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Exclusive: मंकीपॉक्स की वैक्सीन बना रहा है सीरम इंस्टीट्यूट; समय सीमा पर भी अदार पूनावाल ने दिया जवाब

14 अगस्त को WHO ने Mpox को 'पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न' घोषित किया है. इससे पहले अफ्रीका के कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेज उछाल देखा गया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:28 PM IST, 23 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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दुनिया में बढ़ते मंकीपॉक्स मामलों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) Mpox से बचाव के लिए वैक्सीन विकसित कर रहा है. NDTV Profit के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में CEO अदार पूनावाला ने उम्मीद जताई कि एक साल में इससे जुड़ी कुछ 'अच्छी खबर' सामने आ सकती है.

14 अगस्त को WHO ने Mpox को 'पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न' घोषित किया है. इससे पहले अफ्रीका के कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेज उछाल देखा गया था.

पूनावाला ने कहा, 'Mpox आउटब्रेक के चलते जो ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित हुई है, उसे देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन बनाने पर काम कर रहा है, जिससे लाखों लोगों को फायदा हो सकता है.'

वहीं वैक्सीन आने की समयसीमा के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'मौजूदा प्रक्रिया को देखते हुए उम्मीद है कि एक साल के भीतर हमारे पास और ज्यादा अपडेट्स और कुछ अच्छी खबर होगी.'

कांगो में सबसे पहले सामने आए थे मामले

WHO के मुताबिक, 'कांगो गणराज्य में मंकी पॉक्स एक दशक से पहले सामने आ चुका था, हर साल वहां मंकी पॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी ही हुई है. बीते साल इन मामलों में जबरदस्त तेजी आई और अब इस साल जितने मामले आए हैं, वे पिछले साल की संख्या को भी पार कर चुके हैं. इस साल अब तक 15,600 मामले सामने आए हैं और 537 लोगों की मौत हुई है.'

कांगो के अलावा बुरुंडी, केन्या, रवांडा और उगांडा़ जैसे अफ्रीकी देशों में भी मंकी पॉक्स के मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं. वहीं यूरोप में स्वीडन में भी कुछ मामले आए हैं.

भारत में मंकी पॉक्स

भारत में पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले कुछ यात्रियों में मंकी पॉक्स के लक्षण देखे गए हैं. इसके बाद केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को एयरपोर्ट्स, पोर्ट्स और बांग्लादेश-पाकिस्तान बॉर्डर पर अथॉरिटीज को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था.

पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा की अध्यक्षता में रिव्यू मीटिंग के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की थी.

हालांकि मंत्रालय का साफ कहना है कि भारत में मंकी पॉक्स के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावनाएं बेहद कम हैं. WHO के मुताबिक भारत अब तक 30 मामले सामने आए हैं, पिछला मामला मार्च 2024 में आया था.

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