT और दूसरे जेनरेटिव टूल्स आने के बाद से AI की संभावनाओं का पता चला है. अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट और एल्फाबेट, चीन में अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स और Baidu जैसी टेक फर्म ने नई AI सर्विसेज लॉन्च की हैं और इनके ऊपर काम भी तेज कर दिया है. अब AI के नौकरियों पर असर की चिंता भी गहराती जा रही है.

MIT Computer Sciences and Artificial Intelligence Laboratory ने 45 पेज की रिपोर्ट में कहा, 'सतत हो रहे तकनीकी बदलावों के बीच ये भावना अक्सर प्रदर्शित की जाती है कि मशीनें नौकरियां चुरा लेंगी. बड़े लैंग्वेज मॉडल्स के आने से ये भावना फिर से उभर कर सामने आ रही है.'

शोधार्थियों ने आगे कहा, 'हमने पाया कि लागत का सिर्फ 23% हिस्सा ही ऐसा है, जिसकी भरपाई 'AI Computer Vision' से हो सकती है, ऐसा इसलिए है क्योंकि AI सिस्टम्स की लागत बहुत ज्यादा है.'

Computer Vision, AI की वो फील्ड होती है, जिसके जरिए मशीन डिजिटल तस्वीरों और दूसरे विजुअल इनपुट्स से जरूरी जानकारी जुटाती है.

AI कंप्यूटर विजन का कॉस्ट-बेनेफिट रेश्यो रिटेल, ट्रांसपोर्टेशन और वेयरहाउसिंग जैसे सेगमेंट में सबसे बेहतर है. ये ऐसे क्षेत्र हैं, जहां वॉलमार्ट और अमेजॉन जैसी कंपनियां प्रमुख हैं. ये हेल्थकेयर में भी काम कर सकता है.

इस स्टडी की फंडिंग MIT-IBM वॉटसन AI लैब ने की थी और इसके लिए 800 पेशों में 1000 विजुअली असिस्टेड कार्यों से जुड़ी जानकारी का डेटा कलेक्ट किया गया था. आज कॉस्ट इफेक्टिव तरीके से सिर्फ 3% काम को ही इस तरीके से किया जा सकता है. लेकिन डेटा कॉस्ट घटने की स्थिति में ये हिस्सेदारी बढ़कर 40% हो सकती है.

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