ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCCs) से इस साल 4.25 से 4.5 लाख और अगले छह वर्षों में 10 लाख नए रोजगार के मौके पैदा होने की उम्मीद है. इस क्षेत्र की 35% कंपनियों का लक्ष्य 50-100% वर्कफोर्स विस्तार करने का है. बुधवार को एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है.
ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड डिजिटल टैलेंट सॉलूशन्स प्रोवाइडर NLB सर्विसेज की इंडिया GCC ग्रोथ आउटलुक 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपने स्किल्ड वर्कफोर्स और नीतियों के कारण टॉप GCC डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. रिपोर्ट कहती है कि देशभर में GCC से अगले छह साल में 10 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जबकि कुल मिलाकर इस क्षेत्र में कैलेंडर वर्ष 2030 तक 33 लाख पेशेवरों को रोजगार देने की उम्मीद है.
भारत के 61% से अधिक GCCs को वर्ष 2030 तक महिलाओं की नियुक्ति में 50% से अधिक की ग्रोथ की उम्मीद है, जो इस वर्ष महिला वर्क फोर्स विस्तार की इसी तरह की उम्मीद करने वाले 7% से तेज ग्रोथ को दर्शाता है.
NLB सर्विसेज CEO सचिन ने कहा कि ग्लोबल GCCs केंद्र के रूप में भारत की स्थिति लगातार मजबूत हो रही है. 2030 तक केंद्रों की संख्या बढ़कर 2,100 से अधिक होने की उम्मीद है. जिससे बाजार 100 बिलियन अमरीकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगा. चूंकि हम GCCs 4.0 के लिए तैयार हो रहे हैं, इसलिए वर्कफोर्स तालमेल सर्वोच्च प्राथमिकता होगी, जैसे-जैसे भारत के GCCs में तकनीक, वित्त, विनिर्माण जैसे कार्यों में नियुक्तियां बढ़ती हैं. वित्तीय सेवाओं (79%) जैसे महत्वपूर्ण स्किल डिमांड की आवश्यकता सबसे ज्यादा होगी.
सचिन ने बताया कि मार्केटिंग और डिजिटल विज्ञापन की (73%) भी प्राथमिकता होगी क्योंकि ये बिजनेस डिजिटल फर्स्ट एप्रोच को अपनाते हैं. इसके अलावा, इंडस्ट्री 4.0 ट्रांसफॉर्मेशन, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग (69%) की डिमांड को बढ़ावा देना जारी रखेगा, जबकि मानव संसाधन और टैलेंट मैनेजमेंट (68%) आवश्यक रहेगा क्योंकि कंपनियां ऑपरेशन को बढ़ाने, टैलेंट को आकर्षित करने और रणनीतिक नेतृत्व पाइपलाइन बनाने पर विचार कर रही है.
वित्त वर्ष 26 के बजट में नेशनल फ्रेमवर्क की शुरूआत से टियर II और टियर III स्थानों में GCC ग्रोथ को और बढ़ावा मिलेगा और नए स्किल की डिमांड में ग्रोथ जारी रहेगी.