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Jio Financial एसेट मैनेजमेंट सेक्टर में उतरेगी , BlackRock के साथ मिलाया हाथ

50:50 JV में जियो-ब्लैकरॉक तकनीक की मदद से अफोर्डेबल इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन देंगे.
NDTV Profit हिंदीमंगलम मिश्र
NDTV Profit हिंदी09:18 PM IST, 26 Jul 2023NDTV Profit हिंदी
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रिलांयस (Reliance) ग्रुप की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) ने ब्लैकरॉक (BlackRock) के साथ मिलकर एसेट मैनेजमेंट की फील्ड में कदम रखने का फैसला किया है. दोनों कंपनियों ने नया ज्वाइंट वेंचर बनाया है जिसका नाम रखा है, जियो-ब्लैकरॉक (Jio-BlackRock).

क्या काम करेगी कंपनी?

50:50 JV में जियो-ब्लैकरॉक तकनीक की मदद से अफोर्डेबल इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन मुहैया कराएंगे.

दोनों कंपनियों ने इस ज्वाइंट वेंचर में कुल $300 मिलियन यानी 2,460.38 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश करने का निर्णय लिया है. इस $300 मिलियन में दोनों की 50-50% यानी 150-150 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी होगी.

क्या कहा ब्लैकरॉक ने?

ब्लैकरॉक के APAC (Asia-Pacific) के हेड और चेयरमैन रचेल लॉर्ड ने कहा, 'भारत एक बड़े अवसर का नेतृत्व करता है. भारत के फाइनेंशियल फ्यूचर और एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री को बदलने के लिए हम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) के साथ पार्टनरशिप को लेकर बहुत उत्साहित हैं. जियो ब्लैकरॉक (Jio BlackRock) हमारी दोनों कंपनियों की संयुक्त ताकत और पैमाने को भारत के लाखों निवेशकों के हाथों में सौंपेगा.'

डील से उत्साहित, जियो फाइनेंशियल

JFS के प्रेसिडेंट और CEO हितेश सेठिया ने कहा, 'ब्लैकरॉक, दुनिया भर में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के बीच सबसे बड़ी और भरोसेमंद कंपनी है. इसके साथ JFS की ये एक उत्साहजनक पार्टनरशिप है. ब्लैकरॉक की इन्वेस्टमेंट के प्रति गहरी समझ और रिस्क मैनेजमेंट और वहीं JFS की मार्केट स्ट्रैटेजी और तकनीकी सहयोग मिलकर डिजिटल डिलीवरी का शानदार प्रोडक्ट तैयार करेंगे.'

हितेश ने आगे कहा कि जियो ब्लैकरॉक पूरी तरह से ट्रांसफॉर्मेशनल, कस्टमर पर केंद्रित और डिजिटल-फर्स्ट एंटरप्राइज होगा जिसका उद्देश्य हर भारतीय को फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन उपलब्ध कराना होगा.

रेगुलेटरी मंजूरी का इंतजार

ज्वाइंट वेंचर को फिलहाल रेगुलेटरी और कानूनी मंजूरी की जरूरत होगी. इसके बाद ये वेंचर अपना ऑपरेशन शुरू कर सकता है.

हाल ही में रिलायंस से अलग हुई जियो फाइनेंशियल

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने हाल ही में जियो फाइनेंशियल को अलग कर नई यूनिट बनाने का फैसला किया था. रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट (RSIL) में फाइनेंशियल सर्विसेज कारोबार को डीमर्ज करके ही जियो फाइनेंशियल का गठन किया गया है. 20 जुलाई को शेयर बाजार में इसके अलग होने की रिकॉर्ड डेट थी. रिलायंस इंडस्ट्रीज के हरेक शेयरधारक को, एक शेयर के बदले जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का एक शेयर मिलेगा. जियो फाइनेंशियल, स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने की प्रक्रिया में है, जिसमें कुछ समय लगेगा.

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