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Insurance Portability: आयुष ट्रीटमेंट के लिए 13 देशों के लोग क्‍लेम कर सकेंगे हेल्‍थ इंश्‍योरेंस! ये है सरकार की तैयारी

आयुष मंत्रालय के सचिव ने कहा कि ट्रेडिशनल और अल्‍टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए 5 साल में इंश्‍योरेंस क्‍लेम 280% बढ़े हैं.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी05:07 PM IST, 28 May 2024NDTV Profit हिंदी
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केंद्र सरकार, हेल्थ इंश्योरेंस के तहत आयुष ट्रीटमेंट के विस्तार को लेकर व्यापक रूप से काम कर रही है. इसके साथ ही सरकार अमेरिका, ब्रिटेन समेत 13 देशों (OECD) के साथ भी इस संभावना पर बात कर रही है कि आयुष ट्रीटमेंट के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम का लाभ मिल सके.

आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) में एक्सपर्ट्स कोर ग्रुप के चेयरमैन, प्रो बेजॉन कुमार मिश्रा ने NDTV Profit हिंदी से बातचीत में कहा कि 'हेल्थ इंश्योरेंस की पोर्टेबिलिटी' पर चर्चा की जा रही है. भारत OECD देशों के इंश्‍योरेंस कंपनियों के साथ भी बात कर रहा है, ताकि आयुष उपचार के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस क्‍लेम्‍स की अनुमति मिले.

OECD यानी आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के अंतर्गत अमेरिका (USA), ब्रिटेन(UK), जर्मनी, स्पेन, तुर्की, पुर्तगाल, स्वीडन, स्लोवानिया, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, स्लोवाकिया, ग्रीस शामिल हैं.

प्रो मिश्रा ने कहा, 'इस पहल का उद्देश्‍य यहां ट्रेडिशनल और अल्‍टरनेटिव ट्रीटमेंट की तलाश करने वाले लोगों को मेडिकल कवरेज की सुविधा प्रदान करना है.' बता दें कि आयुष के अंतर्गत आयुर्वेद, योग, नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्‍योपैथी ट्रीटमेंट आते हैं.

आयुष वीजा और मेडिकल टूरिज्‍म

हर साल 78 देशों से करीब 20 लाख मरीज हेल्‍थ सर्विसेज, इलाज, IVF ट्रीटमेंट के लिए भारत आते हैं और इससे इंडस्‍ट्री को 6 बिलियन डॉलर का रेवेन्‍यू मिलता है. सरकार की 'हील इन इंडिया' पहल से 2026 तक इसके 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्‍मीद है.

प्रो मिश्रा ने इंश्‍योरेंस पोर्टैबिलिटी पर कहा, 'देश में मेडिकल टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल केंद्र सरकार ने आयुष वीजा कैटगरी की शुरुआत की. विदेश से लोग आयुष वीजा पर भारत इलाज कराने आ भी रहे हैं.'

मान लीजिए, कोई ब्रिटिश नागरिक, आयुष वीजा पर भारत आता है और यहां इंटरनेशनल स्‍टैंडर्डाइजेशन के तहत मेडिकल ट्रीटमेंट लेता है, तो उसका इंश्‍योरेंस क्‍लेम, ब्रिटिश बीमा कंपनी के पास मान्‍य होंगे. इसी तरह यही सुविधा हम भारतीय नागरिकों के लिए भी चाहते हैं.
प्रो बेजॉन कुमार मिश्रा, Chairman, Core Group of Experts for Insurance, Ministry of Ayush

इंटरनेशनल स्‍टैंडर्डाइजेशन बेहद जरूरी

आमतौर पर वैकल्पिक उपचार के तरीके भारत के अलावा, वैश्विक स्तर पर हेल्थ इंश्योरेंस क्‍लेम के अंतर्गत नहीं आते हैं. कारण कि विदेशों में आयुष चिकित्‍सा उस तरह से डेवलप भी नहीं है. इंश्‍योरेंस पोर्टैबिलिटी की बात करें तो इसके लिए इंटरनेशनल स्‍टैंडर्डाइजेशन बेहद जरूरी है.

आयुष बीमा को लेकर दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा में एक सेंसटाइजेशन प्रोग्राम में पहुंचे आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने NDTV Profit हिंदी से बातचीत में कहा, 'आयुष ट्रीटमेंट और ऑपरेशन प्रोसेस के अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण (International Standardisation) पर भी हमलोग काम कर रहे हैं. आयुष के लिए स्‍टैंडर्ड SOP मौजूद हैं और समय-समय पर इनका रिव्‍यू किया जाता है.'

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने आयुष दवाओं में 50 से ज्‍यादा स्‍टैंडर्ड पब्लिश किए हैं. वहीं, ISO स्‍टैंडर्ड शुरू करने का प्रोसेस भी चल रहा है. इससे 100 से ज्‍यादा देशों में आयुष की पहुंच होगी. अल्‍टरनेटिव ट्रीटमेंट के स्‍टैंडर्डाइजेशन के लिए BIS में एक समिति भी बनाई जा रही है.
वैद्य राजेश कोटेचा (पद्मश्री), सचिव, आयुष मंत्रालय

आयुष में इंश्‍योरेंस क्‍लेम्‍स खूब बढ़े

राजेश कोटेचा ने कहा, 'हम इंश्‍यारेंस प्रोवाइडर्स से पॉलिसीज के इंटर-ऑपरेशन या पोर्टैबिलिटी को लेकर बात कर रहे हैं. इंश्‍योरेंस फ्रॉड पर रोक लगे, इसके लिए भी हम काम कर रहे हैं.'

आयुष मंत्रालय के सचिव ने कहा, 'ट्रेडिशनल और अल्‍टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए 5 साल में इंश्‍योरेंस क्‍लेम 280% बढ़े हैं. वहीं FY23 के 7,006 क्‍लेम्‍स की तुलना में FY24 के 9 महीनों में ही 10,826 क्‍लेम्‍स हुए यानी 54% बढ़ोतरी हुई.'

उन्‍होंने बताया कि अभी भी आयुष बीमे में 280 के करीब प्रॉडक्‍ट्स मौजूद हैं, लेकिन इसे और व्‍यापक बनाया जा रहा है.

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