आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे चाइना एवरग्रांड ग्रुप (China Evergrande Group) ने न्यूयॉर्क के एक कोर्ट में खुद को दिवालिया घोषित किए जाने की अपील की है. ये अपील चैप्टर 15 बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के तहत लगाई गई है.
चैप्टर 15 बैंकरप्सी प्रोटेक्शन (Bankruptcy Protection) किसी भी दिवालिया कंपनी के एसेट्स की बैंकों और लेनदारों से सुरक्षा करता है. एवरग्रांड की ताजा कोशिश अमेरिका में अपने एसेट्स को सुरक्षित रखने की कवायद है, इस बीच कंपनी दूसरे देशों में लोन रिस्ट्रक्चरिंग पर काम कर रही है.
चैप्टर 15 बैंकरप्सी एक से ज्यादा देशों में चल रही इन्सॉल्वेंसी के मुकदमों से निपटने के लिए मैकेनिज्म उपलब्ध करवाता है. एवरग्रांड की चैप्टर-15 अपील, हॉन्ग कॉन्ग और केमैन आईलैंड में चल रही रिस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस का जिक्र करते हुए लगाई गई है.
एक वक्त में एवरग्रांड चीन के सबसे बड़े बि़ल्डर्स में शामिल थी. दो साल पहले कंपनी की 300 बिलियन डॉलर की देनदारी सामने आई थी. तबसे कंपनी आर्थिक मुसीबतों में फंसी हुई है.
चाइना एवरग्रांड का लिक्विडिटी संकट, चीन के ढहते रियल एस्टेट सेक्टर को दिखाता है. चीन में प्रॉपर्टी सेक्टर बड़ी मुसीबतों में है और कई बड़े बिल्डर्स अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पा रहे हैं. इसके चलते उनके खिलाफ ग्राहकों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया है, साथ ही कुछ मामलों में कर्ज की किस्त भी चुकाने से इनकार कर दिया.
हाल में चीन ने सेक्टर की हालत सुधारने के लिए बिल्डर्स को ज्यादा लोन देने, कर्ज पर ब्याज दरों में कटौती करने और परमीशन संबंधी सुधार किए थे.
एवरग्रांड बीते कई महीनों से ऑफशोर डेट रिस्ट्रक्चरिंग एग्रीमेंट पर काम कर रही है, इस साल की शुरुआत में कंपनी ने अपना प्रस्ताव सबके सामने रखा था. जुलाई में एवरग्रांड ने बताया था कि कंपनी को 2021 और 2022 में कुल 113 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.