Windfall Tax on Petrol, Diesel, ATF: केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित क्रूड ऑयल के लिए विंडफॉल टैक्स को घटाकर जीरो कर दिया. इसका सीधा मतलब ये है कि घरेलू स्तर पर उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर अब कोई विंडफॉल टैक्स नहीं लगेगा.
केंद्र ने मंगलवार को इस बड़े फैसले का ऐलान किया. इस संबंध में मंगलवार को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके मुताबिक, ये फैसला बुधवार, 18 सितंबर से लागू है. इस फैसले से क्रूड ऑयल एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को फायदा होगा.
विंडफॉल टैक्स की हर पखवाड़े समीक्षा की जाती है. 17 सितंबर तक क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स 1,850 रुपये/टन था और आज 18 सितंबर से इसे घटाकर 0 रुपये/टन कर दिया गया है. ये कदम कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बीच उठाया गया है, जो पिछले एक साल में 23% से अधिक गिर चुकी है.
ब्रेंट क्रूड का ग्लोबल बेंचमार्क भाव गिरकर 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है, जो अप्रैल के अपने उच्चतम स्तर 92 डॉलर प्रति बैरल से काफी कम है.
दो हफ्ते में औसत तेल की कीमतों के आधार पर हर 15 दिनों में विंडफॉल टैक्स को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. इससे पहले, 31 अगस्त को संशोधन प्रभावी हुआ था. उस समय सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 2100 रुपये/टन से घटाकर 1850 रुपये/टन निर्धारित किया था.
केंद्र सरकार ने पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया था और ऐसा कर भारत उन देशों में शामिल हो गया, जो ऊर्जा कंपनियों के अप्रत्याशित मुनाफे (Supernormal Profit) पर टैक्स लगाते हैं.
सरकार द्वारा अप्रत्याशित और औसत से ज्यादा लाभ कमाने वाली ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर लगाए गए अतिरिक्त टैक्स को विंडफॉल टैक्स कहा जाता है.
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है.
इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जब सरकार किसी इंडस्ट्री के रेवेन्यू में अचानक/अप्रत्याशित बढ़ाेतरी देखती है, तो वो प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने हिस्से में रखती है. यही विंडफॉल टैक्स होता है.