Naukri.com की पैरेंट कंपनी इंफो एज ने अपनी इनडायरेक्ट सब्सिडियरी 4B नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिडेट के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत यानी FIR करवाई है. कंपनी ने एक्सचेंजेज को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है.
कंपनी ने NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी 'ऑलचेकडील्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Allcheckdeals India Private Limited (AIPL) ने ये मामला दर्ज कराया है.
इंफो एज ने 4B नेटवर्क्स प्राइवेट के फंड से जुड़ी धोखाधड़ी के आरोपों के बाद ये कार्रवाई की है.
राहुल यादव 4B नेटवर्क्स के फाउंडर हैं और इंफो एज ने इसमें 57% हिस्सेदारी 276 करोड़ रुपये में खरीदी थी. बाद में इंफो एज ने कंपनी को 12 करोड़ रुपये का कर्ज भी दिया था. यानी कुल मिलाकर इंफोएज के 288 करोड़ रुपये डूब चुके हैं.
मुंबई पुलिस के बांद्रा थाने में दर्ज FIR में राहुल यादव, देवेश सिंह, प्रतीक चौधरी और संजय सैनी सहित 4B नेटवर्क्स प्राइवेट के कई अधिकारियों का नाम शामिल है. इन लोगों पर कथित वित्तीय घोटाले में शामिल होने का आरोप है.
इंफो एज ने एक्सचेंज फाइलिंग में ये भी बताया कि इस कानूनी कार्रवाई के बावजूद, उसके बिजनेस पर इसका कोई वित्तीय असर नहीं पड़ेगा.
राहुल यादव का हर वेंचर हुआ नाकाम ध्यान देने की बात ये है कि 4B नेटवर्क्स के संस्थापक राहुल यादव हैं. इनके वेंचर्स बहुत जोर-शोर से शुरू होते हैं, निवेशकों को आकर्षित भी करते हैं मगर बहुत जल्दी डूब भी जाते हैं. इनका पहला वेंचर हाउसिंग housing.com था. जब ये शुरू हुआ था तो बहुत चर्चा में था, तब राहुल की गिनती देश के युवा स्टार्टअप मिलियनेयर्स में होती थी. लेकिन इस कंपनी के निवेशकों ने भी इनके काम करने के तरीके से परेशान होकर इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाद में इस कंपनी का प्रॉपटाइगर के साथ विलय हो गया. 4B नेटवर्क्स का मुख्य काम प्रॉपर्टी एजेंट्स और ब्रोकर्स को सर्विस देना था, मगर ये भी ठीक से चल नहीं पाया और डूब गया.
इंफो एज 10 फरवरी, 1 जून और 26 जुलाई 2023 को एक्सचेंजेज को सार्वजनिक जानकारी देकर 4B नेटवर्क्स के संबंध में चिंताओं की जानकारी दी थी.
पिछले साल अगस्त में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एडवरटाइजिंग फर्म इंटरस्पेस कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को धोखा देने के आरोप में 4B नेटवर्क्स, इसके फाउंडर राहुल यादव और अधिकारी संजय सैनी के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
इंफो एज ने पहली 4B नेटवर्क्स में लगाए गए 276 करोड़ रुपये को राइट-ऑफ कर दिया है. यानी इस पैसे को अपनी बुक्स में डूबा हुआ दिखा दिया है. इंफो एज का मानना है कि अब 4B नेटवर्क्स के लिए पैसा जुटाने मुश्किल होगा और इसका कैशबर्न भी वाजिब नहीं है.