बेंगलुरु की एक कंज्यूमर कोर्ट ने PVR सिनेमा को निर्देश दिया है कि वो टिकटों पर फिल्मों के शुरू होने का वास्तविक समय स्पष्ट रूप से लिखे. कोर्ट ने विज्ञापनों और ट्रेलरों को छोड़कर और मल्टीप्लेक्स संचालक को निर्देश दिया है कि वो अत्यधिक विज्ञापनों पर अपना समय बर्बाद करने के लिए कंज्यूमर को मुआवजा दे.
कोर्ट का ये फैसला अभिषेक MR की शिकायत के बाद आया है, जिन्होंने 26 दिसंबर, 2023 को सैम बहादुर के लिए बेंगलुरु के ओरियन मॉल में PVR INOX मल्टीप्लेक्स में शाम 4:05 बजे के शो के लिए टिकट बुक किए थे. हालांकि, लगभग 25 मिनट के विज्ञापनों और ट्रेलरों के बाद फिल्म शाम 4:30 बजे शुरू हुई, जिससे उनका शेड्यूल बाधित हुआ.
उपभोक्ता फोरम के प्रेसिडेंट M शोभा और सदस्यों के अनीता शिवकुमार और सुमा अनिल कुमार ने पाया कि फिल्म से पहले चलाए गए 95% विज्ञापन कमर्शियल प्रचार थे, न कि सरकार द्वारा अनिवार्य सार्वजनिक सेवा घोषणाएं, जो 10 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए.
फोरम ने PVR के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सुरक्षा जांच के कारण लंबे विज्ञापन देर से आने वालों की मदद करते हैं और फैसला सुनाया कि समय पर आने वाले दर्शकों को अत्यधिक विज्ञापन देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
अदालत ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता ने विज्ञापनों को फिल्माकर एंटी-पायरेसी कानूनों का उल्लंघन किया है और कहा कि उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना अवैध नहीं है.
अदालत ने शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा के लिए 20,000 रुपये और मुकदमेबाजी की लागत के लिए 8,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, साथ ही उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने के लिए दंडात्मक हर्जाने के रूप में 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. ये राशि 30 दिनों के भीतर चुकाई जानी चाहिए, ऐसा न करने पर 10% वार्षिक ब्याज लगाया जाएगा.