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अब 'डिग्री' से नहीं चलेगा काम! जॉब ढूंढने से पहले पढ़िए LinkedIn का आंखें खोलने वाला दावा

LinkedIn का मानना है कि भविष्य में एम्प्लॉयर्स कॉलेज डिग्री और जॉब टाइटल से परे एप्लिकेंट के स्किल को ज्यादा महत्व देंगे.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:27 PM IST, 12 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है, लोगों के काम करने का तौर तरीका बदल रहा है. इसके साथ एम्प्लॉयर्स ने हायरिंग करने का तरीका भी बदला है. अब लोकप्रिय जॉब नेटवर्किंग साइट LinkedIn का अनुमान है कि आने वाले समय में एम्प्लॉयर्स के हायरिंग और लोगों के नौकरी खोजने का तरीका मौलिक रूप से बदल जाएगा.

LinkedIn का मानना है कि भविष्य में एम्प्लॉयर्स कॉलेज डिग्री और जॉब टाइटल से ऊपर उठकर एप्लिकेंट के स्किल को ज्यादा महत्व देंगे. इसमें डेटा एनालिसिस , लीडरशिप और स्टोरी टेलिंग जैसी स्किल्स शामिल है. लिंक्डइन इस बात का अनुमान भी लगा रहा है कि एम्प्लॉयर्स ने खुद संकेत दिया है कि वो अब इससे आगे बढ़ना चाहते हैं.

वर्कफोर्स डेवलपमेंट नॉन-प्रॉफिट्स अमेरिकन स्टूडेंट असिस्टेंस एंड जॉब्स फॉर द फ्यूचर के सर्वे के मुताबिक, 80% से अधिक एम्प्लॉयर्स मानते हैं कि उन्हें डिग्री के बजाय स्किल के आधार पर नियुक्ति करनी चाहिए, आधे से अधिक का कहना है कि वे अब भी कॉलेज ग्रेजुएट्स को भर्ती कर रहे हैं क्योंकि ये कम जोखिम भरा है.

नौकरी के मार्केट में बदलाव करने में मदद की

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में मैनेजमेंट के प्रोफेसर जोसेफ फुलर ने कहा कि स्किल आधारित हायरिंग सब करना चाहते हैं. लेकिन लेबर मार्केट में ये कर पाना सबसे मुश्किल काम है.

डॉट-कॉम बस्ट से उभरने के बाद से LinkedIn ने जॉब मार्केट में बदलाव करने में मदद की है. उदाहरण के लिए, अब इस बात को बुरा नहीं माना जाता है कि कोई कर्मचारी अपनी प्रोफाइल बनाए और रिक्रूटर्स को इस बात की इजाजत दे कि वो उसे खोज सकें और हायर करें- टैलेंटेड लोग बहुत जल्दी जल्दी नौकरियां नहीं खोजते हैं.

LinkedIn के चीफ ऑपरेटिंग अफसर डैन शापेरो ने कहा कि 20 साल पहले, या तो आप सक्रिय रूप से काम की तलाश कर रहे थे या आप काम की तलाश नहीं कर रहे थे.

LinkedIn को मई में 20 साल पूरे हो गए

LinkedIn को मई में 20 साल पूरे हो गए हैं. कंपनी के दुनिया भर में 930 मिलियन से अधिक मेंबर्स हैं. LinkedIn एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जहां CEO और कर्मचारी समान रूप से नेटवर्क बनाते हैं. यहां कर्मचारी और एम्प्लॉयर्स दोनों को मदद मिलती है. पिछले साल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के लगभग 200 बिलियन डॉलर के रेवेन्यू में प्लेटफॉर्म का हिस्सा लगभग 6% था.

इस साल फरवरी में, LinkedIn ने एक स्किल सेट सुविधा शुरू की, जिससे यूजर्स ये देख सकें कि नौकरी के लिए आवश्यक स्किल उनकी अपनी ताकत के साथ कैसे फिट बैठ सकती है. इस नए फीचर के कुछ सकारात्मक संकेत मिले थे: LinkedIn पर 45% से अधिक एम्प्लॉयर्स अब कंपनी के मुताबिक स्किल डेटा का उपयोग करके कैंडिडेट की खोज करते हैं.

LinkedIn AI को शामिल कर रहा है

LinkedIn अब नौकरी चाहने वालों और एम्प्लॉयर्स के बीच तालमेल को और अधिक कुशल बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल कर रहा है.

स्किल के नाम पर पहले से एक आदर्श के रूप में काम पर रखने का लंबा इतिहास रहा है. इसे आर्थिक अवसरों का विस्तार करने का एक तरीका माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास कॉलेज की डिग्री नहीं है. लेकिन अभी तक इस दिशा में बड़े पैमाने पर कोई प्रगति नहीं हुई है.

LinkedIn के वाइस प्रेसिडेंट अनीश रमन ने कहा कि 'स्किल, कई एक वर्षों और दशकों से बातचीत का हिस्सा रही है. इस बातचीत में अक्सर नीति निर्माता, शिक्षाविद, गैर-लाभकारी लोग होते थे. लेकिन इस बातचीत से गायब सभी लोग एम्प्लॉयर्स थे.

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