बीमा कंपनियों को GST डिमांड नोटिस का सीजन चल रहा है. ICICI प्रूडेंशियल लाइफ को टैक्स अथॉरिटीज की ओर से 492.06 करोड़ रुपये का GST डिमांड नोटिस भेजा गया है. PTI के हवाले से ये खबर है. ICICI प्रूडेंशियल को भेजा गया नोटिस इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ा हुआ है.
ICICI प्रूडेंशियल लाइफ ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि उसने सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) अधिनियम, 2017 और अन्य लागू कानूनों के प्रावधानों का पालन करते हुए योग्य इनपुट GST क्रेडिट का लाभ उठाया है.
सोमवार देर शाम को दाखिल की गई रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा गया कि कंपनी को GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) से एक 'कारण बताओ के साथ डिमांड' नोटिस (Show Cause Cum Demand Notice) मिला है, जिसमें कंपनी से पूछा गया है कि वो कारण बताए कि जुलाई 2017 से जुलाई 2022 की अवधि के दौरान 492 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड क्यों नहीं किया जाना चाहिए.
ICICI प्रूडेंशियल लाइफ ने कहा है कि कंपनी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने और मामले का सामना करने के लिए उचित कदम उठाएगी. बीमा कंपनी ने कहा कि 'जांच के दौरान कंपनी ने इस बारे में कोई देनदारी स्वीकार किए बिना 190 करोड़ रुपये जमा किए थे.'
ये डिपॉजिट इस साल अप्रैल में किया गया था. पिछले वित्तीय वर्ष में, GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने कुछ खर्चों की GST जांच शुरू की थी, जिसके लिए कंपनी की ओर से इनपुट GST क्रेडिट का क्लेम किया गया था.
पिछले साल सितंबर में DGGI की मुंबई यूनिट ने कहा था कि फर्जी चालान के आधार पर 16 बीमा कंपनियों की ओर से 824 करोड़ रुपये का ITC लिया गया था. इसमें से बीमाकर्ताओं ने DGGI जांच के बाद अपनी मर्जी से 217 करोड़ रुपये चुकाए थे.
DGGI की जांच से पता चला कि ये बीमाकर्ता वास्तव में मार्केटिंग और ब्रैंड एक्टिवेशन जुड़े खर्चों की आड़े में अपने कॉर्पोरेट एजेंट्स को IRDAI की ओर से दी गई सीमा के बाहर कमीशन का भुगतान कर रहे थे.
इसके पहले HDFC लाइफ इंश्योरेंस को भी GST का भुगतान नहीं करने पर 942 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी हुआ था. बीमाकर्ता ने कहा था कि गौरतलब है कि पिछले दिनों इस मामले में अथॉरिटी (DGGI) के पास विरोध स्वरूप 250 करोड़ रुपये जमा कराए जा चुके हैं.