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SAT से रेलिगेयर को झटका, बर्मन परिवार की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए SEBI के आदेश का पालन करने को कहा

इससे बर्मन परिवार के लिए फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि रेलिगेयर को थोड़ी राहत के तौर पर अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कंपनी और उसके बोर्ड को जारी कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी05:55 PM IST, 10 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने बुधवार को रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को SEBI निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया. इससे बर्मन परिवार के लिए फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि रेलिगेयर को थोड़ी राहत के तौर पर SAT ने कंपनी और उसके बोर्ड को जारी कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है.

SEBI ने क्या आदेश दिया था?

SEBI ने 19 जून को आदेश दिया था जिसमें रेलिगेयर को 7 दिन के अंदर अंडरटेकिंग देने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद ही ये फैसला हुआ है. अंडरटेकिंग के तहत रेलिगेयर को रेगुलेटरी अथॉरिटीज को अप्लाई करना होगा.

12 जुलाई तक कंपनी को RBI के पास आवेदन देना है. साथ ही उसे बर्मन परिवार के प्रस्तावित ओपन ऑफर के लिए जरूरी मंजूरियां हासिल करनी होंगी. इसके अलावा रेलिगेयर को खरीदारों को सहायता करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया था. SEBI आदेश के जवाब में और बर्मन परिवार की डील को ब्लॉक करने के लिए उसने SAT के साथ अपील दायर की थी.

बर्मन परिवार ने हाल ही में बढ़ाई थी हिस्सेदारी

डाबर इंडिया के प्रोमोटर बर्मन परिवार ने हाल ही में रेलिगेयर में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर करीब 25% कर दिया था. उन्होंने 1.73 करोड़ इक्विटी शेयर से ज्यादा का अधिग्रहण करने के लिए JM फाइनेंशियल सर्विसेज के जरिए अरेंजमेंट किया था.

आपको बता दें कि बर्मन परिवार का कई सेक्टर्स में निवेश है, जिसमें हेल्थ, रेस्टोरेंट्स, इंश्योरेंस, कंज्यूमर गुड्स और FMCG शामिल हैं. पिछले साल सितंबर में, बर्मन परिवार ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में 26% हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2,116 करोड़ रुपये तक के एक ओपन ऑफर का ऐलान किया था.

बर्मन परिवार की डाबर में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी है. कुछ साल पहले इस परिवार ने टॉर्ट और बैटरी बनाने वाली एवरेडी को खरीदा था. रेलिगेयर एंटरप्राइजेज नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के तौर पर काम करती है. बर्मन परिवार कंपनी रेगुलेटरी मंजूरी हासिल करके कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाता रहा है.

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