हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Report) मामले में अदाणी ग्रुप (Adani Group) को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद मामले के जानकार और बाजार के एक्सपर्ट्स कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने माना कि ये पूरा मामला बेवजह इतना खींचा गया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, आखिरकार अदाणी ग्रुप पर लगे सभी आरोपों पर आज विराम लग गया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार की जांच एजेंसी के तौर पर SEBI को ये जांच करनी चाहिए कि क्या हिंडनबर्ग या दूसरी संस्थाओं के शॉर्ट सेलिंग पोजिशन लेने से भारतीय निवेशकों को जो नुकसान हुआ है, क्या उसमें किसी कानून का उल्लंघन हुआ है. अगर ऐसा है तो जरूरी कार्रवाई की जानी चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर SEBI की जांच पर संदेह करना या किसी नतीजे पर पहुंचना सही नहीं है.
NDTV प्रॉफिट ने इस मामले पर कानून के जानकारों और मार्केट्स एक्सपर्ट्स बात की.
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहते हैं कि ये SEBI के कामकाज करने के तरीके में दखल देने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास नहीं है, याचिकाकर्ता रेगुलेशंस को लेकर सवाल उठा रहे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को इसमें कोई कमी नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने SEBI की रिपोर्ट को मंजूर किया और माना कि इसमें कोई खामी नहीं है. 2 मामलों की जांच करने के लिए SEBI को 3 महीने का वक्त दिया गया है. तो कुम मिलाकर ये अदाणी ग्रुप के लिए एक बड़ी जीत है और इस बात पर सवाल खड़ा करता है कि किस आधार पर याचिकर्ताओं ने अपील की.
SEBI के पूर्व ED जे एन गुप्ता का कहना है कि इस मामले में कई अधिकार क्षेत्र शामिल होने से SEBI को मुश्किल हुई, जांच में साफ हो गया था कि कोई गड़बड़ी नहीं है. गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अब ये करना चाहिए कि वो उन लोगों को पकड़े जिन्होंने कोर्ट का समय खराब किया है. क्योंकि एक साल बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि कहीं कोई गड़बड़ी थी ही नहीं. इस पूरे मामले में रिटेल निवेशकों को नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कौन करेगा. सुप्रीम कोर्ट के एक कमिटी का गठन करना चाहिए और रिटेल निवेशकों के नुकसान की भरपाई उन याचिकाकर्ताओं से करनी चाहिए जो कोर्ट पहुंचे थे.
फिनसेक लॉ एडवाइजर्स के संदीप पारेख का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने SEBI की जांच पर भरोसा जताया है, किसी रिसर्च रिपोर्ट पर नहीं. सुप्रीम कोर्ट को कोई वजह नहीं मिली की जांच को SEBI से लेकर किसी और को ट्रांसफर कर दिया जाए. अब SEBI को अपनी जांच पूरी करनी है. सुप्रीम कोर्ट ने जो कमिटी गठित की थी उसने जो सुझाव दिए, कोर्ट ने उन सुझावों पर जोर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने SEBI पर भरोसा जताया कि वो जांच को एक तार्किक नतीजे तक लेकर जाएगी, जिसमें 2 पेंडिंग जांच भी शामिल है.
पाइपर सेरिका के फाउंडर अभय अग्रवाल का कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं. ये पूरा मामला इतना नहीं खिंचना चाहिए था. इससे निवेशकों को बहुत समय खराब हुआ है. हालांकि इससे अब अदाणी ग्रुप के ऊपर लगे आरोपों पर पूरी तरह विराम लग गया. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि किसी ने ग्रुप से पैसे निकालने की कोशिश नहीं की और ये साफ हो गया है कि हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए. ये भारत के इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए अच्छी खबर है. अगली बार हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट्स को नजरअंदाज कर दिया जाएगा. बड़े निवेशकों के लिए स्थिति हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले जैसी हो जाएगी.
के आर चोकसी के देवेन चोकसी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने SEBI पर पूरा भरोसा जताया है और बाकी 2 मामले की जांच को 3 महीने में पूरा करने के लिए कहा है, इससे ये साफ हो गया है कि SEBI की जांच सही दिशा में है और इसमें किसी भी तरह की कोई कमी नही हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट से निवेशकों का भरोसा कम नहीं हुआ है. अदाणी ग्रुप की कंपनियों का बिजनेस आउटलुक काफी मजबूत है. ग्रुप की कंपनियों में निवेशक पैसा लगा रहे हैं.