जोमैटो और स्विगी से जिस रफ्तार से लोग खाना ऑर्डर कर रहे हैं, CLSA ने अनुमान जताया है कि ये वित्त वर्ष 2030 तक ये दोगुना हो जाएगा.
ब्रोकरेज CLSA ने 31 अगस्त की अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर बहुत कंजर्वेटिव अनुमान भी लगाएं और टारगेट यूजर्स को 10 हजार डॉलर या 8.2 लाख रुपये की डिस्पोजेबल इनकम (टैक्स काटने के बाद जो इनकम बची) वाले घरों तक सीमित रखें, तो भी यूजर्स दोगुना से ज्यााद हो जाएंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'हमारा मानना है कि ऑनलाइन फूड डिलिवरी इंडस्ट्री की प्रॉफिटेबिलिटी अच्छी तरह से और सही मायने में स्थापित हो चुकी है और इसकी मौजूदा डुओपॉली प्रकृति से टेक-रेट को बनाए रखने में मदद मिलने की उम्मीद है.
नोट में यूजर ग्रोथ की चिंताओं, खासतौर पर पिछली चार तिमाहियों में जोमैटो के मंथली ट्रांजैक्शन करने वाले यूजर्स में अस्थिरता की तरफ ध्यान दिलाया गया है. नोट में कहा गया है कि 'हमारे विचार में, ये चिंताएं मुख्य रूप से शहरों में कम उपस्थिति, डिमांड में कुछ मंदी और ग्रोथ पर प्रॉफिटेबिलिटी की साफ प्राथमिकता के कारण थीं.'
CLSA ने कहा है कि भले ही इनकम ब्रैकेट में पहुंच को समान रखा जाए और ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेयर्स अपनी सर्विसेज को टारगेट मार्केट के 85% से बढ़ाकर 90% तक कर दें, ये अगले छह वर्षों में यूजर्स में 11% CAGR को दर्शाता है.
इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इस सेक्टर के लिए एक बड़ा इवेंट भारत में होने वाला क्रिकेट वर्ल्ड कप होगा, 'इससे ऑनलाइन फूड डिलिवरी की मांग में मदद मिलने की उम्मीद है, जैसा कि कई दूसरे विकसित देशों में खेल आयोजनों के दौरान देखा जाता है. हम ऑनलाइन फूड डिलिवरी स्पेस पर पॉजिटिव बने हुए हैं.'
ब्रोकरेज ने जोमैटो लिमिटेड पर 'BUY' रेटिंग दी है, जिसका टारगेट प्राइस 99.6 रुपये है, जो इसके मौजूदा मार्केट प्राइस से थोड़ा ही ज्यादा है.