हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (Hindalco) के शेयरों में बुधवार को शुरुआती कारोबार में करीब 5% की तेजी देखी गई है. इसके पीछे वजह है कि उसकी अमेरिकी सब्सिडियरी नोवेलिस (Novelis) ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO लाने के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) में अर्जी दी है. शेयरों को नोवेलिस की एकमात्र शेयरधारक हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ऑफर करेगी. नोवेलिस को शेयरों की सेल से कोई पैसा नहीं मिलेगा.
गो इंडिया स्टॉक्स के मैनेजिंग पार्टनर राकेश अरोड़ा ने कहा कि नोवेलिस की लिस्टिंग का मुख्य लक्ष्य वैल्यू को अनलॉक करना है. उनके मुताबिक ये इंतजार करके देखना होगा कि IPO से मिलने वाली राशि में से कितनी निवेशक के पास वापस जाती है. बाजार को नोवेलिस के लिए बेहतर वैल्युएशन की उम्मीद है.
पिछले हफ्ते कंपनी के कैपिटल खर्च में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली थी. नोवेलिस ने उसके ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट Bay Minette की लागत को बढ़ाकर 4.1 बिलियन डॉलर कर दिया था. फिलीप कैपिटल के एनालिस्ट्स के मुताबिक नोवेलिस पर नकारात्मक खबर आने के बाद ये कदम हैरान करने वाला है. उनका मानना है कि मकसद नोवेलिस की वैल्यू को अनलॉक करना है.
नूवामा ने एक नोट में कहा कि ये अभी भी साफ नहीं है कि प्रोमोटर कितने शेयरों की बिक्री करेगी. हालांकि हमारा मानना है कि इसमें कम से कम छह महीने लगेंगे अगर सब कुछ आराम से चलता है. हिंडाल्को ने 2007 में नोवेलिस का अधिग्रहण किया था. ये डील पूरी तरह कैश में थी. 6 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण हुआ था. अमेरिकी सब्सिडियरी का हिंडाल्को के रेवेन्यू में 60% से ज्यादा योगदान है.
फिलीप कैपिटल के मुताबिक ऐसे कुछ अहम सवाल हैं जिनके जवाब का अभी इंतजार है:
कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी.
IPO क्यों लाया जा रहा है जब हिंडाल्को के घरेलू कारोबार को पैसे की जरूरत नहीं है.
ऑफर के पूरा होने के बाद हिंडाल्को पैसे को कहां लगाएगी.
शेयर की बिक्री के बाद मिले पैसा का क्या इस्तेमाल होगा.
हिंडाल्को के पास FY24 के Q3 के आखिर में 3,400 करोड़ रुपये का नेट कैश है. प्रभुदास लीलाधर ने नोवेलिस की वैल्युएशन को मार्च 2026E EBITDA का 6.5 गुना रखा है. इसकी अनुमानित वैल्यू 1.28 लाख करोड़ रुपये है.