ब्रिटिश सरकार ने पोर्ट टैलबोट में टाटा स्टील प्लांट के लिए 500 मिलियन पाउंड यानी करीब 12,865 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज की पुष्टी कर दी है. जो ब्रिटिश उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है.
ब्रिटेन के उद्योग सचिव रेनॉल्ड्स ने कहा कि इस समझौते को ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव सरकार के दौरान किया गया था, जिसे अब वर्तमान की कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने बनाए रखने का वादा किया था.
रेनॉल्ड ने पहले कहा था कि वो दक्षिणी वेल्स में साइट पर नौकरियों को बचाना चाहते हैं. कंपनी ने सरकार को चेताया था कि अगर फर्नेस बंद हुई तो 2,800 श्रमिकों की नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी. हालांकि इससे भी नौकरियां पूरी तरह सुरक्षित नहीं हुई हैं. इसलिए सरकार कह रही है कि अगर छंटनी हुई तो वो टोरी सरकार के साथ हुई डील के मुकाबले अधिक उदार होगी. पोर्ट टैलबोट में कंपनी इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस बनाने के लिए 1.25 बिलियन पाउंड की योजना पर काम करेगी और मौजूदा फर्नेस को बंद करेगी.
टाटा स्टील की ब्रिटिश ईकाई को पिछले कई सालों से मुनाफा कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. बढ़ती लागत के भार और एशियाई आयातों में प्रतिस्पर्धा के बीच यूरोपिय देशों में बिक्री कमजोर हो रही है. फिर भी नई लेबर सरकार ने कहा है कि वो ब्रिटेन के स्टील उद्योग का समर्थन करना चाहती है, और अपने घोषणापत्र में 2.5 बिलियन पाउंड का ग्रीन स्टील फंड स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई है.
देश की सबसे बड़ी स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी टाटा स्टील के पास ब्रिटेन के साउथ वेल्स में स्थित एक विशाल स्टील कारखाने का मालिकाना हक है. जिसमें ब्रिटेन के लगभग 8,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. एक साल पहले कंपनी ने ब्रिटेन सरकार को चेतावनी दी की अगर सरकार की ओर से किसी वित्तीय सहायता पैकेज पर सहमति नहीं बनी तो मजबूरन उन्हें अपनी साइट बंद करनी पड़ेगी, आखिर में सरकार कंपनी को 12,865 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है.
टाटा स्टील लिमिटेड ब्रिटेन में 7 अलग-अलग जगहों पर स्टील मैन्युफैक्चरिंग, कच्चे माल और रोलिंग मिल्स का संचालन करती है. ये सात जगहें हैं- पोर्ट टैलबोट, कोर्बे, लैनवर्न, ट्रोस्ट्रे, हार्टलेपूल, शॉटन और शेपफेल. जुलाई में कंपनी ने पोर्ट टैलबोट में स्थित अपनी दो स्टील फर्नेस में से एक को बंद कर दिया था.