विस्तारा का मैनेजमेंट एयरलाइन में पायलट्स के संकट से उबरने के लिए हर कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक स्थिति को सामान्य करने में कामयाबी नहीं मिल सकी है. अब टाटा ग्रुप की एयरलाइन ने मुश्किल का हल निकालने के लिए एक और तरीका निकाला है.
मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि एयरलाइन अब एयर इंडिया के फर्स्ट ऑफिसर्स को विस्तारा में भेजने की योजना बना रही है, लेकिन इससे समस्या को तुरंत समाधान नहीं निकल सकेगा.
मामले की जानकारी रखने वाले इन लोगों ने बताया कि इन फर्स्ट ऑफिसर्स को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की ओर तय जरूरी 40 दिनों की ट्रेनिंग को पूरा करना होगा, DGCA के नियमों के मुताबिक, एयर इंडिया से डेप्यूटेशन पर आने वाले पायलट्स को सिम्युलेटर और लाइन ट्रेनिंग के साथ-साथ 21 दिन की ग्राउंड ट्रेनिंग से भी गुजरना होगा.
इन लोगों ने कहा कि विस्तारा और एयर इंडिया टाटा ग्रुप की दो एयरलाइंस हैं, लेकिन संचालन के लिए पायलट्स की नियुक्ति या अदला-बदली केवल औपचारिक ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद ही किया जा सकता है.
विस्तारा के प्रवक्ता ने रविवार को एक बयान में कहा, 'हम सावधानीपूर्वक अपने ऑपरेशंस को प्रति दिन लगभग 25-30 उड़ानों तक कम कर रहे हैं. यानी हमारी क्षमता का लगभग 10%' उन्होंने कहा, 'ये हमें फरवरी 2024 के अंत वाले संचालन के उसी स्तर पर वापस ले जाएगा और रोस्टर में बहुत जरूरी लचीलापन देगा.
ये कैंसिलेशन ज़्यादातर हमारे घरेलू नेटवर्क में और ग्राहकों की असुविधा को कम करने के लिए समय से बहुत पहले किए गए हैं. साथ ही, सभी प्रभावित यात्रियों को पहले ही अन्य उड़ानों में अकोमोडेट कर दिया गया है. जैसा कि हमने पहले कहा था, उसी के मुताबिक, अप्रैल 2024 महीने के लिए सभी बदलाव किए गए हैं और पिछले कुछ दिनों से हमारे समय पर प्रदर्शन में सुधार के साथ स्थिति पहले से बेहतर हो गई है.
मामले की जानकारी रखने वाले इन लोगों ने बताया कि एयर इंडिया पहले से ही फर्स्ट ऑफिसर्स की कमी से जूझ रही है, एयर इंडिया की ज्यादातर उड़ानों का संचालन वन-वे-कमांड के साथ की जा रही हैं.जिसका मतलब है कि दो कैप्टन कॉकपिट संचालन को संभाल रहे हैं. भले ही किसी दूसरी एयरलाइन के लिए एयरबस A320 उड़ाने वाले पायलटों को विस्तारा की ओर से काम पर रखा गया हो. उनकी ट्रेनिंग पूरी होने में कम से कम दो से तीन महीने तो लगेंगे ही.