भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) को FY22 में घाटा हुआ है, जबकि इस अवधि के दौरान कंपनी का रेवेन्यू बढ़ा है. ओला इलेक्ट्रिक का एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट एक वर्ष से अधिक की देरी से दाखिल किया गया है.
ओला ने बैटरी से चलने वाले स्कूटर को एक साल पहले ही बेचना शुरू किया है. कंपनी को FY22 में 373.4 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है. जबकि FY21 में ये महज 86 लाख था क्योंकि तब कंपनी प्री-रेवेन्यू स्टेज में थी. कंपनी को वित्त वर्ष 2021 में 199.2 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वहीं, FY22 में ये घाटा बढ़कर 784.1 करोड़ रुपये पहुंच गया है. टॉफलर से मिली फाइलिंग के मुताबिक, कंपनी का खर्च, वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 1,240.4 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की इस अवधि में 305.4 करोड़ रुपये था.
ओला इलेक्ट्रिक ने दिसंबर 2021 में स्कूटरों की डिलीवरी शुरू की थी. कंपनी ने सितंबर 2021 में ओला S1 (99,999 रुपये) और S1 प्रो (1.29 लाख रुपये) की बुकिंग शुरू की थी. ये दावा किया गया था कि कंपनी को केवल दो दिन में 1,100 करोड़ रुपये की बुकिंग मिली थी.
वाहन (Vahan) के आंकड़ों के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक लगभग 40% हिस्सेदारी के साथ इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर कैटेगरी में मार्केट लीडर होने का दावा करती है. जुलाई में इसकी करीब 19,000 यूनिट बिकी हैं.
2021 में कंपनी का वैल्यूएशन लगभग 3 बिलियन डॉलर था और इसने फाल्कन एज और सॉफ्टबैंक ग्रुप जैसे निवेशकों से अब तक लगभग 450 मिलियन डॉलर जुटाए हैं ओला, बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सेल और बैटरी पैक बनाने का प्लांट स्थापित करने के लिए 500 मिलियन डॉलर का निवेश भी कर रही है.