भारत में सोने में निवेश को सबसे सुरक्षित माना जाता है और सोने की खरीद त्योहारी सीजन में और भी ज्यादा बढ़ जाती है. भारत के लोग सोने को पीढ़ियों से जमा करते आए हैं और अपनी अगली पीढ़ी को ट्रांसफर भी करते हैं. इसी वजह से भारत में सोने का महत्व हमेशा बना रहेगा. हालांकि इस साल सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.
अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय और घरेलू संकेतों ने सोने की डिमांड ट्रेजेक्टरी को आगे बढ़ाया, सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बीच कुछ गिरावट भी देखी गई. 1 नवंबर 2023 तक सोने की घरेलू कीमत 60,980 रुपये दर्ज की गई थी. जबकि 1 नवंबर 2024 तक कीमतें चढ़कर 78,670 रुपये हो गई हैं.
इंडिया बुलियन एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक सोने की कीमतों में 28.80% की तेजी आई है. कमोडिटीज ने इस बार इक्विटी से ज्यादा रिटर्न भी दिया है.
कमोडिटी की सबसे कम कीमत बीते साल 5 अक्टूबर को देखी गई थी, जब सोना 56,650 रुपये पर आ गया था और 2023 में ही सबसे ज्यादा कीमत 26 दिसंबर को दर्ज हुई थी, जिस दिन सोना घरेलू बाजार में 63,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था.
साल 2024 में फेड रेट कट और जियो पॉलिटिकल तनाव के चलते सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है. इस साल कस्टम्स ड्यूटी में कटौती से साल में सबसे कम कीमत दर्ज की गई थी. कस्टम्स ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% करने से घरेलू बाजार में 25 जुलाई को सोने की कीमत 67,800 रुपये पर पहुंच गई थी.
बात अगर सबसे ज्यादा कीमत की करें तो त्योहारी सीजन के चलते 23 अक्टूबर को सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई पर 81,500 रुपये पर पहुंची. जहां घरेलू बाजार में उछाल के ये कुछ कारण हैं, तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने को ही सबसे सुरक्षित निवेश को तौर पर देखा जा रहा है.
जानकारों के मुताबिक इक्विटी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय तनाव से प्रेरित है, जबकि घरेलू डिमांड में भी कीमत को बढ़ाने वाली कई घटनाएं और संकेत हैं. सोने को एसेट के रूप में देखा जाना भी कमोडिटी के लिए सकारात्मक है.
केडिया कैपिटल के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा, ‘जब रैली होती है, तो ये तीन से चार साल तक जाती है और ये रैली 2020 में शुरू हुई थी’. साथ ही ‘बाजार ने पहले ही रैली को ध्यान में रखा है और जियो पॉलिटिकल तनावों को भी कम करके आंका गया है".
उनके मुताबिक ग्लोबल बैंकों के रेट कट और इन कारणों से सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में बना रहेगा.
अजय केडिया के मुताबिक ‘साल 2025 में भी सोने में डबल डिजिट का रिटर्न मिलने की उम्मीद है और अंतरराष्ट्रीय दाम 3,000 डॉलर तक जाने का अनुमान है और सबसे कम कीमत 2,400 डॉलर हो सकती है’.