भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) सेक्टर की रफ्तार में तेज उछाल देखने को मिल रहा है. इसमें नए सेगमेंट जोड़े जा रहे हैं, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है, इंपोर्ट सब्स्टिट्यूशन में बढ़ोतरी हो रही है और ग्लोबल पार्टनरशिप से एक मजबूती भी नजर आ रही है.
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) की हालिया रिपोर्ट पर नजर डालें, तो ये कुछ उतार-चढ़ाव के बीच उज्ज्वल भविष्य की गारंटी देती है.
EMS सेक्टर की कंपनियों के नए-नए सेगमेंट में तेजी से इजाफा हो रहा है. इसमें हाइ-एंड परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सर्वर्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ग्लोबल एयरोस्पेस, डेटा सेंटर और मेडिकल टेक्नोलॉजी शामिल है. इंपोर्ट सब्स्टिट्यूशन और बढ़ते एक्सपोर्ट से ग्लोबल ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स भी आ रहे हैं.
मोतीलाल ओसवाल के 6 जून के नोट के मुताबिक, शॉर्ट टर्म मार्जिन के दबाव से लॉन्ग टर्म में मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ और मार्जिन में बढ़ोतरी होने के पूरे आसार हैं.
EMS कंपनियां टेक्नोलॉजी के आधार पर पार्टनरशिप को सपोर्ट कर रही हैं. ग्लोबल OEMs से एडवांस टेक्नोलॉजी मिल जाती है, जिससे EMS कंपनियां कंपटीशन में बरकरार रहती हैं और मार्केट की जरूरतों को भी पूरा करती रहती हैं.
काएंस टेक्नोलॉजी ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (CDAC) के साथ HPC सर्वर्स के लिए पार्टनरशिप की है. वहीं, सिरमा SGS ने क्वेकटेल वायरलेस सॉल्यूशंस के साथ इंटरनेट ऑफ थिंग्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए करार किया है.
शॉर्ट टर्म चुनौतियों के बीच EMS इंडस्ट्री का लॉन्ग टर्म आउटलुक काफी पॉजिटिव नजर आता है. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, FY24-26 के दौरान EMS कंपनियों के लिए, रेवेन्यू में 39% ग्रोथ रेट, EBITDA में 48% और मुनाफे में 54% का अनुमान है.
मजबूत ऑर्डर बुक एग्जीक्यूशन के साथ नए और मौजूदा यूजर इंडस्ट्रीज में एक्सपेंशन से इसकी रफ्तार में भी बढ़ोतरी हो सकती है.
एंड-यूजर इंडस्ट्रीज में FY22 से FY27 के लिए 20% CAGR ग्रोथ का अनुमान है. इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, IoT और HPC जैसे टेक्नोलॉजी के एडवांस होने और हर डिवाइस में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट के बढ़ते इस्तेमाल इस ग्रोथ के पीछे की बड़ी वजह होंगी.