SEBI ने MCX (Multi Commodity Exchange of India) को ज्यादा रेगुलेटरी फीस देने का नोटिस दिया है. जिसके बाद MCX के शेयर में गिरावट दर्ज की गई है. SEBI ने ये नोटिस ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (Options Contracts) के नोशनल वैल्यू को कंसीडर करते हुए, एनुअल टर्नओवर के आधार पर दी है. MCX के शेयर इंट्राडे में 6.76% तक गिर गए, जोकि 25 अप्रैल के बाद का सबसे निचला लेवल है. हालांकि दिन के निचले स्तर से इसमें कुछ रिकवरी भी आई है.
एक्सचेंज फाइलिंग में MCX ने बताया है कि जब से उसने ऑप्शन कॉन्टैक्ट की शुरुआत की, यानी वित्तीय वर्ष 2017-18 से, तबसे कॉन्टैक्ट के टर्नओवर के आधार पर SEBI को रेगुलेटरी फीस दे रहा है. MCX नोटिस का एनालिसिस कर रहा है.
बता दें कि फीस जो बकाया है वो करीब 1.77 करोड़ रुपये है. इसमें वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर वित्त वर्ष 22-23 तक की बकाया फीस 1.43 करोड़ रुपये और उस पर आज तक का 15% प्रति वर्ष का ब्याज लगभग 0.34 करोड़ रुपये भी शामिल है.
इसको नोटिस मिलने के एक महीने तक में जमा करना होगा. यानी 25 मई 2024 या उससे पहले.
स्टॉक इस साल 1 जनवरी से अब तक 27.4% बढ़ा है. पिछले 12 महीनों की बात करें तो MCX के स्टॉक में 191.22% की बढ़ोतरी हुई है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी पर नजर रखने वाले 11 विश्लेषकों में से छह ने 'Buy' रेटिंग बरकरार रखी है. दो ने 'Hold' करने की सलाह दी है और तीन ने 'Sell' यानी बेचने की सलाह दी है. एनालिस्ट के टारगेट के हिसाब से मौजूदा स्तरों से शेयर में 8.3% की गिरावट संभव है.
SEBI ने 26 अप्रैल को BSE को भी चिट्ठी भेजी थी. जिसमें 165 करोड़ रुपये के भुगतान की बात थी. रेगुलेटरी फीस की खबर से BSE 19% तक टूट गया है. SEBI की चिट्ठी में क्या है, जानने के लिए ये खबर पढ़ें.