एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि जो कंपनियां रिमोट वर्किंग या WFH (Work From Home) पर फोकस कर रही हैं, उनकी रेवेन्यू ग्रोथ ऑफिस बुलाकर काम करने वाली कंपनियों की रफ्तार से 4 गुना ज्यादा है.
ये सर्वे फ्लेक्स वर्क एडवाइजर स्कूप टेक्नोलॉजीज और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने मिलकर किया है. सर्वे में टेक्नोलॉजी से इंश्योरेंस तक, करीब 20 सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं.
सर्वे में एवरेज इंडस्ट्री ग्रोथ रेट्स की तुलना में हर कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ का रेश्यो निकाला गया. ताकि हाई परफॉर्मिंग क्षेत्र की कंपनियों के आंकड़े एक जैसे लेवल पर रह सकें.
इस सर्वे में शामिल 554 पब्लिक कंपनियां ऐसी थीं, जो पूरी तरह रिमोट वर्किंग पर फोकस थीं, या फिर कर्मचारियों को ऑफिस आने और ना आने का ऑप्शन देती थीं.
ये कंपनियां कुल 2.67 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाती हैं. इनकी सेल 2020 से 2022 के बीच 21% बढ़ी.
जबकि हाइब्रिड या पूरी तरह लोगों को ऑफिस बुलाकर काम करने वाली कंपनियों की सेल्स इस अवधि में सिर्फ 5% ही बढ़ी.
ऐसी कंपनियां जो जिन्हें ऑफिस में कुछ कर्मचारियों को बुलाना ही पड़ता है, उनकी सेल्स फुल टाइम ऑफिस अटेंडेंस वाली कंपनियों की तुलना में दोगुनी रफ्तार से बढ़ी.
स्कूप को-फाउंडर और CEO रॉब शैडो के मुताबिक, 'रिमोट-फ्रैंडली कंपनियों की अच्छी ग्रोथ की वजह ये सकती है कि ये ज्यादा तेजी से और ज्यादा बड़े जियोग्राफिक एरिया से हायरिंग कर सकती हैं. इनका रिटेंशन रेट भी बढ़िया होता है.'
स्कूप के डेटाबेस में जो 5,565 कंपनियां हैं, इनमें 'फुल टाइम इन ऑफिस' वाली कंपनियों का शेयर इस साल की शुरुआत में 49% के स्तर से गिरकर 38% पर आ गया है.