ADVERTISEMENT

एलन मस्क की स्टारलिंक को सरकार से मिला 'लेटर ऑफ इंटेंट', कब से शुरू होंगी सैटेलाइट सेवाएं?

टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI प्रशासनिक आधार (administrative basis) पर सैटकॉम स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए सिफारिशों को अंतिम रूप दे रहा है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी08:24 AM IST, 08 May 2025NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारत में सैटेलाइट सेवाएं शुरू करने के लिए एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्टारलिंक (Starlink) एक कदम और आगे बढ़ गई है. PTI में छपी खबर के मुताबिक सरकार ने स्टारलिंक को सैटेलाइट सर्विसेज शुरू करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (Letter of Intent) जारी कर दिया है.

लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने का मतलब?

स्टारलिंक एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है जिसे स्पेसएक्स (SpaceX) ने डेवलप किया है. स्पेसएक्स अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माता और स्पेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी है, जिसकी स्थापना 2002 में दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने की थी. ये सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके दुनिया भर में हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं देता है.

सूत्रों ने PTI को बताया कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने अब स्टारलिंक को आशय पत्र या लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर दिया है. किसी कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने का मतलब ये होता है कि सरकार उस कंपनी को किसी प्रोजेक्ट, ठेके या सहयोग के लिए अपनी प्रारंभिक सहमति या इरादा जता रही है.

ये एक औपचारिक दस्तावेज होता है जो ये बताता है कि सरकार उस कंपनी के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रही है, लेकिन ये आमतौर पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होता, मतलब सरकार उस कंपनी को वो ठेका दे ही देगी या मंजूरियां दे ही देगी, ऐसा भी नहीं है. ये सिर्फ आगे की बातचीत या शर्तों को अंतिम रूप देने का आधार है. इससे पहले सरकार ने यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को लाइसेंस जारी किया था.

TRAI सिफारिशों को अंतिम रूप देने मे ंजुटा

टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI प्रशासनिक आधार (administrative basis) पर सैटकॉम स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए सिफारिशों को अंतिम रूप दे रहा है. इस हफ्ते की शुरुआत में सरकार ने कड़े सुरक्षा मानदंड जारी किए थे, जिसके तहत सैटेलाइट कम्यूनिकेशन सर्विसेज को कानूनी रूप से इंटरसेप्ट करना अनिवार्य कर दिया गया था और कंपनियों को किसी भी रूप में यूजर्स के कनेक्शन को देश की सीमा के बाहर स्थित किसी भी टर्मिनल या सुविधा से जोड़ने और विदेशों में उनके डेटा के प्रोसेसिंग पर रोक लगा दी थी.

कड़े सुरक्षा नियमों के तहत सर्विस प्रोवाइडर्स को देश में अपनी स्थापना के कुछ वर्षों के भीतर सैटेलाइट नेटवर्क के अपने जमीनी हिस्से का कम से कम 20% स्वदेशीकरण करना अनिवार्य कर दिया गया है. निर्देश के मुताबिक, सैटकॉम सर्विस लाइसेंस धारक को भारत में विशिष्ट गेटवे और हब लोकेशंस के लिए सुरक्षा मंजूरी और निगरानी, इंटरसेप्शन सुविधाओं और उपकरण आवश्यकताओं का अनुपालन करना होगा.

मंगलवार को केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि एलन मस्क के नेतृत्व वाली सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर स्टारलिंक को मंजूरी देना एक जटिल मुद्दा है लेकिन ये अंतिम चरण में है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT