एयर इंडिया और विस्तारा के विलय से दोनों एयरलाइंस के करीब 600 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है. मर्जर होने के बाद सही आंकड़े सामने आ पाएंगे. इनमें गैर उड़ान कर्मचारी शामिल हैं. यानी पायलट या केबिन-क्रू मेंबर्स की नौकरी पर कोई खतरा नहीं है. PTI ने सूत्रों के हवाले से बुधवार को ये खबर दी है.
घाटे में चल रही इन दोनों एयरलाइन कंपनियों का मालिकाना हक टाटा ग्रुप के पास है. अपने एविएशन बिजनेस को दुरुस्त करने के लिए टाटा ग्रुप दोनों एयरलाइन के मर्जर प्लान पर काम कर रहा है. दोनों कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या कुल मिलाकर 23,000 से ज्यादा है. प्रभावित कर्मियों की संख्या के बारे में एयर इंडिया की ओर से कोई टिप्पणी नहीं मिली है.
PTI ने इस मामले से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया है कि दोनों एयरलाइंस के विलय से 600 कर्मियों की नौकरी पर असर पड़ेगा, जिन्हें एयर इंडिया या टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों में जॉब ऑफर किए जाएंगे. इस कोशिश के बावजूद जिन्हें इन दोनों समूहों में नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें स्वैच्छिक रूप से अलग होने के लिए एक स्पेशल पैकेज दिया जाएगा. इसमें क्या-क्या शामिल होगा, इस बारे में फिलहाल नहीं बताया गया है.
दोनों एयरलाइनों के कर्मचारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया पिछले कुछ महीनों से चल रही है. इस प्रक्रिया में कर्मचारी के पिछले अनुभव, प्रदर्शन और अन्य कारकों को ध्यान में रखा जाता है. सूत्रों ने बताया कि फिटमेंट प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित की जा रही है.
12 मई को एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन और विस्तारा के CEO विनोद कन्नन के बीच एक मीटिंग हुई थी. उस समय, दोनों CEOs ने कर्मियों को आश्वासन दिया था कि मौजूदा कर्मचारियों को मर्जर के बाद योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाएगा.
मर्जर को लेकर प्रकिया जारी है. बताया जा रहा है कि सितंबर महीने के अंत में या अक्तूबर की शुरूआत में एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस का मर्जर हो सकता है. मर्जर की घोषणा नवंबर 2022 में की गई थी. डील पूरा होने के बाद, सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी होगी. विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है.
जून में, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण ने विलय को मंजूरी दे दी, जबकि मार्च में, सिंगापुर के कंपटीश रेगुलेटर प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग ने प्रस्तावित मर्जर डील को मंजूरी दी थी. इससे पहले सितंबर 2023 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से भी इसे मंजूरी मिली थी.
इस मर्जर से एक बड़े एयरलाइन समूह का गठन होगा. जनवरी 2022 में टाटा समूह ने एयर इंडिया की बागडोर संभाली है और इसके बाद से अब तक केबिन क्रू सहित 9,000 से अधिक लोगों को काम पर रखा गया है.
अपने एयरलाइन व्यवसाय को मजबूत करने के एक हिस्से के रूप में टाटा समूह, एयर इंडिया एक्सप्रेस और AIX कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) का भी विलय कर रहा है. टाटा समूह की सभी एयरलाइनों में ऑपरेटिंग मैनुअल का सामंजस्य पूरा हो गया है.