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ट्रंप टैरिफ वॉर: जानिए, भारत में किस सेक्टर पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

एनालिस्ट्स के अनुसार सबसे अधिक असुरक्षित सेक्टर सीफूड, आयरन एंड स्टील, नियुक्लर रिएक्टर्स, फार्मा प्रोडक्ट्स, गेम्स एंड ज्वेलरी और इलेक्ट्रिकल मशीनरी हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:44 PM IST, 01 Apr 2025NDTV Profit हिंदी
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) का टैरिफ वॉर इस साल की शुरुआत में पदभार संभालने के बाद से ही सुर्खियों में छाया हुआ है. फरवरी में घोषित 'रेसीप्रोकल टैरिफ' के 2 अप्रैल से लागू होने की उम्मीद है.

मौजूदा ट्रेड डायनामिक्स के कारण इस नीति का भारत पर नेगेटिव प्रभाव पड़ना तय है. एनालिस्ट्स के अनुसार सबसे अधिक असुरक्षित सेक्टर सीफूड, आयरन एंड स्टील, नियुक्लर रिएक्टर्स, फार्मा प्रोडक्ट्स, गेम्स एंड ज्वेलरी और इलेक्ट्रिकल मशीनरी हैं.

भारत अमेरिका व्यापार संबंध

US भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है. भारत ने 2024 में अमेरिका से 81 बिलियन डॉलर और 44 बिलियन डॉलर वैल्यू के सामान का निर्यात और आयात किया है.

भारत के कुल निर्यात में अमेरिका का हिस्सा भी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2013 में 12% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 17.7% हो गया है.

Emkay के मुताबिक, देश के आधार पर 10% का संभावित रेसीप्रोकल टैरिफ भारत के निर्यात को 6 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचा सकता है. ये भारत के GDP का 0.16% है. एक्सट्रीम एन्ड पर 25% रेसीप्रोकल टैरिफ, भारत के निर्यात को 31 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचा सकता है. ये भारत के GDP का 2.1% है.

भारत में ज्यादा टैरिफ

25 साल से व्यापक व्यापारिक संबंध होने के बावजूद दोनों देशों द्वारा आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क बहुत अलग-अलग हैं. भारत, अमेरिका से आयात पर हाई टैरिफ दरें लगाता है और अमेरिका के मुकाबले अन्य देशों के बीच सबसे बड़ा टैरिफ गैप है. वित्त वर्ष 24 में भारत के कुल अमेरिकी आयात में से 55% पर 5% से 10% की टैरिफ दर लगाई गई है. भारत अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर 12% टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका भारत पर केवल 3% टैरिफ लगाता है.

मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, सबसे अधिक असुरक्षित सेक्टर सीफूड, आयरन एंड स्टील, नियुक्लर रिएक्टर्स, फार्मा प्रोडक्ट्स, गेम्स एंड ज्वेलरी और इलेक्ट्रिकल मशीनरी हैं. ये सेक्टर अमेरिका को भारत के कुल निर्यात का 52% हिस्सा हैं.

EmKay के मुताबिक ये सेक्टर टैरिफ से सबसे अधिक जोखिम में हैं-

ऑयल, परफ्यूम, कॉस्मेटिक, लैक, गम, मीट. कारपेट्स, फर्नीचर, बेडिंग, कुशन, लैंप, फुटवियर.

भारत प्रभाव को कम करने के लिए क्या कर सकता है?

एनालिस्ट्स के मुताबिक, भारतीय फार्मा प्रोडक्ट्स पर हाई टैरिफ की संभावना नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक है. भारत-अमेरिका के जेनेरिक आयातों में 47% हिस्सा रखता है. इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने सभी अमेरिकी FDA प्राधिकरणों में से एक तिहाई से अधिक का योगदान दिया है.

EmKay के मुताबिक, भारत ये कार्य करके डील कर सकता है:

  • अमेरिका से तेल और नेचुरल गैस का आयात बढ़ाएं

  • डिफेंस उपकरणों की खरीद बढ़ाएं

  • कुछ कृषि या खाद्य वस्तुओं पर टैरिफ कम करें

  • विदेशी EV पर टैरिफ कम करके टेस्ला को भारत में एंट्री करने दें

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