Layoffs Year Ender 2023: कंपनी की री-स्ट्रक्चरिंग, कॉस्ट कटिंग, जेनरेटिव AI की बढ़ती भूमिका, ऑपरेशनल खर्च कम करना, कैश-फ्लो संकट, माली हालत या फिर कंपनी का बंद हो जाना. ये तमाम ऐसे कारण हैं, जिनके चलते दुनियाभर की कई कंपनियों ने इस साल अपने सैकड़ों या हजारों कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
साल 2023 हजारों-लाखों युवाओं के लिए नई जॉब लेकर आया तो वहीं इसने हजारों-लाखों युवाओं को बेरोजगार भी कर दिया.
साल 2023 की शुरुआत हुई, गूगल (Google) में बड़ी छंटनी से, जब जनवरी में इसने 12,000 कर्मियों को जॉब से निकाल दिया. और अब साल 2023 का अंत हो रहा है, पेटीएम PayTm में 1,000 लोगों की छंटनी से.
साल की आखिरी तारीख यानी 31 दिसंबर को जेस्टमनी (ZestMoney) के बंद होने के साथ ही कंपनी में बचे कर्मी भी बेरोजगार हो जाएंगे.
दुनियाभर में कोई न कोई कंपनी पूरे वर्ष, हर महीने छंटनी करती रही. कोविड काल से टेक-लेऑफ को मॉनिटर करने वाली वेबसाइट 'Layoffs.fyi’ के डेटा के मुताबिक, 2023 में छोटी-बड़ी 1,179 कंपनियों ने 2.61 लाख लोगों को नौकरी से निकाल दिया. पिछले साल के मुकाबले छंटनी के आंकड़े 58% से ज्यादा की ग्रोथ देखी गई. 2022 में 1,064 कंपनियों ने 1.64 लाख लोगों को बाहर कर दिया था.
2023 में लगभग हर सेक्टर की कंपनियों ने अपने कर्मियों की छंटनी की. इनमें स्टार्टअप और टेक कंपनियाें का हाल ज्यादा बुरा रहा. एडटेक और फिनटेक से लेकर रिटेल, फूड, मार्केटिंग और हेल्थकेयर तक, हर सेक्टर पर छंटनी की कैंची चली. स्टार्टअप्स की बात करें तो शुरुआती 4 महीनों में ही छंटनी का आंकड़ा 5,900 के पार पहुंच गया था, जो साल के अंत तक लाख में पहुंच गया.
बायजू की कहानी किसी से छिपी नहीं है. एडटेक फर्म ने इस साल छंटनी के अपने दूसरे दौर में 2,500 कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया.
पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने कॉस्ट कटिंग करते हुए कर्मचारियों की लागत को 15% तक कम करने के लिए छंटनी का फैसला लिया और 1,000 से अधिक कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया.
ई-कॉमर्स कंपनी मीशो ने हाल ही में छंटनी का तीसरा दौर शुरू किया और इसके तहत 15% कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उड़ान ने भी इस साल कथित तौर पर 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. करीब 10% कर्मियों की छंटनी के पीछे की वजह कंपनी ने अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने और वेंडर्स पार्टनरशिप को बढ़ावा देने की योजना बताई.
शेयरचैट और मौज जैसे सोशल प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनी मोहल्ला टेक ने भी इस साल अपने 20% कर्मियों को बाहर का रास्जा दिखा दिया. आने वाले समय में कंपनी और छंटनी कर सकती है.
गूगल और रिलायंस से फंडिंग पाने वाली ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी डंजो (Dunzo) ने भी इस साल 30% कर्मचारियों की छंटनी की.
स्विगी ने इस साल प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग और परिचालन विभागों में करीब 380 कर्मियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया.
ओला ने भी अपने लगभग 200 कर्मियों की छंटनी की. रिपोर्ट्स के अनुसार, मूल कंपनी ओला कैब्स, सहायक कंपनियों ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और ओला इलेक्ट्रिक में ये छंटनी हुई.
क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX ने अगस्त में बताया था कि कंपनी ने 12% कर्मियों की छंटनी का फैसला लिया गया है. देश में क्रिप्टो बाजार चुनौतियों से जूझता रहा. कई और क्रिप्टो कंपनियाें ने इस साल छंटनियां की.
कई कंपनियां आर्थिक संकट से जूझते-जूझते बंद हो गईं. स्टार्टअप्स की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि 90% स्टार्टअप फेल होकर बंद हो जाते हैं. कई सफल स्टार्टअप्स पर भी ताला लग जाता है. अब ZestMoney को ही देखिए, कभी 40 करोड़ डॉलर की वैल्युएशन तक पहुंच चुकी ZestMoney इस साल की आखिरी तारीख यानी 31 दिसंबर को बंद हो रही है.
इस साल बंद होने वाले स्टार्टअप्स में अनार (Anar), बेलोरा कॉस्मेटिक्स (Belora Cosmetics), फैनटॉक (Fantok), डील-शेयर (Dealshare), कनेक्टेड H (ConnectedH), DUX एजुकेशन और पिलो (Pillow) जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इन कंपनियों में काम करने वाले 100% कर्मियों की नौकरी इस साल चली गई.