लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए हैं. BJP को 240 सीटें आई हैं यानी 272 के बहुमत से कम. TDP और JDU समेत कुल 10 पार्टियों ने मिलकर BJP को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया है. लेकिन छोटे-छोटे दलों को मिलाकर बनी सरकार से पॉलिसी पर कैसा पड़ेगा असर? इनके दम पर बाजार की चाल क्या रहेगी? बीते 1 साल में बाजार में आई तेजी हवा हो जाएगी या फिर सेंसेक्स निफ्टी नई ऊंचाइयां छूते रहेंगे.
मूडीज (Moody's), मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) और फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) जैसे ब्रोकरेज फर्म ने चुनाव के बाद बाजार के भविष्य पर अपना विश्लेषण दिया है.
प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने चुनाव के बाद की परिस्थितियों के आधार पर कहा है कि शेयर बाजार का बुल रन जारी रहेगा और सेंसेक्स जून 2025 तक 82,000 का आंकड़ा पार करेगा.
BJP के नेतृत्व वाली NDA की वापसी से पॉलिसी लगभग वैसी ही चलेगी, जैसी रही है. ब्रोकरेज के मुताबिक, अगले 5 साल में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म के दम पर 20% की सालाना ग्रोथ का अनुमान है.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार सबसे लंबा और सबसे मजबूत शेयर बाजार होने वाला है. इसलिए इसमें बने रहें.
14% के अपसाइड पोटेंशियल के साथ सेंसेक्स जून 2025 तक 82,000 का आंकड़ा पार कर जाएगा. इस लेवल से पता चलता है कि सेंसेक्स का P/E लेवल 25 साल के औसत 20x के मुकाबले 24x हो जाएगा.
12 महीने का टारगेट 82,000
सरकार जारी रहने का मतलब मैक्रो स्थिरता और एंकर पॉलिसी बरकरार
मजबूत घरेलू ग्रोथ जारी रहेगी
FY26 तक सेंसेक्स का अर्निंग कंपाउंड सालाना 19% रहेगा
12 महीने का टारगेट 92,000
तेल की कीमतें $70/ बैरल के नीचे, घरेलू महंगाई में गिरावट और ब्याज दरों में कटौती का अनुमान
US का ग्रोथ साइकिल जारी, ग्लोबल शेयर प्राइस में बढ़ोतरी और बॉन्ड फ्लो में अपसाइड
FY24-26 के लिए अर्निंग ग्रोथ कंपाउंड 24% सालाना
12 महीने का टारगेट 62,000
तेल की कीमतें $110/ बैरल तक चढ़ जाए और RBI मैक्रो स्थिरता को बचाने के लिए फैसले ले
US फेड के ब्याज दरें बढ़ाने से RBI भी ब्याज दरें बढ़ाए और ग्लोबल ग्रोथ धीमी हो जाए
F2024-26 के लिए सेंसेक्स की 16% की सालाना ग्रोथ
ब्रोकरेज फर्म मूडीज का मानना है कि पॉलिसी जिस तरह चल रही है, वैसी ही चलती रहेगी. इंफ्रास्ट्रक्चर और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में बजट खर्च बढ़ेगा, और इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
FY23 में 7% के मुकाबले FY24 में रियल GDP ग्रोथ 8.2% रही थी. सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस के चलते ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल निर्माण में तेजी आई. हालांकि, निजी खपत अभी भी कम रही.
मूडीज ने कहा, 'FY24 से FY26 के लिए भारत की रियल GDP ग्रोथ 7% पर रहेगी. हालांकि, प्रोडक्टिविटी में सुधार से मीडियम-टर्म में इसमें तेजी आ सकी है और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और डिजिटलाइजेशन से ग्रोथ पोटेंशियल पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है'
सरकार का फोकस FY25-26 के लिए वित्तीय घाटे को GDP का 4.5% तक रखने का प्लान होगा.
NDA की गठबंधन सरकार बनने पर मूडीज की राय
बड़े प्रभाव वाले आर्थिक और वित्तीय सुधारों में देरी हो सकती है
ये फिस्कल कंसोलिडेशन की तरक्की में रुकावट बन सकता है
मजबूत ग्रोथ को समर्थन देने के लिए पॉलिसी निरंतरता की उम्मीद
इंफ्रा पर खर्च, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा जारी रह सकता है
FY24-FY26 के दौरान भारत की GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान
ब्रोकरेज फर्म फिच रेटिंग्स का मानना है कि मिली-जुली सरकार के चलते जमीन और श्रम से जुड़े बड़े रिफॉर्म्स, जिनसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सपोर्ट मिले, को पास कराना चुनौती भरा हो सकता है. भारत के मीडियम-टर्म के लिए पोटेंशियल अपसाइड में गिरावट आ सकती है.
फिच रेटिंग्स के मुताबिक, पॉलिसी जारी रहेगी, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स पर काम करती रहेगी, बिजनेस के लिए माहौल सुधरेगा और फिस्कल कंसोलिडेशन होगा. फिच ने आगे कहा कि इन सब सुधार के बावजूद, कमजोर सरकार के चलते महत्वाकांक्षी एजेंडा पर चलना सरकार के लिए मुश्किल होगा.
FY28 तक भारत के मीडियम-टर्म के लिए GDP ग्रोथ 6.2% रहने का अनुमान है. मौजूदा पब्लिक कैपेक्स से इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स की कमी को पूरा किया जाएगा. कोविड-19 के पहले जैसा डिजिटलाइजेशन, बैंक और कॉरपोरेट बैलेंस शीट में सुधार के चलते प्राइवेट इन्वेस्टमेंट के लिए मजबूत आउटलुक है.
PLI स्कीम जारी रहेंगी
सेमीकंडक्टर जैसे तमाम सेक्टर FDI को आकर्षित करेंगे
कम खर्च और केस जल्दी निपटाने से जुड़े कानूनों में रिफॉर्म संभव
जमीन और श्रम से जुड़े रिफॉर्म एडवांस लेवल पर जाएंगे
FY24 में फिस्कल डेफिसिट GDP का 5.6% रहा, जो कि फिच के पहले के अनुमान 5.8% से कम है
FY25 के लिए फिस्कल डेफिसिट टारगेट 5.1% पर रहेगा
NDA की गठबंधन सरकार बनने पर फिच रेटिंग्स की राय
गठबंधन की राजनीति, कमजोर जनादेश रिफॉर्म्स को चुनौतीपूर्ण बना सकता है
जमीन और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में रहेंगे
ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है
ये कानून लंबे समय से विवाद में रहे, कमजोर जनादेश से पास होना कठिन