Wine Culture in India: देश में जहां शराब का सेवन सीमित और पारंपरिक रूप से व्हिस्की तक सिमटा रहा है, वहीं नासिक में वाइन कल्चर धीरे-धीरे जड़ें जमा रहा है. देश में वाइन के मुरीद बढ़ रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों में हायर मिडिलक्लास में भी वाइन की एंट्री हुई है.
ये बदलाव न केवल भारत में यहां के लोगों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी इस क्षेत्र को नया चेहरा दे रहा है. महाराष्ट्र का नासिक हाल के कुछ वर्षों में देश का वाइन हॉटस्पॉट बन कर उभरा है.
नासिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कदम रखते ही अगर आपको लगे कि आप भारत में नहीं, बल्कि कैलिफोर्निया की वाइन कंट्री में आ गए हैं, तो ये हैरानी की बात नहीं होगी. एयरपोर्ट की दीवारों पर अंगूर के बागों और वाइन चखने के विज्ञापन ऐसे सजे हैं कि लगता है जैसे ये भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का वाइन हॉटस्पॉट हो.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दशकों में देश में वाइन प्रोडक्शन ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है और नासिक इसके केंद्र में उभरा है.
भारत की लीडिंग वाइन प्रॉड्यूसर कंपनी 'सुला वाइनयार्ड्स' (Sula Vineyards) ने पिछले साल ग्लोबल वाइन मास्टर्स में अपने कैबर्नेट सौविन्यॉन के लिए गोल्ड मेडल जीता, जो किसी भारतीय वाइन के लिए अब तक का सबसे बड़ा सम्मान है.
वहीं ग्रोवर जाम्पा (Grover Zampa) की वियोग्नियर (Viognier) वाइन को अमेरिका की वाइन एंड स्पिरिट्स होलसेलर्स प्रतियोगिता में 'बेस्ट ऑफ शो' का खिताब मिला.
लग्जरी टूर ऑपरेटर माइकेटो सफारीज इंडिया की डायरेक्टर लीसा आलम शाह बताती हैं, 'भारत में वाइन की कल्पना पहले असंभव सी लगती थी. यहां शराब पर भारी टैक्स हैं, जिससे विदेशों से आयातित क्वालिटी वाइन खरीदना मुश्किल हो जाता है.'
लेकिन अब उनके ग्राहक ताजमहल और राजस्थान के महलों से आगे कुछ नया तलाशना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने नासिक को माइकेटो के टूर में शामिल किया है.
उन्होंने कहा, 'लोग आज 'ऑथेंटिक' अनुभव चाहते हैं, चाहे वो उसे पूरी तरह समझते हों या नहीं,' वो कहती हैं, 'और इस समय नासिक पूरी तरह प्रामाणिक लगता है.'
मुंबई से नासिक तक का हाइवे शानदार है, लेकिन कुछ रास्ते अभी भी कच्चे हैं. इसलिए गाड़ी किराये पर लेकर जाना एक अच्छा विचार है.
यहां वाइन चखने के साथ-साथ आप गंगापुर डैम पर नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं, जो एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक है.
साथ ही आप त्र्यंबकेश्वर मंदिर और 2000 साल पुराने पांडव लेणी गुफाओं को भी देख सकते हैं.
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स सीमित मात्रा में वाइन पीने को खराब नहीं बताते और कुछ रेड वाइन पीने के फायदे भी बताते हैं. हालांकि एल्कोहॉल की ज्यादा मात्रा आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है.
नासिक की असली पहचान 'सुला वाइनयार्ड्स' ने बनाई. इसे 1999 में राजीव समंत ने शुरू किया, जो पहले सिलिकॉन वैली की जानी-मानी कंपनी ऑरेकल में इंजीनियर थे. नौकरी छोड़कर भारत लौटे और नासिक की हरियाली और पहाड़ियों ने उन्हें कैलिफोर्निया की याद दिला दी. समंत याद करते हैं-
मैंने पापा से कहा कि ये जमीन मत बेचो, मैं यहां कुछ करना चाहता हूं.
सुला ने वाइन को आम भारतीय लोगों के बीच न केवल पहुंचाया, बल्कि इसे स्वीकार्य बनाने में भी भूमिका बनाई.
सुला आज भारत में खपत होने वाली 50% वाइन का उत्पादन करता है. कंपनी 70 से ज्यादा वाइन लेबल बनाती है- स्पार्कलिंग रोजे से लेकर ओकी चार्डने और गाढ़े कैबर्नेट सौविन्यॉन तक.
2005 में खुला इसका वाइन टेस्टिंग रूम भारत का पहला था, जिसमें एक बार, गिफ्ट शॉप और एक छोटा थिएटर है जो सुला की कहानी दिखाता है.
2010 से यहां 'द सोर्स' नामक वाइन रिसॉर्ट भी शुरू हुआ, जो एक स्पेनिश हवेली और टस्कन विला का मिश्रण लगता है.
रिसॉर्ट में सुबह 'मिमोसा' की जगह 'अपना चाय खुद बनाओ' (Build Your Own Chai) स्टाइल बार है, जहां एक 'चायवाला' आपकी पसंद की चाय मिलाता है. किराया लगभग 100 डॉलर से शुरू होता है.
सुला में हर साल 3.5 लाख लोग आते हैं. 2025 में अप्रैल तक ही 3.31 लाख से ज्यादा लोग यहां आ चुके हैं.
दिसंबर 2022 में NSE पर 361 रुपये के भाव पर लिस्ट होने वाली सुला वाइनयार्ड्स एक समय 670 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी. फिलहाल इसके शेयर 290 रुपये से नीचे कारोबार कर रहे हैं.
कंपनी की प्रतिनिधि किंजल मेहता बताती हैं कि ये आंकड़े भारत में बढ़ती वाइन टूरिज्म की लोकप्रियता को दर्शाते हैं. हालांकि ज्यादामेहमान भारतीय होते हैं, लेकिन विदेशी मेहमानों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
एक गुरुवार की शाम टेस्टिंग रूम में साड़ी पहने दादियां से लेकर बैचलर पार्टी मनाते युवाओं तक की भीड़ थी. एक बोर्ड पर लिखा था-
दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने पहली बार यहीं वाइन चखी है.
वाइन पीने की शुरुआत करनेवालों को ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग सेशन 'वाइन 101' की तरह होते हैं. एक कर्मचारी ने कहा, 'इसे शॉट की तरह मत पीजिए,' जब उसने स्पार्कलिंग रोजे के ग्लास थमाए.
फिर उसने समझाया कि इसमें गुलाब का फूल नहीं डाला गया है. सेशन के बाद ज्यादातर लोग साइट पर बने पिज्जेरिया की ओर रुख करते हैं, जहां पनीर टॉपिंग वाले स्लाइस को जैमी जिन्फैंडल के साथ खाया जाता है.
सुला के अलावा नासिक में एक और नाम तेजी से उभरा है- वलोन (Vallonné). ये एक छोटा लेकिन बेहतरीन वाइनयार्ड है, जिसे संकेत गावंड ने शुरू किया. गावंड ने फ्रांस के बोर्डो और इटली के बोलोन्या में प्रशिक्षण लिया और फिर नासिक लौटकर वलोन शुरू किया. वे खुद ही वाइन मेकर हैं और सेलर में टेस्टिंग सेशन कराते हैं.
वलोन की वियोग्नियर और अनोखी कैबर्नेट सौविन्यॉन वाइन फ्रेंच वाइनों को टक्कर देती हैं. गावंड कहते हैं, 'हम मार्केटिंग में अच्छे नहीं हैं,' लेकिन उनके वाइन की गुणवत्ता खुद बोलती है. उनके गेस्टहाउस में चार कमरे हैं, जिनका किराया लगभग 70 डॉलर है, और रेस्टोरेंट में शानदार खाना मिलता है- लैंब कबाब से लेकर हक्का नूडल्स तक, जिसे उनकी क्रिस्प चेनिन ब्लांक के साथ परोसा जाता है.
वलोन जैसे वाइनयार्ड तक पहुंचने के लिए 'द वाइन फ्रेंड' नाम से मशहूर गाइड मनोज जगताप मददगार साबित होते हैं. वो 10 साल से टूर करवा रहे हैं और बताते हैं, 'कल आठ ऑस्ट्रेलियाई लोग आ रहे हैं. विंटर हार्वेस्ट सीज़न में तो नॉनस्टॉप टूर चलते हैं.'
सर्दियां और पतझड़ का मौसम, नासिक घूमने का सबसे अच्छा समय हैं. फरवरी में होने वाला 'सुला फेस्ट' देश का प्रमुख वाइन और म्यूजिक फेस्टिवल है, जिसमें 20,000 से ज्यादा लोग आते हैं. होटलों की कीमतें बढ़ जाती हैं और स्थानीय लोग अपने आंगन पार्किंग के लिए किराए पर देने लगते हैं.
वलोन के संकेत गावंड कहते हैं, 'भारत में वाइन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सकता है. हम अभी शुरुआत में हैं.' विदेश जाकर क्वालिटी वाइन चखने के बाद भारतीय ग्राहक अब घर लौटकर बेहतर स्वाद की मांग कर रहे हैं. 'जैसे ही उपभोक्ता गुणवत्ता समझने लगेंगे, वाइन मेकर्स भी बेहतर बनाने को मजबूर होंगे.'
वलोन की 2016 कैबर्नेट सौविन्यॉन की एक चुस्की, 'समृद्ध, स्मूद और धूप में पके लाल फलों की खुशबू से भरी' इस बात का संकेत देती है कि देश की वाइन मेकर कंपनियां सही रास्ते पर हैं.
गावंड मुस्कराते हुए कहते हैं, 'हम एक घनी आबादी वाला देश हैं. अगर यहां 1,000 और वाइनयार्ड खुल भी जाएं, तो भी सबका काम चलेगा. यहां सभी के लिए जगह है.'
कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत में वाइन कल्चर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और नासिक इसका नया केंद्र बनकर उभरा है. सुला की सफलता ने इस बदलाव को नई ऊंचाइयां दी हैं. नासिक के वाइन फेस्टिवल 'सुला फेस्ट' से लेकर वलोन जैसे प्रीमियम वाइनयार्ड्स तक, यहां वाइन प्रेमियों के लिए बहुत कुछ खास है. तो अगर आप भी हैं वाइन के शौकीन तो ग्लोबल वाइन मैप पर उभरते नासिक का प्लान बना सकते हैं.
(हेल्थ एडवायजरी: शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.)
Source: Bloomberg, Profit Research, NDTV Money